भारत और जापान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के लिए उनका सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। दोनों देशों ने जापान-इंडिया क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (Japan-India Clean Energy Partnership) के तहत एक उच्च स्तरीय मंत्री स्तरीय संवाद आयोजित किया, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के विद्युत एवं आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री मूटो योजी ने की।
स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की दिशा
भारत और जापान की यह साझेदारी इस उद्देश्य पर केंद्रित है कि आने वाले वर्षों में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करते हुए स्वच्छ ऊर्जा समाधान विकसित किए जाएं। बढ़ते प्रदूषण, बदलते जलवायु और ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए, दोनों देशों ने स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण की दिशा में मिलकर आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता जताई।
संयुक्त कार्य समूहों (JWGs) के जरिए सहयोग
भारत-जापान के ऊर्जा सहयोग को अधिक संरचित और संस्थागत रूप देने के लिए इंडिया-जापान एनर्जी डायलॉग और विभिन्न संयुक्त कार्य समूहों (Joint Working Groups – JWGs) का गठन किया गया है। ये समूह अलग-अलग ऊर्जा क्षेत्रों में प्रगति, तकनीकी विकास और नई नीतियों पर मिलकर काम करेंगे। इसके तहत हर क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर फोकस किया जा रहा है, ताकि भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।
भारत की प्रगति और भविष्य की योजनाएं
इस बैठक में भारत के चार प्रमुख मंत्रालयों – विद्युत मंत्रालय (MoP), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) और कोयला मंत्रालय ने अपनी प्रगति रिपोर्ट और भविष्य की योजनाएं पेश कीं। इन रिपोर्ट्स में बताया गया कि भारत ने ऊर्जा दक्षता, सोलर पावर, विंड एनर्जी, बायोफ्यूल्स और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। साथ ही, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन घटाने और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए कई नए प्रोजेक्ट्स की भी घोषणा की गई।
स्वच्छ ऊर्जा के नए क्षेत्र में सहयोग
भारत और जापान ने हाइड्रोजन एनर्जी, अमोनिया और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। इसके अलावा, दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में भी काम करने का निर्णय लिया:-
-कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (CCUS)
– ग्रीन केमिकल्स
– बायोफ्यूल्स
– एडवांस्ड एनर्जी टेक्नोलॉजी
इन क्षेत्रों में साथ काम करके भारत और जापान न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि दुनिया के सामने एक स्वच्छ ऊर्जा मॉडल भी पेश करेंगे।
क्या है स्वच्छ ऊर्जा?
स्वच्छ ऊर्जा उन ऊर्जा स्रोतों को कहते हैं जो उत्पादन के दौरान ग्रीनहाउस गैसों और अन्य प्रदूषकों का उत्सर्जन नहीं करते हैं या बहुत कम करते हैं। स्वच्छ ऊर्जा एक व्यापक श्रेणी है जिसमें सौर, पवन और जलविद्युत जैसी नवीकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा जैसे कुछ गैर-नवीकरणीय स्रोत भी शामिल हो सकते हैं, जो पर्यावरण पर कम प्रभाव डालते हैं।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका
बैठक में मंत्रियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत-जापान की यह साझेदारी सिर्फ दोनों देशों तक सीमित नहीं है। इसका प्रभाव पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में होगा। दोनों देशों का लक्ष्य एक सुरक्षित, लचीला और सतत ऊर्जा तंत्र विकसित करना है, जो बदलती वैश्विक परिस्थितियों में स्थिरता प्रदान कर सके।
वैश्विक ऊर्जा भविष्य की दिशा
यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब दुनिया भर में ऊर्जा संक्रमण और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। भारत और जापान, दो प्रमुख लोकतांत्रिक देश होने के नाते, अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और नीति सहयोग के माध्यम से वैश्विक ऊर्जा भविष्य को नई दिशा देने में सक्षम बनते जा रहे हैं।
भारत और जापान की यह साझेदारी सिर्फ ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और भविष्य की ऊर्जा तकनीकों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। संयुक्त प्रयासों से दोनों देश अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेंगे साथ ही दुनिया के लिए एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा मॉडल भी प्रस्तुत करेंगे।