एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ शशिधर जगदीशन के खिलाफ फाइनेंशियल फ्रॉड के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन बैंक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। यह शिकायत लीलावती कीर्तिलाल मेडिकल ट्रस्ट की ओर से की गई है, जो कि मेहता फैमिली से जुड़ा एक समूह है जिसने साल 1995 में बैंक से लिया गया लोन अब तक नहीं चुकाया है।
क्या है विवाद की जड़?
एचडीएफसी बैंक का कहना है कि यह एफआईआर जानबूझकर की गई है ताकि बैंक को बकाया लोन की वसूली से रोका जा सके।
31 मई 2025 तक मेहता परिवार पर बैंक का कुल बकाया लगभग ₹65.22 करोड़ (ब्याज सहित) है। बैंक प्रवक्ता के मुताबिक, कर्ज न चुकाने वाले लोग अब व्यक्तिगत हमलों पर उतर आए हैं और शशिधर जगदीशन की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
बैंक का पक्ष
बैंक का साफ कहना है कि ये आरोप “बदले की भावना” से लगाए गए हैं और इनका उद्देश्य कानूनी कार्रवाई से बचना है।
एचडीएफसी के अनुसार, जैसे-जैसे वसूली की प्रक्रिया आगे बढ़ी, वैसे-वैसे मेहता फैमिली की ओर से बैंक और उसके शीर्ष अधिकारियों पर अमानवीय और भ्रामक आरोपों की बौछार की गई। इन प्रयासों में आपराधिक शिकायतें, अल्पसंख्यक अधिकारों की याचिकाएं और रेगुलेटर को शिकायतें शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश खारिज हो चुकी हैं।
कौन हैं शशिधर जगदीशन?
शशिधर जगदीशन ने 27 अक्टूबर 2020 को आदित्य पुरी की जगह एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ का पद संभाला। हाल ही में आरबीआई ने उन्हें 26 अक्टूबर 2026 तक फिर से इस पद पर नियुक्त करने की मंजूरी दी है।
विवाद के बीच सैलरी बनी चर्चा का विषय
FY 2023 में शशिधर जगदीशन देश के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले बैंक सीईओ बन गए।
उनकी कुल सैलरी ₹10.55 करोड़ रही, जो पिछले साल की तुलना में 62% ज्यादा है।
इसके बाद एक्सिस बैंक के अमिताभ चौधरी ₹9.75 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक के संदीप बख्शी ₹9.60 करोड़ के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।