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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > एग्रीकल्चर > Biogas से बदलेगा गांव का भविष्य! सरकार दे सकती है ₹10,000 तक की सब्सिडी, एलपीजी पर ₹3,618 करोड़ की होगी बचत
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Biogas से बदलेगा गांव का भविष्य! सरकार दे सकती है ₹10,000 तक की सब्सिडी, एलपीजी पर ₹3,618 करोड़ की होगी बचत

Shashank Pathak
Last updated: 13/07/2025 3:54 PM
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Shashank Pathak
ByShashank Pathak
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भारतीय बायोगैस संघ ने उठाई बड़ी मांग, बायोगैस को ग्रामीण ईंधन का मजबूत विकल्प बनाने की तैयारी - प्रतीकात्मक इमेज
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ग्रामीण भारत में स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा पहुंचाने के लिए बायोगैस एक बेहद अहम साधन बनकर उभर रहा है। अब इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भारतीय बायोगैस संघ (IBA) ने एक साहसिक प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है। इसके तहत 50 लाख निष्क्रिय या कम उपयोग हो रहे बायोगैस प्लांट्स को पुनर्जीवित करने के लिए 10 हजार रुपये प्रति इकाई की सब्सिडी देने की मांग की गई है।

मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा नया जीवन
IBA के चेयरमैन गौरव केडिया के अनुसार, भारत में ऐसे लाखों बायोगैस प्लांट्स हैं जो पहले से बने हुए हैं, लेकिन धन की कमी, रखरखाव और प्रोत्साहन के अभाव में ये बंद पड़े हैं। अगर इन्हें दोबारा शुरू किया जाए, तो यह न केवल ग्रामीण परिवारों को मुफ्त घरेलू ईंधन दे सकते हैं बल्कि सरकार की ऊर्जा सब्सिडी का बोझ भी घटा सकते हैं।

10 हजार में दोबारा शुरू हो सकता है एक प्लांट
गौरव केडिया का कहना है कि जैसे सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये की सब्सिडी देती है, वैसे ही बायोगैस प्लांट्स के लिए 10 हजार रुपये की एकमुश्त सब्सिडी दी जा सकती है। इससे ग्रामीण परिवारों को आत्मनिर्भर ऊर्जा स्रोत मिलेगा और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। यह लागत बहुत ही कम है और दो साल के भीतर इससे हुए बचत से यह खर्च कवर भी हो सकता है।

एलपीजी सब्सिडी में होगी भारी कटौती
आज देश में करोड़ों ग्रामीण परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर दिए जाते हैं। ग्रामीण बायोगैस प्लांट्स, ग्रामीण परिवारों को सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर (Ujjawala Yojana के तहत 603 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से प्रति वर्ष 12 सिलेंडर) का स्थान ले सकते हैं। यानी अगर ये 50 लाख बायोगैस प्लांट्स चालू हो जाएं, तो हर साल सरकार को 3,618 करोड़ रुपये तक की एलपीजी सब्सिडी की बचत हो सकती है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ कम होगा और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम भी होगा।

बायोगैस को भविष्य का घरेलू ईंधन बनाना होगा
आईबीए का मानना है कि अब समय आ गया है कि हम बायोगैस को केवल “वैकल्पिक ईंधन” न समझें, बल्कि इसे मुख्य घरेलू ईंधन के रूप में अपनाएं। इसके लिए एक मिशन-ड्रिवन दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है, ठीक वैसे ही जैसे स्वच्छ भारत अभियान को एक आंदोलन के रूप में चलाया गया था।

रोजगार, पर्यावरण और ऊर्जा – तीनों में होगा फायदा
बायोगैस प्लांट्स के पुनर्जीवन से स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा, क्योंकि इसके निर्माण, संचालन और रखरखाव में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी। साथ ही, यह जैविक अपशिष्ट के निपटान और प्राकृतिक खाद के निर्माण में भी सहायक होगा। सबसे बड़ी बात, यह भारत को कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में भी मजबूती से आगे बढ़ाएगा।

TAGGED:agriculturalBiogasbiogas plantIndustrial Empirelpgsubsidy
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