जहां एक ओर टेस्ला भारत में धीरे-धीरे कदम रख रही है, वहीं वियतनाम की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी विनफास्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है। विनफास्ट ने तमिलनाडु के तूत्तुक्कुडि में 2 अरब डॉलर की लागत से बनने वाले अपने संयंत्र से भारत में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी कर ली है।
पड़ोसी और वैश्विक बाजारों से मिल रहे ऑर्डर
विनफास्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, भारत में कंपनी की यूनिट को नेपाल, श्रीलंका, मिडिल ईस्ट (पश्चिम एशिया) और अफ्रीका से इलेक्ट्रिक SUV के ऑर्डर मिलने शुरू हो चुके हैं। यानी भारत अब सिर्फ उत्पादन का केंद्र नहीं, बल्कि एक वैश्विक एक्सपोर्ट हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
जल्द शुरू होगा प्रोडक्शन, त्योहारी सीजन में मिलेगी डिलीवरी
विनफास्ट के तूत्तुक्कुडि संयंत्र से इस महीने के अंत तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। त्योहारी सीजन तक कंपनी की इलेक्ट्रिक SUV की डिलीवरी शुरू हो सकती है। संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.5 लाख वाहनों की होगी और अगले 5 वर्षों में 2 अरब डॉलर तक का निवेश किया जाएगा।

बुकिंग हुई शुरू, सिर्फ 21 हजार में बुक करें गाड़ी
कंपनी ने अपनी दो प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV – VNf7 और VNf6 की बुकिंग भारत में शुरू कर दी है। ग्राहक कंपनी की वेबसाइट या शोरूम में जाकर सिर्फ 21 हजार में इन गाड़ियों की बुकिंग करा सकते हैं। अगस्त से इन वाहनों की आपूर्ति शुरू होने की संभावना है।
एशिया प्रमुख ने जताई संयंत्र विस्तार की संभावना
विनफास्ट एशिया के प्रमुख फाम सान चाऊ ने बताया कि भविष्य में बाजार की मांग के अनुसार संयंत्र की क्षमता और बढ़ाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अधिक जानकारी समय आने पर साझा की जाएगी।
निर्यात के लिए भारत बन रहा बड़ा हब
भारत में अनुकूल नीतियों और वैश्विक बाजारों तक पहुंच के चलते अब देश तेजी से वाहन निर्यातक के रूप में उभर रहा है। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने रिकॉर्ड 7.65 लाख वाहनों का निर्यात किया, जो कि पिछले साल की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है।
सरकार की पहल से मिल रहा बढ़ावा
भारत सरकार की योजनाएं जैसे – फेम (FAME), पीएम ई-ड्राइव और PLI स्कीम – वाहन उद्योग को निर्यात बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक वाहन निर्यात को 25 फीसदी तक बढ़ाया जाए, जो कि फिलहाल 14 फीसदी है।
मारुति और ह्युंडै (Hyundai) का निर्यात में दबदबा
भारत में मारुति सुजुकी और ह्युंडै मोटर कंपनियां सबसे ज्यादा गाड़ियां निर्यात कर रही हैं। मारुति ने पिछले साल 3.32 लाख वाहनों का निर्यात किया, जबकि ह्युंडै ने 1.63 लाख कारें विदेश भेजीं।
भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, निर्माता भी है
विनफास्ट की इस रणनीति से यह साफ हो जाता है कि भारत अब विदेशी कंपनियों का बाजार होने के साथ एक वैश्विक निर्माण और निर्यात केंद्र बन रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ अब असली मायनों में ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है।