अडानी समूह ने देश के विकास में निर्णायक भूमिका निभाने का संकल्प लेते हुए 2030 तक 100 अरब डॉलर (लगभग 8.3 लाख करोड़ रुपये) के निवेश की योजना बनाई है। इस मेगा मिशन का फोकस चार प्रमुख क्षेत्रों पर है – सोलर एनर्जी, स्मार्ट मीटरिंग, पोर्ट्स और धारावी पुनर्विकास। गौतम अडानी ने वार्षिक आम बैठक में कहा कि यह निवेश सिर्फ उनके समूह का विस्तार नहीं बल्कि भारत के बुनियादी ढांचे को नया आकार देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
ऊर्जा क्षेत्र की बात करें तो अडानी ग्रीन का लक्ष्य है 50 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा स्थापित करना, जबकि अडानी पावर 31 गीगावॉट तापीय ऊर्जा पर काम कर रही है। शेष ऊर्जा क्षमता जलविद्युत से प्राप्त होगी। वित्त वर्ष 25 तक समूह की कुल तापीय क्षमता 16.6 गीगावॉट और अक्षय क्षमता 15.2 गीगावॉट थी। इसके अलावा अडानी न्यू इंडस्ट्रीज सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग को 10 गीगावॉट तक बढ़ाने की तैयारी में है, जिससे भारत आत्मनिर्भर ऊर्जा निर्माण की ओर कदम बढ़ा रहा है।
स्मार्ट मीटरिंग के क्षेत्र में भी समूह तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस को इस साल 44,000 करोड़ रुपये के ट्रांसमिशन ऑर्डर मिले हैं और वह 13,600 करोड़ रुपये की स्मार्ट मीटर परियोजनाओं को लागू कर रहा है, जो देश के बिजली वितरण को अधिक कुशल बनाएगा।
पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स में भी अडानी समूह जबरदस्त विस्तार कर रहा है। वित्त वर्ष 25 में 45 करोड़ टन कार्गो हैंडल करने के बाद अब लक्ष्य है 2030 तक हर साल 1 अरब टन कार्गो का प्रबंधन। इसके लिए भारत और विदेशों में पोर्ट्स को मजबूत किया जा रहा है, जैसे कि इजरायल, तंजानिया, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया में। साथ ही समुद्री, ट्रकिंग, वेयरहाउसिंग और फ्रेट फॉरवर्डिंग जैसे क्षेत्रों में प्रवेश कर समूह लॉजिस्टिक्स की रीढ़ बनने की दिशा में बढ़ रहा है।
एयरपोर्ट सेक्टर में भी अडानी की बड़ी छलांग देखने को मिली है। 2025 में अडानी एयरपोर्ट्स ने 9.4 करोड़ यात्रियों को संभाला और नवी मुंबई एयरपोर्ट का निर्माण पूरा किया, जिसकी क्षमता शुरुआती तौर पर 2 करोड़ और भविष्य में 9 करोड़ तक होगी।
इस मेगा मिशन का सबसे बड़ा सामाजिक पहलू धारावी पुनर्विकास योजना है। लगभग ₹95,790 करोड़ की इस परियोजना से करीब 10 लाख झुग्गीवासियों का जीवन बदलेगा। यह परियोजना राज्य सरकार और अडानी समूह के संयुक्त प्रयास से भारत की सबसे बड़ी पुनर्विकास योजनाओं में शुमार हो गई है। अडानी समूह के इस निवेश को भारत के न्यू इंडिया विजन के रूप में भी देखा जा रहा है।