टैरिफ व्यवधानों और अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% शुल्क की धमकी जैसी वैश्विक चुनौतियों के बीच, भारत का स्मार्टफोन निर्यात एक बार फिर रिकॉर्ड बनाने में सफल रहा। उद्योग के अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत यानी अप्रैल से जुलाई तक निर्यात ने 10 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लिया। यह 2024-25 की इसी अवधि के 6.4 अरब डॉलर की तुलना में 52% अधिक है।
Apple और उसके वेंडर: निर्यात का अहम स्तंभ
इस विस्फोटक वृद्धि में Apple इंक की अहम भूमिका रही। इस अवधि में कंपनी का iPhone निर्यात 63% बढ़कर 7.5 अरब डॉलर पर पहुँच गया—जिसमें पहले साल यह केवल 4.6 अरब डॉलर था। इस उपलब्धि के पीछे Foxconn, Pegatron और Tata Electronics जैसे Apple के तीन मुख्य वेंडर थे, जिन्होंने मिलकर 10 अरब डॉलर में से 7.5 अरब डॉलर का योगदान दिया। यानी कुल स्मार्टफोन निर्यात का 75% हिस्सा इन वेंडरों का है। ये सभी वेंडर उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के हिस्सेदार भी हैं, जो मार्च 2026 में समाप्त हो रही है।
Samsung निर्यात में कमी—चिन्ता का विषय
वहीं दूसरी ओर Samsung के निर्यात में गिरावट देखी गई है। वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-जुलाई में इसका निर्यात 1.54 अरब डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2026 की इसी अवधि में घटकर 1.24 अरब डॉलर पर आ गया। यह गिरावट भारत की लागत प्रतिस्पर्धा की कमजोरी को दर्शाती है, खासकर चीन और वियतनाम की तुलना में। आश्चर्यजनक रूप से, स्मार्टफोन भारतीय उत्पादों की छूट सूची (11 अप्रैल 2025) में होने के बावजूद यह गिरावट बनी रही।
टैरिफ और सेक्शन 232 की अनिश्चितता
अमेरिकी “धारा 232” जांच के तहत स्मार्टफोन और पर्सनल कंप्यूटर्स जैसे उत्पादों पर शुल्क लग सकता है। इस जांच के निर्णय पर निर्भर करेगा कि भारत से स्मार्टफोन निर्यात पर शुल्क लगेगा या नहीं। फिलहाल भारत से होने वाली इलेक्ट्रॉनिक निर्यात—जिसमें स्मार्टफोन शामिल हैं—पर कोई शुल्क नहीं लगता, जबकि चीन को 20% शुल्क देना पड़ता है। हालांकि भविष्य में अलग-अलग शुल्क लागू होने की संभावना बनी हुई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में जबरदस्त उछाल
स्मार्टफोन निर्यात में इस अचानक उछाल ने पूरे इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को भी आगे बढ़ाया। इस दौरान, वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल–जुलाई) में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 43.7% बढ़कर 16.16 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 11.24 अरब डॉलर था। इस अवधि में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन का हिस्सा 41% से बढ़कर 61.8% हो गया, यानी लगभग 50% का बढ़ता हिस्सा।