दिवाली से पहले PM Modi ने देश के किसानों को बड़ा उपहार दिया है। 11 अक्टूबर 2025 को पीएम मोदी ने 42 हजार करोड़ रुपये की नई योजनाओं की शुरुआत की, जिनका सीधा फायदा करोड़ों किसानों को मिलेगा। इस मौके पर उन्होंने दो प्रमुख कार्यक्रमों – प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और आत्मनिर्भरता मिशन फॉर पल्सेस (दलहन मिशन) की भी लॉन्चिंग की।
कृषि क्षेत्र में निवेश का नया अध्याय
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री की यह पहल देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने वाली है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत देश के 100 पिछड़े और कम उत्पादन वाले जिलों को चुना गया है, जहां खेती को आधुनिक तकनीक और वित्तीय सहायता से मजबूत किया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य है –
किसानों की आमदनी बढ़ाना,
सिंचाई और स्टोरेज सुविधाएं बेहतर बनाना,
और खेती को टिकाऊ एवं आत्मनिर्भर बनाना।
सरकार इन जिलों में सिंचाई, भंडारण, उत्पादन और कृषि लोन जैसी सेवाओं को नया रूप देने जा रही है, ताकि किसान न सिर्फ उपज बढ़ा सकें बल्कि अपनी मेहनत का सही मूल्य भी पा सकें।
दलहन मिशन से आत्मनिर्भर बनेगा भारत
भारत अभी भी दालों के आयात पर निर्भर है, लेकिन अब स्थिति बदलने जा रही है। आत्मनिर्भरता मिशन फॉर पल्सेस के तहत लक्ष्य रखा गया है कि वर्ष 2030-31 तक देश में दालों का उत्पादन 24.2 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन तक किया जाए। इसके लिए सरकार खेती का क्षेत्र बढ़ाएगी, किसानों को बेहतर बीज, तकनीकी सहायता और वित्तीय प्रोत्साहन देगी। इससे न सिर्फ किसानों की कमाई बढ़ेगी बल्कि देश दालों में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा।
1,100 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन, बदलेगा ग्रामीण ढांचा
इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने 1,100 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन प्रोजेक्ट्स पर कुल 42 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की लागत आएगी। इनमें पशुपालन, मछली पालन, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज और कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।
इसके साथ ही, पीएम मोदी ने किसान उत्पादक संगठन (FPOs), कृषि नवाचारकर्ताओं (Innovators) और को-ऑपरेटिव सोसायटियों को भी सम्मानित किया, जो खेती में नए प्रयोग कर रहे हैं और किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।
किसानों की आय और सुविधाओं में आएगा उछाल
सरकार की इस नई पहल से किसानों को कई मोर्चों पर सीधा और दीर्घकालिक फायदा मिलने वाला है। इस योजना के तहत खेती के उत्पादन को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक और संसाधनों का उपयोग प्रोत्साहित किया जाएगा। किसानों को उन्नत बीज, बेहतर सिंचाई सुविधाएं और वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती करने के लिए सहायता मिलेगी, जिससे उनकी उपज में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही, नई टेक्नोलॉजी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि खेती अधिक स्मार्ट, टिकाऊ और समय की बचत करने वाली बन सके। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सबसे अहम बात यह है कि किसानों की आय में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा, जिससे उनका जीवनस्तर ऊंचा उठेगा।
इसके अलावा, खेती में डिजिटलीकरण (Digitalization) और फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि किसानों को बैंकिंग, बीमा, सब्सिडी और सरकारी सेवाओं तक तेज़ और पारदर्शी तरीके से पहुंच मिल सके। यह कदम न सिर्फ कृषि क्षेत्र को सशक्त करेगा बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाएगा।
ग्लोबल मार्केट से जुड़ेंगे भारतीय किसान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत के किसानों को अब वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भारतीय कृषि उत्पाद न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना सकें। कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने, प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने और एक्सपोर्ट प्रमोशन बढ़ाने पर भी काम होगा।
फूड सिक्योरिटी और आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
पीएम मोदी का यह कदम सिर्फ किसानों तक सीमित नहीं है – यह भारत को फूड सिक्योरिटी और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जाने वाला मिशन है। इन योजनाओं से आने वाले सालों में न सिर्फ खेती का ढांचा बदलेगा बल्कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत का हर किसान आधुनिक, आत्मनिर्भर और समृद्ध बने – यही होगा इस दिवाली का सबसे बड़ा गिफ्ट।