किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर बागवानी फसलों की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं। अगर आप भी खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो रंगबिरंगी शिमला मिर्च की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है, क्योंकि रंगीन शिमला मिर्च की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और इसकी लागत भी कम आती है। इसके अलावा, शिमला मिर्च की खेती से आपको ताजगी और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलते हैं, जो बाजार में ज्यादा बिकते हैं और अच्छे दाम भी मिलते हैं। करनाल उद्यान विभाग की ओर से इंडो-इजरायल परियोजना के तहत बने सब्जी उत्कृष्ट केंद्र से किसान इस खेती से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ पर अनुभवी विशेषज्ञों से किसानों को सही तरीके से खेती करने, पौधों की देखभाल, रोगों से बचाव और उचित उर्वरक के उपयोग के बारे में बताया जाता है।
वेजिटेबल एक्सपर्ट डॉ. लवलेश ने बताया कि रंगीन शिमला मिर्च केवल पॉलीहाउस में उगती है, और वहां से ही अच्छी पैदावार मिलती है। इसके अलावा, किसान पौध पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ भी उठा सकते हैं, जो उनकी लागत को और भी कम कर देती है। पॉलीहाउस में शिमला मिर्च की बेहतर गुणवत्ता और अधिक उत्पादकता सुनिश्चित होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। इसके अलावा, इस खेती से पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इसमें कम पानी की आवश्यकता होती है और रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग भी कम होता है।
शिमला मिर्च की खेती का सही समय और तरीका
विशेषज्ञ डॉ. लवलेश ने बताया कि रंगीन शिमला मिर्च की खेती केवल पॉली हाउस और नेट हाउस में की जाती है। सबसे पहले बीज से पौध तैयार की जाती है, और फिर अगस्त महीने में इन पौधों को पॉली हाउस में ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। एक एकड़ में लगभग 10 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके आलावा, उन्होंने यह भी बताया कि अगर नेट हाउस में खेती की जा रही हो, तो एक एकड़ में 50 प्रतिशत लाल और 50 प्रतिशत पीली शिमला मिर्च के पौधे लगाए जाने चाहिए, क्योंकि जब यह फसल बाजार में बेची जाती है तो जोड़े में बेचे जाने पर इसके दाम 20 से 30 रुपये ज्यादा मिलते हैं।
इसके आलावा, उन्होंने बताया कि इस खेती में बीमारी की समस्या बहुत कम होती है, लेकिन कीटों की समस्या आ सकती है। हालांकि, इसे साधारण तरीकों से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। एक पौधे से 1.5 से 3 किलो तक शिमला मिर्च की तुड़ाई हो जाती है, जो एक अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है। इस खेती को ज्यादा लाभकारी बनाने के लिए पौधों को नियमित रूप से पानी, खाद और सही देखभाल की जरुरत होती है। साथ ही, कीट नियंत्रण के लिए जैविक तरीके और सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना चाहिए।
पौध खरीद पर 50% सब्सिडी
अगर किसान इस तरह की खेती करना चाहते हैं, तो उनके लिए हरियाणा सरकार के उद्यान विभाग की ओर से स्थापित किए गए केंद्रों से पौध खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। इसी के साथ किसान अगर इस प्रकार की खेती करना चाहते हैं। तो सबसे पहले उन्हें सही प्रशिक्षण लेना चाहिए। ताकि वो सही तकनीक का इस्तेमाल करके अचे से खेती कर सकें। किसानों के लिए किसी भी नई उत्पाद की खेती पूरी जानकारी लेकर करने से फायदा होता है। क्योंकि इससे किसान अपनी फसल को सही तरीके से संभाल सकते है। साथ ही अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।
शिमला मिर्च का रंग और कीमत
शिमला मिर्च 5 रंगों में मिलती है – लाल, पीली, बैंगनी, नारंगी और हरा। हालांकि, सबसे ज्यादा मांग लाल और पीली शिमला मिर्च की ही होती है। शादियों के सीजन के अलावा दिल्ली की आजाद मंडी में इसकी भारी मांग रहती है। यह एक ऐसी फसल है, जिसे सही तरीके से मार्केटिंग करके किसान बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं। बात करें इसकी कीमत कि तो लोकल मार्किट में रंगबिरंगी शिमला मिर्च का एवरेज रेट 100 से 120 रुपये और बड़े मार्केट में 250 से 300 रुपये प्रति किलो मिल जाता है।