मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब रजिस्टर्ड किसान बिना वेरिफिकेशन के 100 क्विंटल तक गेहूं बेच सकेंगे। इसके अलावा, वेरिफिकेशन के बाद किसानों को अपनी कुल उत्पादकता के आधार पर सापेक्ष उत्पादन क्षमता का तीन गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा दी जाएगी। इससे वेरिफिकेशन या अभिलेखों में किसी भी प्रकार की त्रुटि के कारण किसानों को अपने उत्पादित गेहूं को बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी।
किसानों से 2,425 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है। इसके साथ ही, 20 रुपये प्रति क्विंटल की अतिरिक्त राशि उतराई और छनाई के लिए दी जा रही है। किसानों की सुविधा के लिए गेहूं खरीद सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक क्रय केंद्रों पर की जा रही है। अगर किसी किसान को कोई समस्या आती है, तो वह टोल-फ्री नंबर 18001800150 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, वे जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
एक ओर जहां गेहूं की कटाई जारी है, वहीं दूसरी ओर क्रय केंद्रों पर गेहूं का तौल भी किया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिए अवकाश के दिनों में भी क्रय केंद्रों को संचालित किया जा रहा है। बिचौलियों को हटा कर सीधी खरीद की जा रही है और किसानों के खातों में तत्काल भुगतान किया जा रहा है।
इस पोर्टल से करें रजिस्ट्रेशन
गेहूं की बिक्री के लिए किसान खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप UP Kisan Mirta पर पंजीकरण और नवीनीकरण करा सकते हैं। इस समय सरकार मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से भी गेहूं खरीद रही है।