खेती में सिंचाई करना अक्सर एक मुश्किल काम होता है, खासकर जब डीजल वाले पंप सेट का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे पंप में डीजल की खपत ज़्यादा होती है, जिससे किसानों का खर्च बढ़ जाता है। परंपरागत पंप सेट की एक और बड़ी परेशानी ये है कि उसे एक ही जगह पर फिक्स कर दिया जाता है। वहां से पाइप के ज़रिए पानी खेतों तक पहुँचाया जाता है। ऐसे पंप सेट को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना काफी मुश्किल होता है। अगर किसान को किसी दूसरे खेत में पानी देना हो, तो उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं होते। लेकिन अब इसका एक बढ़िया समाधान आ गया है।
दरअसल, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में आदिवासी किसानों को पोर्टेबल सोलर पंप सेट बांटे जा रहे हैं। ये पंप सेट पूरी तरह से डीजल से मुक्त हैं और सिर्फ सौर ऊर्जा से चलते हैं। सबसे खास बात यह है कि इन्हें किसी भी खेत में आसानी से ले जाया जा सकता है। किसान इन्हें ट्रैक्टर की मदद से एक खेत से दूसरे खेत तक ले जाकर सिंचाई कर सकते हैं। इस पंप सेट से किसानों को दो बड़े फायदे मिलते हैं। पहला – यह डीजल या तेल पर निर्भर नहीं है, जिससे ईंधन का खर्च पूरी तरह बच जाता है। दूसरा – यह पंप हल्का और पोर्टेबल है, जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इससे सिंचाई का काम अब ज्यादा आसान और किफायती हो गया है।
सौर ऊर्जा से बदल रही है खेती
रायगढ़ जिला प्रशासन ने आदिवासी किसानों को पोर्टेबल सोलर पंप सेट उपलब्ध कराए हैं। इस पहल का मकसद दूरदराज के इलाकों में खेती की स्थिति को बेहतर बनाना है। इससे किसानों की डीजल पंपों पर निर्भरता कम होगी और टिकाऊ (सस्टेनेबल) खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह प्रोजेक्ट तब शुरू हुआ जब करीब 40 दिन पहले जिला कलेक्टर किशन जावले ने रोहा तालुका के किला गांव का दौरा किया था। दौरे के दौरान उन्होंने देखा कि आदिवासी किसान लगभग 400 एकड़ ज़मीन पर तुरई, करेला, भिंडी और तरबूज जैसी अधिक मुनाफा देने वाली सब्ज़ियों की खेती कर रहे हैं। लेकिन सिंचाई के लिए वे मुख्य रूप से डीजल पंपों पर निर्भर थे, जिससे उनका खर्च काफी बढ़ रहा था।
5 एचपी का पावरफुल सोलर पंप
यह पोर्टेबल सोलर पंप सेट 5 एचपी क्षमता का है, जिसकी मदद से किसान भरपूर मात्रा में पानी आसानी से अपने खेतों तक पहुँचा पा रहे हैं। अनुमान है कि इस सोलर पंप सेट के इस्तेमाल से किसान हर साल करीब 1.30 करोड़ रुपये तक डीजल की बचत कर सकेंगे। इससे न सिर्फ उनका खर्च कम होगा, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचेगा।
सिंचाई की यह उन्नत और किफायती तकनीक किसानों की फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद करेगी, जिससे उनकी आमदनी में भी इज़ाफा होगा। यह पहल रायगढ़ जिले में बड़े स्तर पर चलाई जा रही है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें। इस तरह के सोलर पंप न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद हैं, बल्कि टिकाऊ खेती की दिशा में भी एक मजबूत कदम हैं। यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।