मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में गन्ना किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जिनसे न केवल गन्ना और चीनी उत्पादन में बढ़ौतरी हुई है, बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास में भी गन्ना किसानों का योगदान महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा है। सीएम योगी के प्रयासों से सालों से बंद पड़ी छाता (मथुरा) चीनी मिल फिर से चालू होने जा रही है, वहीं पिपराइच (गोरखपुर) में नई एथेनॉल डिस्टलरी की परियोजना भी अब वास्तविकता बनने जा रही है। छाता चीनी मिल और पिपराइच डिस्टलरी के लिए ई-निविदाओं की प्रक्रिया चल रही है, और जैसे ही यह पूरी होती है, निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, सीएम योगी के 8 सालों के शासनकाल में गन्ना किसानों का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है। इस साल भी गन्ना किसानों के बकाए राशि का 88 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है, और बची हुई राशि भी जल्द ही पूरी कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 8 सालों के शासनकाल में प्रदेश में गन्ना उत्पादन और उससे संबंधित उत्पादों के निर्माण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। साल 2025-26 के बजट में छाता, मथुरा में 3000 टीडीसी क्षमता की चीनी मिल और पिपराइच, गोरखपुर में 120 केपीएलडी की एथेनॉल डिस्टलरी की स्थापना की घोषणा की गई थी। वर्तमान में इन दोनों इकाइयों के निर्माण के लिए आधिकारिक प्रस्ताव की प्रक्रिया चल रही है, और अगले महीने तक यह प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।
साल 2009 से बंद पड़ी छाता, मथुरा की चीनी मिल के फिर से शुरू होने से क्षेत्र के गन्ना किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है। वही मिल की क्षमता को 2000 टीडीएस से बढ़ाकर 3000 टीडीएस किया जा रहा है, और भविष्य में इसे 4900 टीडीएस तक विस्तारित भी किया जा सकेगा। मिल का फिर से शुरू किया जाना क्षेत्र के गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी सौगात और खुशियों की लहर लेकर आई है। योगी आदित्यनाथ के इस कदम से गन्ना किसानों में एक नै उमंग और उत्साह देखने को मिल रहा है। गोरखपुर जिले के पिपराइच स्थित सुगर मिल में एथनॉल डिस्टलरी की स्थापना के लिए बजट में 90 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। वर्तमान में 120 केपीएलडी क्षमता की एथनॉल डिस्टलरी की निर्माण के लिए प्रस्ताव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। और अगले महीने तक इसका निर्माण कार्य शुरू होने की पूरी सम्भावना है।
बचे हुए राशि के भुगतान को जल्द ही पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे प्रदेश के गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति को और भी मजबूत किया जा सके। इस के साथ-साथ गन्ना और उससे संबंधित उत्पादों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागपत में अपनी एक जनसभा में इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया था। उन्होंने कहा था कि वर्तमान में गन्ना किसान और गन्ने के उत्पाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.09 लाख करोड़ रुपये के जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडेड) में योगदान दे रहे हैं।