मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मजबूत कानून व्यवस्था, बेहतर औद्योगिक नीतियां और निवेशकों के लिए बनाए गए अनुकूल माहौल की वजह से अब देश की कई बड़ी कंपनियां उत्तर प्रदेश की ओर रुख कर रही हैं। खासतौर पर बाराबंकी जिले में औद्योगिक विकास की नई रफ्तार देखने को मिल रही है। बाराबंकी का रामसनेही घाट क्षेत्र अब एक उभरता हुआ औद्योगिक हब बनता जा रहा है। यहाँ देश की कई प्रमुख एग्री बिजनेस कंपनियां अपने प्लांट लगाने जा रही हैं।
इससे न सिर्फ क्षेत्र के किसानों को उनकी फसलों का सही दाम मिलेगा, बल्कि हजारों युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। इन कंपनियों के आने से कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रसंस्करण पैकेजिंग और निर्यात जैसी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकेंगी। यह पहल ‘डबल इंजन की सरकार’ की उस नीति का हिस्सा है, जो गांव, किसान और उद्योग के समन्वित विकास पर जोर देती है।
बाराबंकी में चावल भूसी तेल रिफाइनरी प्लांट की तैयारी
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) अयोध्या मंडल के अध्यक्ष प्रमित कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि गणपति एग्री बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड ने बाराबंकी के रामसनेही घाट क्षेत्र में 25 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए रुचि जताई है। कंपनी यहां करीब 102 करोड़ रुपये के निवेश से चावल भूसी तेल निष्कर्षण और रिफाइनरी परियोजना की शुरुआत करने जा रही है। इस परियोजना से क्षेत्र में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही, यह प्लांट किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि उन्हें चावल की भूसी का बेहतर दाम मिलेगा, जो पहले तक अपशिष्ट माना जाता था। इस प्रकार की परियोजनाएं न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देती हैं, बल्कि कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर गांवों के विकास में भी अहम भूमिका निभाती हैं। सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) नीति और ‘मेक इन यूपी’ अभियान के तहत यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
यूपी में एग्री और इंडस्ट्रियल बूम
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDC) को देश की कई बड़ी कंपनियों से नए उद्योगों की स्थापना के लिए प्रस्ताव मिले हैं। इन प्रस्तावों के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपने नए कारोबार की नींव रखने जा रही हैं। इनमें हैंडलूम, एग्री बिजनेस, बॉटलिंग, सीमेंट, टेलीकॉम और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे न केवल प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
यूपी में लगेगा अनाज आधारित डिस्टिलरी और बॉटलिंग प्लांट
उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल लगातार मजबूत होता जा रहा है। इसी कड़ी में शालीमार ग्रुप की दो प्रमुख कंपनियों — शालीमार कंक्रीट प्रोडक्ट्स और शालीमार वाटर टैंक — ने प्रदेश में अपने दो बड़े प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी कर ली है। ये दोनों कंपनियां 25-25 एकड़ भूमि पर क्रमशः दूरसंचार परियोजना संयंत्र और बॉटलिंग प्लांट स्थापित करेंगी। इन परियोजनाओं से हर एक प्लांट में लगभग 225 प्रत्यक्ष और 1000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है, जिससे स्थानीय युवाओं को बड़ा लाभ मिलेगा।
इसके अलावा, राजस्थान लिकर लिमिटेड भी उत्तर प्रदेश में बड़ा निवेश करने जा रही है। कंपनी ने 40 एकड़ भूमि पर 400 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से 200 केएलपीडी (किलो लीटर प्रति दिन) की क्षमता वाला अनाज आधारित डिस्टिलरी और बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। इस परियोजना से करीब 2500 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इन सबके बीच यह साफ हो रहा है कि व्यापार और निवेश के लिए उत्तर प्रदेश अब देश की बड़ी कंपनियों की पहली पसंद बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों, बेहतर कानून व्यवस्था और उद्योगों के लिए सुविधाजनक माहौल ने प्रदेश को औद्योगिक विकास का नया केंद्र बना दिया है।
युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश में आ रहे इन सभी निवेश प्रस्तावों के पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मजबूत कानून व्यवस्था, पारदर्शी प्रशासन और उद्योगों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण एक अहम कारण हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य केवल निवेश को आकर्षित करना ही नहीं है, बल्कि प्रदेश के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी है।
सरकार की इस नीति के तहत युवाओं को न केवल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें उद्योगों से भी सीधे जोड़ा जा रहा है ताकि वे रोज़गार या स्वरोज़गार के माध्यम से अपने भविष्य को सशक्त बना सकें। इसी दिशा में काम करते हुए, इस वर्ष टेक्निकल एजुकेशन प्राप्त युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार और औद्योगिक अवसर मिलने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ उनकी प्रतिभा को सही दिशा मिलेगी, बल्कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति में भी उनका सक्रिय योगदान सुनिश्चित होगा।