भारतीय आईटी सेवा कंपनियों में एआई और जेनएआई का बढ़ता प्रभाव

एआई और जेनएआई के बढ़ते उपयोग से पारंपरिक आईटी परियोजनाओं में लागत बचाने के तरीके बदल रहे हैं, खासकर 'रन-साइड' यानी रोज़मर्रा के संचालन में।

Industrial Empire
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भारतीय आईटी सेवा कंपनियों को अभी तक एआई और जेनएआई से जुड़े बड़े सौदे नहीं मिले हैं, लेकिन इन तकनीकों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। कंपनियाँ इन्हें लागत कम करने और परियोजनाओं की दक्षता बढ़ाने के लिए अपनाने लगी हैं। इससे ग्राहकों को भी फायदा हो रहा है, क्योंकि वे अपनी बचत का कुछ हिस्सा महत्वपूर्ण परियोजनाओं जैसे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और इनोवेशन में फिर से निवेश कर पा रहे हैं। मौजूदा आर्थिक अस्थिरता के बावजूद, एआई और जेनएआई का प्रयोग कंपनियों को स्मार्ट तरीके से काम करने में मदद कर रहा है और ग्राहक सेवा को बेहतर बना रहा है। भविष्य में, जैसे-जैसे इन तकनीकों की स्वीकार्यता बढ़ेगी, बड़े सौदों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है।

एआई और जेनएआई के बढ़ते उपयोग से पारंपरिक आईटी परियोजनाओं में लागत बचाने के तरीके बदल रहे हैं, खासकर ‘रन-साइड’ यानी रोज़मर्रा के संचालन में। पिछले तीन सालों में, पारंपरिक तरीकों जैसे लेबर आर्बिट्राज और मानकीकरण की प्रभावशीलता घट रही है, और अब कंपनियाँ एआई, ऑटोमेशन, स्मार्ट एनालिटिक्स, और चैटबॉट्स जैसी तकनीकों का उपयोग कर रही हैं, जिससे दक्षता में वृद्धि और लागत में कमी हो रही है। यह बदलाव आईटी कंपनियों को स्मार्ट तरीके से काम करने में मदद कर रहा है और ग्राहकों को बेहतर अनुभव दे रहा है। भविष्य में, एआई आधारित समाधान और भी प्रभावी हो सकते हैं, जो इन कंपनियों की रणनीतियों में अहम भूमिका निभाएंगे।

एआई और जेनएआई के प्रभाव से लागत बचत का नया दृष्टिकोण

अब सभी क्षेत्रों के उद्यम यह महसूस करने लगे हैं कि अगर वे एआई और जेनएआई जैसी तकनीकों का उपयोग नहीं करेंगे, तो परियोजनाओं में अपेक्षित लागत बचत प्राप्त करना मुश्किल होगा। आईटी सेवा अधिकारियों के अनुसार, यह रुझान अब सभी चर्चाओं का अहम हिस्सा बन चुका है। टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी, कृतिवासन के अनुसार, पारंपरिक लागत अनुकूलन सौदे फिर से चर्चा में हैं, लेकिन अब इनमें अतिरिक्त पहलू भी जुड़ गए हैं, जैसे विक्रेता समेकन और एआई-आधारित लागत अनुकूलन। यह दिखाता है कि एआई और जेनएआई अब लागत बचत के नए और अधिक प्रभावी तरीके प्रदान कर रहे हैं, जो उद्यमों के लिए जरूरी हो गए हैं।

एआई का लागत बचत में योगदान और ग्राहकों का रुझान

टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी ने बताया कि कुछ विशेष सौदों में, एआई लागत घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उदाहरण के लिए, एक ग्राहक को यह सुझाव दिया गया कि वह अपने पोर्टफोलियो के कुछ हिस्से में एआई का इस्तेमाल करके 20 प्रतिशत तक लागत बचा सकता है। इसके बाद, ग्राहक ने कंपनी से बड़े पोर्टफोलियो के लिए एआई समाधान अपनाने और सभी क्षेत्रों में समान बचत के तरीके पूछे। इन्फोसिस ने भी उल्लेख किया कि उसके अधिकांश ग्राहक अब प्रक्रिया समाधान, इंजीनियरिंग, और ग्राहक सेवा जैसे क्षेत्रों में एआई के माध्यम से उत्पादकता लाभ प्राप्त करने पर ध्यान दे रहे हैं।

यह दर्शाता है कि एआई अब न केवल लागत बचत के लिए, बल्कि व्यापार प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए भी अहम भूमिका निभा रहा है।

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