भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। ग्लोबल लेवल पर जितने भी आम की सप्लाई होती है, उसमें लगभग 50% हिस्सा सिर्फ भारत से जाता है। हमारे देश में आम की कई किस्मों की सफलतापूर्वक खेती होती है, और इनका स्वाद, खुशबू और रसीलापन पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। चाहे वो महाराष्ट्र का मशहूर अल्फांसो हो, या उत्तर प्रदेश का खट्टा-मीठा दशहरी, भारत में हर आम की अपनी अलग पहचान और स्वाद होता है। गर्मी का मौसम भारत में आम के बिना अधूरा माना जाता है। आम सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि एक एहसास है जो हर किसी की यादों में जुड़ा होता है।

भारत के अलग-अलग राज्यों में आम की अलग-अलग किस्में उगाई जाती हैं। कुछ राज्यों में तो कई तरह के आमों की खेती की जाती है, जो वहां की मिट्टी और मौसम के अनुसार बहुत ही स्वादिष्ट और खास बन जाते हैं। भारत के आमों की दुनिया में इतनी मांग है कि इन्हें विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। ये आम ना सिर्फ स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि इनकी खुशबू और बनावट भी इन्हें बाकी फलों से अलग बनाती है। इसके अलावा, जब बात आमों की हो, तो ‘मैंगो मैन ऑफ इंडिया’ कहे जाने वाले कलीमुल्लाह खान का ज़िक्र ज़रूरी है। उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद के रहने वाले कलीमुल्लाह खान ने एक ही आम के पेड़ पर 300 से ज्यादा किस्मों के आम उगाकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। उनका ये पेड़ 120 साल से भी ज्यादा पुराना है और आज भी आम की कई दुर्लभ किस्मों को जिंदा रखे हुए है।
अब सवाल ये है कि भारत के किन-किन राज्यों में आम की सबसे ज्यादा खेती होती है और किस राज्य में कौन सी किस्म पाई जाती है? चलिए जानते हैं वो राज्य जो आम की खेती के लिए सबसे ज्यादा मशहूर हैं।
उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश आम उत्पादन के मामले में पूरे भारत में पहले नंबर पर है। यहां हर साल करीब 25 लाख मीट्रिक टन आम की पैदावार होती है, जो देश के कुल आम उत्पादन का लगभग 25% हिस्सा है। यहां की उपजाऊ ज़मीन, गर्म जलवायु और अनुकूल मौसम की वजह से आम की खेती के लिए बेहतरीन माहौल मिलता है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आम की खेती की जाती है। यह राज्य खासतौर पर दशहरी, लंगड़ा और चौसा जैसी स्वादिष्ट और लोकप्रिय किस्मों के लिए मशहूर है।
दशहरी आम मलिहाबाद (लखनऊ) की पहचान बन चुका है। यह आम मीठा, रसीला और पतली गुठली वाला होता है। लंगड़ा आम बनारस और आसपास के इलाकों में ज्यादा उगाया जाता है, इसका स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है और इसका गूदा थोड़ा रेशेदार होता है। वहीं चौसा आम, जो सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों में ज्यादा पाया जाता है, अपने गाढ़े स्वाद और खुशबू के लिए जाना जाता है।
इन तीनों किस्मों की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी ज़्यादा है। यूपी से हर साल बड़ी मात्रा में आम का निर्यात होता है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश न सिर्फ आम उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि यहां के आमों का स्वाद, खुशबू और गुणवत्ता इसे देश और दुनिया के आम प्रेमियों के बीच खास बना देती है।
आंध्र प्रदेश
उत्तर प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश आम उत्पादन में देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। अनुमान के मुताबिक, यहां हर साल 12 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा आम की पैदावार होती है, जो देश के कुल आम उत्पादन का करीब 22% हिस्सा है। यहां की जलवायु, खासतौर पर तटीय इलाकों की गर्मी और नमी, आम की खेती के लिए बहुत अनुकूल मानी जाती है। आंध्र प्रदेश सिर्फ आम उगाने में ही नहीं, बल्कि उसकी प्रोसेसिंग यानी गूदा, अचार, जूस और पल्प बनाने के काम में भी अहम भूमिका निभाता है।

यहां कई किस्मों के आम उगाए जाते हैं, जिनमें खासतौर पर सफेदा (बंगनपल्ली) आम जो कि स्वाद में मीठा और रंग में हल्का पीला होता है। तोतापुरी, इसकी त्वचा थोड़ी मोटी होती है और स्वाद हल्का खट्टा-मीठा। यह प्रोसेसिंग में बहुत इस्तेमाल होता है। अल्फांसो, कुछ इलाकों में अल्फांसो की भी खेती होती है, जो अपनी खुशबू और स्वाद के लिए दुनिया भर में मशहूर है। राज्य में कई जगहों पर आम की प्रोसेसिंग यूनिट्स भी हैं, जहां आम से जूस, स्क्वैश, अचार, आम का गूदा (मैंगो पल्प) और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं। ये उत्पाद न केवल भारत में बिकते हैं, बल्कि बड़ी मात्रा में विदेशों में भी निर्यात किए जाते हैं। इस तरह, आंध्र प्रदेश ना सिर्फ आम की खेती में, बल्कि उससे जुड़े उद्योगों में भी एक मजबूत पहचान रखता है।
बिहार
बिहार भी भारत के प्रमुख आम उत्पादक राज्यों में शामिल है। यहां हर साल 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आम की पैदावार होती है। राज्य में आम की खेती मुख्य रूप से गंगा के उपजाऊ मैदानों और इसके आसपास के इलाकों में होती है, जहां की मिट्टी और मौसम आम के लिए बेहद अनुकूल हैं। बिहार में कई देशी किस्मों के आम उगाए जाते हैं, जो अपने खास स्वाद और खुशबू के लिए पहचाने जाते हैं। यहां की कुछ प्रमुख किस्में हैं।

जर्दालु आम (भागलपुर) बिहार की सबसे खास किस्मों में से एक, जो GI टैग भी प्राप्त कर चुकी है। यह आम अपनी तेज खुशबू, पतली छिलके और रसीले गूदे के लिए जाना जाता है। जर्दालु आम की मांग न सिर्फ बिहार और भारत के बाकी हिस्सों में है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पसंद किया जाता है। हर साल बिहार से बड़ी मात्रा में आम का निर्यात भी किया जाता है। बिहार की आम परंपरा, खासकर देशी किस्मों को संरक्षित रखने और उन्हें बढ़ावा देने में भी खास भूमिका निभाती है। यहां आम सिर्फ फल नहीं, बल्कि संस्कृति और पहचान का हिस्सा हैं।
कर्नाटक
कर्नाटक भी भारत के प्रमुख आम उत्पादक राज्यों में से एक है। यहां हर साल लगभग 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक आम की पैदावार होती है, जो देश के कुल आम उत्पादन का करीब 10% हिस्सा है। यह राज्य खासतौर पर अपने अल्फांसो आम के लिए जाना जाता है। अल्फांसो को ‘आमों का राजा’ कहा जाता है और इसका स्वाद, खुशबू और बनावट इसे बाकी आमों से अलग बनाती है। कर्नाटक के तटीय और दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में इस किस्म की खेती बड़े पैमाने पर होती है, खासकर उत्तर कर्नाटक, धारवाड़, करवार, और रामनगर जैसे जिलों में।

कर्नाटक के आमों की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी है। यहां के आम बागान घरेलू खपत और निर्यात, दोनों के लिए एक अहम स्रोत माने जाते हैं। खासकर अल्फांसो आम हर साल यूएई, यूरोप और दक्षिण एशिया जैसे देशों में भेजे जाते हैं। इसके अलावा, राज्य में तोतापुरी और मल्लिका जैसी अन्य किस्मों की भी खेती होती है, जिन्हें प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के लिए उपयोग में लाया जाता है। कर्नाटक ना सिर्फ उत्पादन में, बल्कि आमों की गुणवत्ता और निर्यात की दृष्टि से भी देश के अग्रणी राज्यों में से एक है।
गुजरात

गुजरात भी भारत के आम उद्योग में एक अहम भूमिका निभाने वाला राज्य है। यहां हर साल 10 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आम की पैदावार होती है। गुजरात का सबसे मशहूर आम है केसर, जिसे यहां बड़े प्यार से “आमों का राजा” कहा जाता है। केसर आम खासतौर पर गिर सोमनाथ, जूनागढ़ और अमरेली जैसे इलाकों में उगाया जाता है। इसका रंग गहरा सुनहरा होता है और स्वाद बेहद मीठा और खुशबूदार होता है। यही वजह है कि केसर आम की मांग हर साल गर्मियों में काफी बढ़ जाती है। गुजरात के आमों का ज़्यादातर हिस्सा घरेलू बाज़ार में ही खप जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे इसका निर्यात भी बढ़ रहा है। खासकर केसर आम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जाने लगा है।