प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्री प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी गई है। इसके तहत सर्वेक्षण कार्य 1 मई 2025 से प्रारंभ होगा। उन्होंने बताया कि गन्ना उत्पादन का सटीक आंकलन करने के लिए इस बार सर्वेक्षण प्रक्रिया में शुद्धता, पारदर्शिता और किसानों की समस्याओं के समयबद्ध समाधान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस उद्देश्य से सर्वेक्षण गन्ना सूचना प्रणाली (Cane Information System) और स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के तहत हैंड हेल्ड कंप्यूटर (HHC) के माध्यम से GPS आधारित तकनीक से कराया जाएगा।

गन्ना किसानों द्वारा बोए गए गन्ने के क्षेत्रफल की जानकारी enquiry.caneup.in पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी, जहाँ किसान अपने घोषणा-पत्र देख सकेंगे और आवश्यकतानुसार संशोधन या आपत्ति दर्ज कर सकेंगे। सर्वेक्षण शुरू होने से लगभग तीन दिन पहले किसानों को SMS के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी, ताकि वे सर्वेक्षण के समय अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर सकें।
ऑनलाइन भरना होगा घोषणा-पत्र
प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि आगामी पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना किसानों को अपना घोषणा-पत्र स्वयं ऑनलाइन भरना अनिवार्य होगा। जिन किसानों द्वारा निर्धारित समयसीमा में घोषणा-पत्र ऑनलाइन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, उनके गन्ना सट्टे को विभाग द्वारा कभी भी निरस्त किया जा सकता है। किसानों को यह घोषणा-पत्र enquiry.caneup.in पोर्टल पर लॉगिन कर भरना होगा। यह प्रक्रिया गन्ना सर्वेक्षण में सटीकता, पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई है।
गन्ना आयुक्त ने आगे बताया कि सर्वे टीम के खेत पर पहुंचने की तिथि, टीम इंचार्ज का नाम और मोबाइल नंबर की जानकारी किसानों को सर्वेक्षण की तारीख से तीन दिन पहले SMS के माध्यम से भेज दी जाएगी। इससे किसान सर्वेक्षण के समय अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर सकेंगे और किसी भी प्रकार की त्रुटि से बचा जा सकेगा। यह पूरी प्रक्रिया स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट और गन्ना सूचना प्रणाली के माध्यम से डिजिटल पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू की गई है।
नियुक्त होंगे सर्किल इंचार्ज
गन्ना एवं चीनी विभाग द्वारा पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना सर्वेक्षण कार्य एक संयुक्त टीम के माध्यम से संपन्न कराया जाएगा। इस टीम में राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक, संबंधित चीनी मिल का कार्मिक, और सर्किल क्षेत्र का एक नामित किसान अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। यह व्यवस्था पारदर्शिता और सत्यापन की दृष्टि से लागू की गई है, जिससे सर्वे प्रक्रिया निष्पक्ष और त्रुटिरहित हो सके। जिन गन्ना परिषदों में अस्थायी रूप से गठित सर्किलों के अनुरूप राजकीय गन्ना पर्यवेक्षकों की संख्या पर्याप्त नहीं होगी, केवल उन्हीं परिषदों में आवश्यकतानुसार समिति कर्मचारियों को अस्थायी रूप से तैनात किया जा सकेगा, ताकि सर्वेक्षण कार्य में कोई बाधा न आए।
प्रत्येक सर्किल के लिए एक सर्किल इंचार्ज की नियुक्ति की जाएगी, जो उस क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य की निगरानी और समन्वय सुनिश्चित करेगा। यह इंचार्ज सर्वे टीम की कार्यवाही का नेतृत्व करेगा और किसानों के साथ समन्वय बनाकर डेटा संकलन में मदद करेगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य गन्ना उत्पादन का सटीक मूल्यांकन, किसानों की भागीदारी, और प्रशासनिक उत्तरदायित्व को मजबूत बनाना है।
गन्ना सर्वेक्षण के आंकड़े होंगे अपलोड
प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना सर्वेक्षण कार्य 1 मई से प्रारंभ होकर 30 जून 2025 तक पूर्ण किया जाएगा। सर्वेक्षण की इस अवधि में किसानों द्वारा बोए गए गन्ना क्षेत्रफल का GPS तकनीक से सटीक आंकलन किया जाएगा। सर्वेक्षण कार्य की समाप्ति के पश्चात, सर्वे से प्राप्त डाटा को कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन सर्वे रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। इस रजिस्टर में गन्ना क्षेत्रफल का विस्तृत विवरण अंकित किया जाएगा, जो बाद में सत्यापन प्रक्रिया के लिए उपयोग होगा।
रजिस्टर के अंतिम पृष्ठ पर संबंधित चीनी मिल के सर्वे कर्मी, विभागीय गन्ना पर्यवेक्षक, समिति कार्मिक, संबंधित ब्लॉक इंचार्ज, वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, एवं चीनी मिल के महाप्रबंधक (गन्ना) के संयुक्त हस्ताक्षर किए जाएंगे। इन हस्ताक्षरों के माध्यम से डाटा को अंतिम रूप से प्रमाणित और अनुमोदित किया जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गन्ना सर्वेक्षण सत्यता, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के साथ पूरा हो, जिससे भविष्य में किसी भी विवाद या त्रुटि की संभावना न्यूनतम हो।
गन्ना सर्वेक्षण 1 मई से 30 जून तक
1 मई से 30 जून 2025 तक चलने वाला गन्ना सर्वेक्षण कार्य समय-समय पर मुख्यालय और क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण के तहत निगरानी रखा जाएगा। इस निरीक्षण का उद्देश्य सर्वेक्षण कार्य की पारदर्शिता, शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करना है, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि या अनियमितता को तुरंत सही किया जा सके।
सर्वेक्षण कार्य के सुचारु संचालन के लिए सम्पूर्ण परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों और जिला गन्ना अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह दिशा-निर्देश सुनिश्चित करेंगे कि सर्वेक्षण प्रक्रिया सटीक रूप से निर्धारित समय सीमा के भीतर और किसान हितों को ध्यान में रखते हुए पूरी हो। गन्ना विभाग के अधिकारियों का यह उद्देश्य है कि सर्वेक्षण में कोई भी गड़बड़ी न हो, और किसानों को उनकी उपज का सही आंकलन प्राप्त हो। इसके अलावा, सभी विभागीय कर्मियों और कर्मचारियों को जिम्मेदार बनाया जाएगा ताकि काम में कोई लापरवाही न हो।