भारत के स्पेशियलिटी दवा बाजार में सोमवार को एक बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब सन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज (Sun Pharma) ने अपनी ग्लोबल ब्लॉकबस्टर दवा Ilumya (Tildrakizumab) को भारतीय बाजार में लॉन्च करने की घोषणा की। यह दवा मध्यम से गंभीर प्लाक सोरायसिस के आधुनिक और लंबे समय तक असरदार इलाज के लिए जानी जाती है, और अब तक 35 से अधिक देशों में उपलब्ध है। भारत में इसकी एंट्री को मरीजों के लिए एक बड़े मेडिकल एडवांसमेंट के रूप में देखा जा रहा है।
भारत में उन्नत सोरायसिस इलाज की शुरुआत
Ilumya एक बायोलॉजिक थेरेपी है जो शरीर में IL-23 को सेलेक्टिव तरीके से ब्लॉक करती है। इसका फायदा यह है कि सोरायसिस के लाल चकत्ते, स्केलिंग और सूजन जैसे लक्षणों में तेज और लंबे समय तक सुधार मिलता है। इंटरनेशनल मार्केट में इस दवा को लंबे समय तक चलने वाली स्किन क्लीयरेंस के लिए काफी सराहना मिली है। भारत में भी जल्द ही मरीजों को इसका लाभ मिलेगा, जिससे पारंपरिक और पुराने बायोलॉजिक्स पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है।
सन फार्मा का मजबूत स्पेशियलिटी पोर्टफोलियो
सन फार्मा पहले से ही भारत में अपनी स्पेशियलिटी दवाओं का दायरा बढ़ा रहा है। कंपनी की प्रिस्क्रिप्शन आई ड्रॉप Cequa, जो ड्राई आई डिजीज के लिए उपयोग होती है, 2023 से भारतीय बाजार में मौजूद है। मैनेजमेंट का कहना है कि आने वाले समय में वे अपने ग्लोबल पोर्टफोलियो से और इनोवेटिव दवाएं भारत लाने के लिए तैयार हैं।
इनोवेटिव दवाओं ने कंपनी को ग्लोबल स्तर पर मजबूत बनाया है। Q2FY26 में सन फार्मा के स्पेशियलिटी बिजनेस की बिक्री 333 मिलियन डॉलर रही, जो सालाना आधार पर 16.4% बढ़ोतरी है। पहली बार ऐसा हुआ है कि अमेरिका में कंपनी की इनोवेटिव दवाओं की बिक्री, जेनेरिक दवाओं से आगे निकल गई। इनमें Ilumya के साथ Cequa, Odomzo और Winlevi जैसी दवाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
क्लिनिकल ट्रायल के दम पर मिली भारत में मंजूरी
भारत में Ilumya की लॉन्चिंग एक डेडिकेटेड क्लिनिकल स्टडी में शानदार नतीजों के बाद हुई है। इस ट्रायल में 115 भारतीय मरीज शामिल थे। 28 हफ्तों की अवधि में दवा ने बेहतरीन परिणाम दिए –
93.9% मरीजों में PASI 75, यानी 75% सुधार
78.1% मरीजों में PASI 90, यानी लगभग पूरी तरह स्किन क्लीयरेंस।
सबसे खास बात यह रही कि केवल 16 हफ्तों के भीतर तीन सबक्यूटेनियस इंजेक्शन से ही बड़ा सुधार देखा गया। ट्रायल से जुड़े डर्मेटोलॉजिस्ट्स का कहना है कि भारतीय मरीजों में दवा ने शानदार और सुरक्षित प्रभाव दिखाया।
सेफ्टी प्रोफाइल भी मजबूत
इंडिया फेज़-3 ट्रायल के इन्वेस्टिगेटर डॉ. बी.एस. चंद्रशेखर के अनुसार, दवा ने लक्षणों में राहत दी और मरीजों की लाइफ क्वालिटी में भी बड़ा सुधार देखा गया। भारतीय मरीजों पर इसके कोई बड़े साइड इफेक्ट्स सामने नहीं आए, जो इसे और अधिक भरोसेमंद बनाता है।
प्लाक सोरायसिस: एक चुनौतीपूर्ण बीमारी
प्लाक सोरायसिस एक पुरानी, इम्यून-मीडिएटेड बीमारी है, जो भारत में करीब 0.44% से 2.8% आबादी को प्रभावित करती है। इसके लक्षणों में लाल, उभरे हुए पैच, खुजली, स्केलिंग और सूजन शामिल हैं। पारंपरिक उपचारों में कई बार दीर्घकालिक असर नहीं दिखता, या साइड इफेक्ट्स के चलते मरीजों को इलाज जारी रखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आधुनिक, लक्ष्यित थेरेपी जैसी दवाओं की जरूरत बढ़ती है, जिसे Ilumya अच्छी तरह पूरा करती है।
अगले वर्षों में सन फार्मा की ग्रोथ को बढ़ावा
Ilumya का भारतीय बाजार में आना सिर्फ मरीजों के लिए लाभदायक नहीं, बल्कि कंपनी के स्पेशियलिटी पोर्टफोलियो को भी नई ऊर्जा देगा। अमेरिका जैसे बड़े बाजार में इनोवेटिव दवाओं की बढ़ती बिक्री यह संकेत देती है कि वैश्विक स्तर पर सन फार्मा अपने अगले विकास चक्र में प्रवेश कर चुकी है।
सन फार्मा का यह कदम भारतीय फार्मास्यूटिकल सेक्टर में एक अहम बदलाव की शुरुआत है। आधुनिक बायोलॉजिक दवाओं की उपलब्धता से सोरायसिस जैसे जटिल और लंबे समय तक चलने वाले रोगों का इलाज अब अधिक प्रभावी, तेज और सुरक्षित हो सकेगा। Ilumya के लॉन्च के साथ भारत का स्पेशियलिटी मेडिसिन बाज़ार और अधिक मजबूत होने की संभावना है।