प्रमुख दवा कंपनियाँ सिप्ला लिमिटेड और ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। यह कदम वहां की बदलती शुल्क प्रणाली से होने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा। दोनों कंपनियों की कुल आय का लगभग एक चौथाई हिस्सा अमेरिकी बाजार से आता है। अमेरिका में इन कंपनियों की मजबूत मौजूदगी उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने और नए उत्पादों को तेजी से बाजार में उतारने में मदद करती है। साथ ही, स्थानीय उत्पादन से वहां के नियामक मानकों का पालन करना भी आसान होता है, जिससे मंजूरी की प्रक्रिया तेज होती है। कंपनियाँ इस विस्तार के जरिए अपने व्यापार को और मजबूत बनाना चाहती हैं।

अमेरिका में निवेश और नवाचार
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सिप्ला अमेरिका में अपने कारोबार का तेजी से विस्तार कर रही है। अमेरिका खासतौर पर श्वसन और कैंसर से जुड़ी जेनेरिक दवाओं का एक बड़ा वैश्विक बाजार है। फिलहाल सिप्ला अमेरिका में मैसाचुसेट्स और न्यूयॉर्क में चार विनिर्माण इकाइयों के जरिए अपना संचालन करती है। इन इकाइयों में श्वसन संबंधी उत्पादों, ओरल थेरेपी, सैशे, टैबलेट और कैप्सूल का उत्पादन होता है। कंपनी का मानना है कि जटिल जेनेरिक दवाएं और पेप्टाइड आधारित दवाएं ऐसे दो क्षेत्र हैं, जिनमें वह भविष्य में दीर्घकालिक विकास की उम्मीद कर रही है। कंपनी का उद्देश्य सिर्फ उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण दवाएं समय पर बाजार में उपलब्ध कराना भी है। इससे कंपनी को अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद मिलेगी और प्रतिस्पर्धा में भी बढ़त मिलेगी। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर विनिर्माण से लागत कम करने और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने में भी सहायता मिलेगी।
USFDA की चेतावनी के बाद सुधार जारी
इस बीच, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने उम्मीद जताई है कि नॉर्थ कैरोलाइना के मोनरो में स्थित उसकी इंजेक्टेबल दवाओं की इकाई का संचालन वित्त वर्ष 2026 तक पूरी तरह सुचारु हो जाएगा। कंपनी इस इकाई का विस्तार करने की योजना भी बना रही है, ताकि भविष्य में उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके। हालांकि, इस संयंत्र को वर्ष 2023 में अमेरिकी औषधि नियामक यूएसएफडीए द्वारा निरीक्षण के बाद एक चेतावनी पत्र (वॉर्निंग लेटर) जारी किया गया था। कंपनी ने कहा है कि वह नियामक के सभी निर्देशों का पालन करते हुए आवश्यक सुधार कर रही है। ग्लेनमार्क का उद्देश्य अमेरिका में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करना और उच्च गुणवत्ता वाली इंजेक्टेबल दवाओं की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना है। यह पहल कंपनी को अमेरिकी स्वास्थ्य क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास की ओर ले जा सकती है।
ग्लेनमार्क का मोनरो प्लांट बनेगा ताकत का केंद्र, बढ़ी उम्मीदें

ग्लेनमार्क के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ग्लेन सलदाना ने कहा कि नॉर्थ कैरोलाइना के मोनरो स्थित कारखाने से कंपनी को अच्छा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, “यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिका में कारोबारी माहौल कैसा रहता है, लेकिन हमें मोनरो इकाई का विस्तार करने में खुशी होगी।” इस कारखाने में इंजेक्टेबल दवाओं का उत्पादन किया जाता है। अमेरिका में इस समय इंजेक्टेबल दवाओं की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है, ऐसे में मोनरो प्लांट ग्लेनमार्क की स्थिति को मजबूत करता है। सलदाना का मानना है कि इस इकाई के जरिए न केवल कंपनी को लाभ मिलेगा, बल्कि इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा, “यह पहल ‘मेक इन अमेरिका’ रणनीति के बिल्कुल अनुरूप है और इससे अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली को भी फायदा पहुंच सकता है।” कंपनी का लक्ष्य है कि वह गुणवत्ता, भरोसे और स्थानीय उत्पादन के जरिये अमेरिकी बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूती दे।
स्थानीय उत्पादन से मिलेगी बढ़त
भारत और अन्य देशों से आयातित दवाओं पर शुल्क बढ़ने की संभावनाओं को देखते हुए, अमेरिका जैसे बड़े बाजारों में स्थानीय स्तर पर मजबूत मौजूदगी अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है। सिप्ला की योजना से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया, “कंपनी की कुल आय में अमेरिकी बाजार पहले से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, और हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इसमें लगातार वृद्धि होगी।” कंपनी का मानना है कि अगर अमेरिका में उत्पादन और वितरण नेटवर्क मजबूत किया जाए, तो न केवल शुल्क लागत में कमी आएगी, बल्कि नियामकीय प्रक्रिया भी सुगम हो सकेगी। इसके अलावा, अमेरिका में स्थानीय निर्माण से कंपनी को तेज़ी से नई दवाओं को लॉन्च करने और प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने में भी मदद मिलेगी।