भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूती देने के लिए सरकार ने रूस के साथ लगभग 3000 करोड़ रुपये की एक बड़ी डिफेंस डील पर मुहर लगाई है। इस डील के तहत भारतीय सेना को अत्याधुनिक इनवार टैंक भेदी मिसाइलें मिलेंगी, जो दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को पलभर में खत्म करने की ताकत रखती हैं। यह सौदा ऐसे समय हुआ है जब भारत को चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर दोतरफा खतरा बना हुआ है। ऐसे में इन मिसाइलों की तैनाती से भारतीय सेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

इनवार मिसाइलें रूस में बनीं एक उन्नत एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हैं। ये मिसाइलें भारत के मुख्य युद्धक टैंक T-90 में तैनात की जाएंगी। इन मिसाइलों की खासियत यह है कि ये दुश्मन के भारी से भारी टैंक को भी 4000 मीटर तक की दूरी से सटीक निशाना बनाकर तबाह कर सकती हैं। इन मिसाइलों को टैंक की बंदूक से ही दागा जा सकता है जिससे अलग से किसी लॉन्चर की जरूरत नहीं पड़ती। यह तकनीक भारतीय सेना के लिए एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकती है।
भारत की यह डील न केवल सैन्य स्तर पर बल्कि रणनीतिक मोर्चे पर भी बेहद अहम मानी जा रही है। चीन लगातार भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। वहीं पाकिस्तान भी नियंत्रण रेखा पर आए दिन सीजफायर का उल्लंघन करता रहता है। ऐसे में इन मिसाइलों की तैनाती से भारत के दुश्मनों को साफ संदेश मिल गया है कि भारत अब जवाब देने में देर नहीं करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन मिसाइलों की मौजूदगी से भारत को सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशनों में भी बेहतर सफलता मिल सकती है। इसके अलावा यह मिसाइल प्रणाली “फायर एंड फॉरगेट” तकनीक से भी लैस है यानी एक बार निशाना साधने के बाद यह अपने लक्ष्य को खुद खोजकर खत्म कर देती है। इससे सैनिकों को अतिरिक्त सुरक्षा भी मिलती है।
इनवार मिसाइलों की यह डील भारत की सैन्य ताकत को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगी। इससे भारतीय सेना को आधुनिक और स्मार्ट युद्ध प्रणाली से लैस होने का मौका मिलेगा। वहीं चीन और पाकिस्तान के लिए यह डील एक बड़ा झटका मानी जा रही है क्योंकि इससे भारत का सामरिक संतुलन और रणनीतिक प्रभुत्व दोनों ही मज़बूत होंगे।