BY- NISHA MANDAL
दिल्ली हमेशा से ही देश की राजनीति, कानून और व्यापार का केंद्र रही है। राजधानी की लक्ज़री प्रॉपर्टी मार्केट में समय-समय पर बड़े सौदे देखने को मिलते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही सौदा सुर्खियों में आया जब दिल्ली हाईकोर्ट के एक जाने-माने वकील ने दिल्ली की सबसे महंगी और प्रतिष्ठित कॉलोनियों में से एक, गोल्फ लिंक में लगभग 69 करोड़ रुपये का बंगला खरीदा। यह खबर दिल्ली रियल एस्टेट बाजार में फिर से जान फूंकने वाली मानी जा रही है।
गोल्फ लिंक: दिल्ली की सबसे पॉश कॉलोनी

गोल्फ लिंक को दिल्ली की सबसे पॉश और महंगी रिहायशी कॉलोनियों में गिना जाता है। यह लुटियंस जोन के अंतर्गत आता है, जो भारत की सबसे प्रतिष्ठित और महंगी रियल एस्टेट लोकेशनों में शामिल है। यहाँ रहना न सिर्फ़ एक सुविधा है, बल्कि यह एक स्टेटस सिंबल भी माना जाता है। भारत के कई बड़े उद्योगपति, राजनेता और मशहूर हस्तियाँ भी यहाँ रहते हैं।
गोल्फ लिंक की खासियतें:
- इंडिया गेट, सुप्रीम कोर्ट और संसद भवन जैसे प्रमुख स्थलों के पास
- हरे-भरे लॉन और खुली जगहें
- अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था
- सीमित और चुनिंदा रेजिडेंशियल यूनिट्स
69 करोड़ की डील: क्या है खास?
दिल्ली हाईकोर्ट के इस वरिष्ठ वकील द्वारा खरीदी गई यह प्रॉपर्टी लगभग 375 वर्ग गज में फैली हुई है। बंगले की लोकेशन, साइज, और इसकी बुनियादी संरचना इसे बेहद खास बनाती है। सूत्रों के अनुसार इस डील में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क भी लाखों रुपये में अदा किया गया है। इतनी बड़ी रियल एस्टेट डील ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी बाजार में मंदी की चर्चा चल रही थी। यह डील न सिर्फ बाज़ार में विश्वास जगाने वाली है बल्कि लक्ज़री सेगमेंट में निवेश की संभावनाओं को भी उजागर करती है।
दिल्ली में लक्ज़री प्रॉपर्टी की मांग

पिछले कुछ सालों में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लक्ज़री प्रॉपर्टी की मांग में इज़ाफा देखा गया है। खासकर कोविड के बाद, लोगों ने बड़े और खुले घरों को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि गोल्फ लिंक, सुएल लेन, जनपथ, पृथ्वीराज रोड जैसी जगहों पर फिर से मांग बढ़ी है।
कारण:
- काम से घर (वर्क फ्रॉम होम) के चलते बड़े घरों की ज़रूरत
- निवेश का बेहतर विकल्प
- स्टेटस सिंबल और जीवनशैली का प्रदर्शन
वकीलों और पेशेवरों का रुझान
दिल्ली हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और अन्य न्यायिक संस्थानों से जुड़े वरिष्ठ वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और बिजनेस प्रोफेशनल्स अब लक्ज़री प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं। उनका मानना है कि रियल एस्टेट एक स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प है, खासकर जब वह किसी प्रतिष्ठित क्षेत्र में हो। इस मामले में भी, खरीदार एक वरिष्ठ वकील हैं जो वर्षों से कानूनी क्षेत्र में प्रतिष्ठा प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने इस संपत्ति को अपने निजी उपयोग के लिए खरीदा है।
क्या कहता है रियल एस्टेट बाजार?
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील लक्ज़री सेगमेंट को नई ऊर्जा देगी। जब कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति इतनी बड़ी रक़म से प्रॉपर्टी खरीदता है, तो वह दूसरों को भी प्रेरित करता है।
विशेषज्ञों की राय:
- लक्ज़री प्रॉपर्टी में विश्वास बढ़ा है
- निवेशकों का ध्यान फिर से दिल्ली की ओर
- स्थिर आय वर्ग के लोग भी अब बड़े निवेश के लिए तैयार
सरकारी नीतियों और नियमों का प्रभाव
दिल्ली में संपत्ति की रजिस्ट्री, स्टाम्प ड्यूटी और बिल्डिंग बायलॉज जैसे कई सरकारी नियम होते हैं, जिनका इस तरह की बड़ी डील पर खास असर होता है। हाल ही में सरकार ने डिजिटल रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाया है, जिससे ऐसे सौदों में पारदर्शिता और गति आई है।
रियल एस्टेट

69 करोड़ रुपये की यह प्रॉपर्टी डील सिर्फ एक ख़रीद नहीं है, बल्कि यह दिल्ली के लक्ज़री रियल एस्टेट बाजार में एक सकारात्मक संकेत भी है। यह सौदा दिखाता है कि उच्च वर्ग और पेशेवर अब भी दिल्ली की प्रतिष्ठित लोकेशनों में निवेश करने को तैयार हैं। गोल्फ लिंक में यह डील आने वाले समय में और भी बड़ी रियल एस्टेट गतिविधियों को जन्म दे सकती है। यह न केवल प्रॉपर्टी बाजार के लिए बल्कि पूरी दिल्ली के लिए एक सकारात्मक संकेत है। लक्ज़री जीवनशैली, सुरक्षित माहौल और शहर के दिल में रहने की चाहत – यह सब कुछ इस एक डील में झलकता है। यह साफ है कि दिल्ली में लक्ज़री प्रॉपर्टी का आकर्षण कभी कम नहीं होता।