मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहाँ टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन (टीएमजेड) की स्थापना की जाएगी। यह जानकारी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कैबिनेट बैठक के बाद दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस ज़ोन की स्थापना को लेकर केंद्र सरकार को अपनी सहमति दे दी है। यह ज़ोन ग्वालियर में लगभग 350 एकड़ ज़मीन पर बनाया जाएगा। इसके निर्माण से करीब 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है, इसके साथ ही 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
ग्वालियर में बनने वाला टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग हब
ग्वालियर में बनने वाला यह टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग हब स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (साडा) क्षेत्र में स्थापित होगा। यहां दूरसंचार क्षेत्र से जुड़े उपकरण और ऐक्सेसरीज़ जैसे सिम कार्ड, चिप, एंटीना, मोबाइल फोन आदि बनाए जाएंगे। साथ ही, 6G तकनीक से संबंधित शोध और विकास (R&D) कार्य भी किए जाएंगे, जो भविष्य में टेलीकॉम क्षेत्र में नई क्रांति ला सकते हैं और देश को तकनीकी दृष्टि से और अधिक आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों के अनुसार, इस टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन (टीएमजेड) के लिए ग्वालियर में साडा की 271 एकड़ और ग्वालियर आईटी पार्क की 70 एकड़ ज़मीन मध्य प्रदेश औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (एमपीआईडीसी) को स्थानांतरित की जाएगी। इस परियोजना के तहत, देश और दुनिया की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियाँ इस हब में अपनी इकाइयाँ स्थापित कर सकती हैं, जिससे प्रदेश को भारी निवेश और विकास के अवसर मिलेंगे।
टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन के निवेशकों को इंदौर में मिलेगा औपचारिक आमंत्रण
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में डिक्सन, एरिक्सन, वॉयकॉन, वीवीडीएन, तेजस जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आगामी 27 अप्रैल को इंदौर में होने वाले आईटी कॉन्क्लेव के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कॉन्क्लेव में टेलीकॉम क्षेत्र के उद्योगपतियों और निवेशकों को टीएमजेड (टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन) से जुड़ी निवेश के अवसरों के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रण दिया जाएगा। इस कदम से राज्य में टेलीकॉम क्षेत्र के लिए निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और प्रदेश के औद्योगिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
इसके साथ ही अधिकारी ने यह भी कहा कि ग्वालियर का यह हब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखेगा और इसके माध्यम से मध्य प्रदेश प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्रों में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभर सकता है। ग्वालियर की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति, बेहतर कनेक्टिविटी, और अत्याधुनिक लॉजिस्टिक नेटवर्क इसे दुनिया के प्रमुख टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।
यह परियोजना मध्य प्रदेश को मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी, और राज्य को आर्थिक रूप से प्रगति करने में मदद करेगी। आने वाले वर्षों में, यह हब राज्य को एक टेलीकॉम और आईटी इनोवेशन के केंद्र के रूप में पहचान दिलाने में सक्षम होगा, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी।