The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Tuesday, Aug 26, 2025
Facebook X-twitter Youtube Linkedin
  • About Us
  • Contact Us
Subscribe
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
    • रिन्यूएबल एनर्जी
    • नॉन रिन्यूएबल एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य
Font ResizerAa
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & InnovationThe Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य
Search
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
    • रिन्यूएबल एनर्जी
    • नॉन रिन्यूएबल एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2025 The Industrial Empire. All Rights Reserved.
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > अन्य > ग्रीन इंडिया की ओर कदम: 14,028 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की तैयारी
अन्य

ग्रीन इंडिया की ओर कदम: 14,028 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की तैयारी

केंद्र सरकार 14,028 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने पर विचार कर रही है।
Last updated: 26/04/2025 11:13 AM
By
Industrial Empire
Share
Electronic Bus
SHARE

केंद्र सरकार 14,028 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने पर विचार कर रही है। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पहली निविदा (टेंडर) लगभग 10,000 ई-बसों के लिए निकाली जा सकती है, क्योंकि बसों की मांग फिलहाल उनकी उपलब्धता से कहीं अधिक है। अब तक केंद्र सरकार को 7 राज्यों में से 4 राज्यों—गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक और दिल्ली—से करीब 15,400 ई-बसों की मांग मिली है। इनमें से अकेले दिल्ली ने 2,500 बसों की मांग की है। बाकी 3 राज्य—महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल—ने अब तक अपनी मांग की जानकारी नहीं दी है।

उपरोक्त अधिकारी ने बताया, अब तक 4 राज्यों से 15,400 इलेक्ट्रिक बसों की मांग आ चुकी है, जबकि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र की ओर से मांग का इंतजार है। हमारी कुल योजना 14,028 ई-बसों की है, लेकिन उससे ज्यादा की मांग पहले ही आ चुकी है। उन्होंने आगे कहा, “हम टेंडर को आनुपातिक (प्रति राज्य की मांग के अनुसार) आधार पर जारी करने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही कुछ बसें उन राज्यों के लिए भी सुरक्षित रखी जाएंगी, जिन्होंने अभी तक अपनी मांग नहीं भेजी है। शुरुआत में हम करीब 10,000 से 11,000 बसों के लिए टेंडर जारी कर सकते हैं।

भारी उद्योग मंत्रालय ने सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक बनाने और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की मांग बढ़ाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत, 10,900 करोड़ रुपये की ‘पीएम ई-ड्राइव’ (प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल इनहैंसमेंट) योजना लाई गई है। इस कुल राशि का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाएगा। मंत्रालय ने 14,028 इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए 4,391 करोड़ रुपये का बजट भी तय किया है। यह राशि सब्सिडी के रूप में दी जाएगी, ताकि वित्त वर्ष 2026 के अंत तक ये ई-बसें सड़कों पर उतर सकें।

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) की सहायक कंपनी, कनवर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL), पहली निविदा के लिए पूरी तरह तैयार है। जैसे ही उद्योग मंत्रालय से मंजूरी मिलेगी, निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस संबंध में जब भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव और प्रवक्ता से जानकारी मांगी गई, तो कोई जवाब नहीं मिल सका। अधिकारी ने बताया कि सब्सिडी तय करने के लिए एक विशेष फॉर्मूला तैयार किया गया है, जो बसों की कुल लागत पर आधारित होगा। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल है क्योंकि इलेक्ट्रिक बसें करीब 10 साल तक चलती हैं और इनकी पूंजीगत लागत (Capital Cost) भी होती है। इसलिए, बोली प्रक्रिया बस की उम्र (कितने साल तक चलेगी) और उसकी कुल लागत को ध्यान में रखकर तय की जाएगी।

उदाहरण के तौर पर, अगर किसी बस के लिए बोली 60 से 65 रुपये प्रति किलोमीटर है और वह रोजाना 200 किलोमीटर चलती है, तो 10 साल की अवधि में उसकी कुल लागत का अनुमान लगाया जा सकता है। इस पर अधिकारी ने कहा, जब हमें बस की कुल कीमत का अंदाज़ा हो जाएगा, तब हम यह भी तय कर पाएंगे कि कितनी सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सब्सिडी की राशि थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि सरकार कम लागत वाली बोली को प्राथमिकता देगी। सब्सिडी की अधिकतम सीमा बस के आकार के अनुसार तय की गई है। 9 मीटर लंबी बस के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये, 12 मीटर के लिए 25 लाख रुपये और 15 मीटर लंबी बस के लिए 35 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा सकती है।

TAGGED:Capital CostCONVERGENCE ENERGY SERVICES LTDElectronic BusEnergy Efficiency Services LimitedGreen IndiaIndustrial EmpirePM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article कैलाश मानसरोवर यात्रा कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: जून-अगस्त के बीच होगी यात्रा, जानिए रूट और सुविधाएँ
Next Article Auto Sector ऑटो सेक्टर में बदलाव: क्यों दूर हो रही हैं छोटी कारें आम लोगों से?
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

अन्य

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना: खाद्य सुरक्षा के लिए 100 नए टेस्ट लैब की होगी स्थापना

By
Industrial Empire
अन्य

ड्रोन के माध्यम से महिलाएं खेतों में कर रहीं कीटनाशक का छिड़काव।

By
Industrial Empire
बैंकिंग

बचत खातों पर बड़ी राहत: अब नहीं लगेगा मिनिमम बैलेंस न रखने पर जुर्माना

By
Shashank Pathak
एग्रीकल्चर

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: अब हर साल मिलेगी 36 हजार की पेंशन, वो भी बिना खर्च के!

By
Shashank Pathak
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Facebook X-twitter Youtube Linkedin

Quick links

  • About Us
  • Contact Us
Categories
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य

Policies

  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions

Copyright © 2025 The Industial Empire. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?