आयकर विभाग ने इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वालों को राहत दी है। आमतौर पर ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है, लेकिन इस साल फॉर्म और एक्सेल यूटिलिटी में बदलाव के चलते डेडलाइन बढ़ा दी गई है। अब टैक्सपेयर्स को 15 सितंबर 2025 तक ITR भरने का समय मिलेगा। यह छूट केवल नॉन-ऑडिट टैक्सपेयर्स के लिए है।
किन्हें मिलेगा फायदा?
नई डेडलाइन का लाभ नौकरीपेशा और पेंशनधारी लोगों, HUFs (हिंदू अविभाजित परिवार), सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन या अन्य स्रोतों से कमाई करने वालों को मिलेगा। इसके अलावा, छोटे कारोबारी और प्रोफेशनल्स जो प्रेजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम (44AD, 44ADA, 44AE) के तहत टैक्स भरते हैं और जिनका टर्नओवर ऑडिट लिमिट से कम है, वे भी इस छूट का फायदा उठा सकेंगे।
क्यों मिली यह राहत?
दरअसल, इस बार ITR फॉर्म और एक्सेल यूटिलिटी में बदलाव किए गए हैं। ऐसे में टैक्सपेयर्स को नए बदलावों को समझने और सही तरीके से रिटर्न भरने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत थी। सरकार का मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग समय पर और बिना गलती के रिटर्न फाइल कर सकें।
एक्सपर्ट की राय: ध्यान रखें ये बातें
टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक, डेडलाइन बढ़ने से लोगों को राहत तो जरूर मिली है, लेकिन समय रहते ITR भरना ही बेहतर है। Moneyfront के को-फाउंडर और सीईओ मोहित गांग का कहना है कि –
- सही टैक्स रीजीम का चुनाव करना बेहद जरूरी है, क्योंकि डिफॉल्ट विकल्प नया टैक्स रीजीम है।
- पर्सनल और बैंक डिटेल्स को ध्यान से चेक करें, ताकि रिफंड में देरी न हो।
- ITR भरने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन जरूर करें, वरना आपकी फाइलिंग अमान्य हो सकती है।
उन्होंने यह भी साफ किया कि डेडलाइन को लेकर अभी तक कोई नया सर्कुलर नहीं आया है। ऐसे में आखिरी समय का इंतजार करना सही नहीं है।
ITR फाइल करने का आसान तरीका
टैक्सपेयर्स को ITR भरने के लिए सबसे पहले incometax.gov.in पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद PAN या आधार और पासवर्ड से ऑथेंटिकेट करें। e-File सेक्शन में जाकर “Income Tax Return” विकल्प चुनें। असेसमेंट ईयर AY 2025-26 सिलेक्ट करें। फिर सही ITR फॉर्म चुनें और ऑटो-फिल्ड डेटा (सैलरी, TDS, बैंक इंटरेस्ट) चेक करें। इसके बाद बाकी इनकम और डिडक्शन्स भरकर सबमिट करें। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन करना न भूलें।
लेट फाइलिंग पर पेनाल्टी
अगर कोई टैक्सपेयर 15 सितंबर के बाद रिटर्न फाइल करता है तो उसे लेट फीस देनी होगी। आमतौर पर यह ₹5,000 होती है। हालांकि, अगर आपकी कुल आय ₹5 लाख से कम है, तो लेट फीस सिर्फ ₹1,000 लगेगी। इसके अलावा बकाया टैक्स पर 1 प्रतिशत मासिक ब्याज भी देना होगा, जो पेनाल्टी से अलग है।
लगातार बढ़ रही ITR फाइलिंग
सीबीडीटी (CBDT) के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि देशभर में ITR फाइल करने वालों की संख्या हर साल लगातार बढ़ रही है और टैक्सपेयर्स की भागीदारी भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है।
- असेसमेंट ईयर 2024-25 में 7.28 करोड़ ITR फाइल हुए।
- जबकि पिछले साल यह संख्या 6.77 करोड़ थी।
यानी इस बार करीब 7.5% की बढ़ोतरी हुई है। यह साफ दिखाता है कि टैक्सपेयर्स की संख्या और टैक्स कंप्लायंस लगातार मजबूत हो रहा है।
ITR Filing 2025 में सरकार ने टैक्सपेयर्स को 15 सितंबर 2025 तक की अतिरिक्त मोहलत देकर बड़ी राहत दी है। इसका फायदा खासतौर पर सैलरीड, पेंशनधारक, छोटे कारोबारी और प्रोफेशनल्स को मिलेगा। हालांकि, टैक्स विशेषज्ञ मानते हैं कि आखिरी समय तक इंतजार करना सही नहीं है, क्योंकि देर से फाइलिंग करने पर पेनाल्टी और ब्याज दोनों का बोझ बढ़ सकता है। कुल मिलाकर, यह कदम टैक्सपेयर्स को सही और समय पर रिटर्न भरने के लिए एक अवसर देता है, जिससे सरकार और नागरिक दोनों को फायदा होगा।