अब देश के सभी डाकघर जल्द ही डिजिटल पेमेंट स्वीकार करेंगे। अगस्त 2025 से यह सुविधा पूरे भारत में लागू हो जाएगी। इसके लिए डाक विभाग अपनी सूचना और प्रौद्योगिकी (IT) प्रणाली को अपडेट कर रहा है। इसमें एक नया एप्लिकेशन जोड़ा जा रहा है, जिससे डिजिटल भुगतान को आसानी से स्वीकार किया जा सकेगा। अभी तक डाकघर यूपीआई (UPI) से जुड़े नहीं थे इसलिए डिजिटल पेमेंट संभव नहीं था। लेकिन अब नए सिस्टम में डायनमिक QR कोड आधारित पेमेंट संभव हो सकेगा।
कर्नाटक से शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
डिजिटल लेनदेन की यह नई व्यवस्था पहले कर्नाटक सर्कल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है। मैसूर हेड ऑफिस, बागलकोट और दूसरी शाखाओं में QR कोड के जरिए मेल प्रोडक्ट्स की बुकिंग सफल रही है। इससे पहले भी डाक विभाग ने QR कोड के माध्यम से पेमेंट की कोशिश की थी लेकिन तकनीकी समस्याओं और ग्राहकों की शिकायतों के कारण उसे बंद कर दिया गया था। अब नए सिस्टम के साथ यह सुविधा दोबारा शुरू की जा रही है और अगस्त से पूरे देश में लागू हो जाएगी।
NHAI का नया ऐप बताएगा सबसे सस्ता टोल रूट
अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का ‘राजमार्ग यात्रा’ ऐप यात्रियों को बताएगा कि किसी दो शहरों के बीच कौन-सा रास्ता सबसे कम टोल वाला है। यह नया फीचर जुलाई के अंत तक ऐप पर लाइव हो जाएगा। इस ऐप से यात्रा की योजना बनाना और भी आसान हो जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति दिल्ली से लखनऊ जाना चाहता है तो उसके पास तीन मुख्य रास्ते हैं – पहला यमुना एक्सप्रेसवे, दूसरा गाजियाबाद-अलीगढ़-कानपुर और तीसरा मुरादाबाद-बरेली-सीतापुर है। यह ऐप हर रास्ते का टोल चार्ज दिखाएगा ताकि यूज़र अपने बजट और सुविधा के अनुसार सही रास्ता चुन सके।
चालू खाता अधिशेष में बड़ा सुधार
देश की अर्थव्यवस्था के लिए राहत की खबर है। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का चालू खाता 13.5 अरब डॉलर के अधिशेष में रहा जो GDP का 1.3% है। पिछले साल इसी अवधि में यह 4.6 अरब डॉलर था और पिछले तिमाही में 11.3 अरब डॉलर के घाटे में था। चालू खाते से पता चलता है कि देश ने निर्यात, आयात और विदेशी निवेश से कितना कमाया या खर्च किया। इस तिमाही में सेवा निर्यात, खासकर कंप्यूटर और व्यवसायिक सेवाओं में अच्छी वृद्धि देखने को मिली। वहीं वस्तु व्यापार घाटा 59.5 अरब डॉलर रहा।
AEPS में टचपॉइंट ऑपरेटर होंगे शामिल
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आधार आधारित भुगतान प्रणाली (AEPS) में सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे टचपॉइंट ऑपरेटरों को AEPS में शामिल करें लेकिन उससे पहले उनकी पूरी जांच-पड़ताल जरूरी होगी। अगर कोई ऑपरेटर पहले से ही बिजनेस करेस्पॉन्डेंट या एजेंट के रूप में वैरिफाई है तो दोबारा जांच की जरूरत नहीं होगी। साथ ही अगर कोई ऑपरेटर तीन महीने तक एक्टिव नहीं रहता है तो दोबारा केवाईसी जरूरी होगी। RBI ने यह कदम हाल में AEPS के माध्यम से हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए उठाया है। सिस्टम की सुरक्षा बनाए रखने और ग्राहकों के भरोसे को कायम रखने के लिए निगरानी प्रणाली, रिस्क मैनेजमेंट और ऑपरेशनल पैरामीटर को मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया है।
डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते कदम
डाकघरों में डिजिटल पेमेंट, हाईवे ऐप में स्मार्ट टोल गाइडेंस, चालू खाता अधिशेष में सुधार और AEPS में सुरक्षा बढ़ाने जैसे ये सभी कदम भारत को एक मजबूत और डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में ले जा रहे हैं। आने वाले महीनों में आम लोगों के लिए ये सुविधाएं न सिर्फ आसान होंगी बल्कि समय और पैसे दोनों की बचत करेंगी।