₹50 लाख की प्रॉपर्टी डील्स पर TDS के नए बदलाव: जानिए क्या है असर!

फाइनेंस एक्ट 2025 में प्रॉपर्टी से जुड़े सौदों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब, 50 लाख रुपये या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने पर 1% टीडीएस काटने का नियम पहले से लागू है।

Industrial Empire
4 Min Read

इस साल का बजट वाकई में हैरान करने वाला था। इसमें मध्यमवर्गीय लोगों को काफी राहत दी गई है। वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि अब साल में 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, भारत सरकार ने प्रॉपर्टी के सौदों में टैक्स चोरी रोकने के लिए फाइनेंस एक्ट 2025 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह बदलाव प्रॉपर्टी की बिक्री पर लगने वाले TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) से जुड़ा है।

फाइनेंस एक्ट 2025 में प्रॉपर्टी से जुड़े सौदों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब, 50 लाख रुपये या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने पर 1% टीडीएस काटने का नियम पहले से लागू है। यह टीडीएस राशि खरीदार को विक्रेता को भुगतान करते वक्त काटनी होती है, और फिर इसे इनकम टैक्स विभाग में जमा करना होता है। पहले इस नियम में एक छूट थी, जो जॉइंट मालिकों या संयुक्त खरीदारों के मामले में लागू होती थी। इसका मतलब था कि अगर किसी प्रॉपर्टी के मालिक एक से अधिक लोग थे (जॉइंट मालिक), और हर मालिक का हिस्सा ₹50 लाख से कम था, तो खरीदार TDS नहीं काटते थे। वे यह मानते थे कि हर विक्रेता का हिस्सा लिमिट से कम है, इसलिए TDS लागू नहीं होता, भले ही प्रॉपर्टी की कुल कीमत ₹50 लाख से अधिक हो।

नए नियम बदलाव

नया नियम इस कमी को दूर करता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से, TDS की गणना अब प्रॉपर्टी के पूरे मूल्य पर की जाएगी, न कि प्रत्येक सह-मालिक के हिस्से पर। इसका मतलब है कि अगर कुल बिक्री मूल्य ₹50 लाख से अधिक है, तो पूरे अमाउंट पर 1% TDS काटना होगा। यह नियम तब भी लागू होगा जब प्रॉपर्टी के एक से ज्यादा मालिक या एक से ज्यादा खरीदार हों। यह नियम कृषि भूमि को छोड़कर सभी प्रॉपर्टी की बिक्री पर लागू होगा।

इस बदलाव से प्रॉपर्टी सौदों में पारदर्शिता बढ़ेगी और टैक्स चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। पहले के नियमों में छूट होने के कारण कई बार टैक्स चोरी की घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन अब यह नया नियम टैक्स की सही तरीके से वसूली सुनिश्चित करेगा। इससे सरकार को प्रॉपर्टी बाजार पर बेहतर निगरानी रखने में मदद मिलेगी और टैक्स सिस्टम को मजबूत किया जाएगा। साथ ही, प्रॉपर्टी खरीदारों और विक्रेताओं को भी यह स्पष्ट होगा कि उन्हें सही समय पर TDS जमा करना है।

आखिर ये बदलाव क्यों हुए

यह बदलाव टैक्स में पारदर्शिता लाने, टैक्स चोरी को रोकने और उच्च मूल्य वाली संपत्ति सौदों में अनुशासन स्थापित करने के लिए किया गया है।अब खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को इन नए TDS नियमों का सही तरीके से पालन करना जरूरी है। सरकार चाहती है कि सभी लोग ईमानदारी से टैक्स भरें, और इसलिए ये नए नियम लागू किए गए हैं। “टैक्स भरो, देश बनाओ!” अब प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते समय TDS का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा सतर्क रहें और सही जानकारी रखें। यदि आपको किसी बात पर संदेह हो, तो किसी टैक्स विशेषज्ञ से सलाह लें, ताकि वे आपको सही दिशा दिखा सकें।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *