भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है। पेट्रोल-डीज़ल पर निर्भरता कम करने और प्रदूषण घटाने के मकसद से देश भर में ईवी को बढ़ावा दिया जा रहा है। यही वजह है कि सरकार लगातार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बना रही है। अब संसद में दी गई ताज़ा जानकारी के मुताबिक, पूरे देश में कुल 29,277 ईवी चार्जिंग स्टेशन काम कर रहे हैं। यह संख्या भारत की क्लीन मोबिलिटी की दिशा में बढ़ती प्रतिबद्धता को दिखाती है।
कर्नाटक निकला सबसे आगे
चार्जिंग स्टेशनों की संख्या के मामले में कर्नाटक सबसे आगे है। यहां अब तक 6,097 चार्जिंग स्टेशन लगाए जा चुके हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र आता है, जहां 4,155 स्टेशन हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश 2,326 स्टेशनों के साथ तीसरे स्थान पर है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि देश के दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तरी राज्य ईवी तकनीक को तेजी से अपना रहे हैं।
‘PM E-DRIVE’ योजना से मिलेगा और बूस्ट
भारत सरकार ने ईवी इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए अक्टूबर 2024 में ‘पीएम ई-ड्राइव’ योजना शुरू की। इस योजना के दो प्रमुख उद्देश्य हैं –
1 – सब्सिडी देकर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देना।
2 – देशभर में चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को व्यापक बनाना।
सरकार ने इस योजना के तहत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ₹2 हजार करोड़ और ईवी सब्सिडी के लिए ₹10,900 करोड़ का बजट तय किया है। यह कदम इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को एक नई रफ्तार देगा।
FAME योजना ने रखी थी नींव
इससे पहले सरकार ने FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) योजना के तहत ईवी इकोसिस्टम को विकसित करने की शुरुआत की थी। FAME-I (2015-2019) और FAME-II (2019-2024) के जरिए अब तक लगभग 18.85 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी सहायता दी जा चुकी है।
FAME-II योजना में चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क पर खास ध्यान दिया गया। इसके लिए ₹912.50 करोड़ का बजट रखा गया था, जिसके तहत 9,332 चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना बनाई गई। इनमें से 8,885 स्टेशन पहले ही स्थापित हो चुके हैं, जो योजना की सफलता को दिखाता है।

छोटे शहरों तक पहुंचा EV नेटवर्क
ईवी क्रांति अब सिर्फ मेट्रो सिटी तक सीमित नहीं रही। टियर-2 शहरों में भी यह तेजी से फैल रही है। जानकारी के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 तक देश के छोटे और मंझोले शहरों में 4,625 चार्जिंग स्टेशन चालू हो चुके हैं। इससे साफ है कि सरकार ईवी को हर नागरिक की पहुंच तक लाना चाहती है, चाहे वह शहर में हो या कस्बे में।
2030 के लक्ष्य की ओर बढ़ता भारत
भारत ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का बड़ा लक्ष्य रखा है। ईवी अपनाने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की ये कोशिशें उसी दिशा में एक ठोस कदम हैं। ईवी न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, बल्कि यह भविष्य की स्थायी मोबिलिटी का आधार भी बनते जा रहे हैं। सरकार की योजनाएं, निवेश और नीति स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि भारत आने वाले वर्षों में दुनिया के अग्रणी ईवी बाजारों में शामिल हो सकता है। अब यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण के प्रति जागरूक बनें और इस हरित क्रांति का हिस्सा बनें।