भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर खतरों के बढ़ते मामलों को देखते हुए गूगल ने एक नया कदम उठाया है। ‘सेफर विद गूगल इंडिया समिट’ के दौरान कंपनी ने 17 जून को ‘सेफ्टी चार्टर’ लॉन्च किया। जो देश के डिजिटल स्पेस को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक अहम पहल है। इस सेफ्टी चार्टर के तीन मुख्य उद्देश्य हैं – इंटरनेट यूजर्स को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाना, सरकारों और बिज़नेस सेक्टर के लिए साइबर सुरक्षा को मज़बूत बनाना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को जिम्मेदारी के साथ विकसित करना।
इस पहल के तहत गूगल का ‘डिजी कवच’ कार्यक्रम प्रमुख भूमिका निभा रहा है। यह एक एआई-आधारित सिस्टम है जो यूजर्स को धोखाधड़ी से बचाने के लिए न सिर्फ अलर्ट भेजता है बल्कि जागरूकता फैलाने का भी काम करता है। अब तक इस प्रोग्राम की पहुंच करीब 17.7 करोड़ भारतीयों तक हो चुकी है।
ऐसे बचे अरबों रूपए
गूगल के सिस्टम अब पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर हो चुके हैं। सर्च इंजन की क्षमता में भारी इज़ाफा हुआ है और अब यह 20 गुना ज्यादा स्कैम वेबसाइट्स को पहचान सकता है। ग्राहक सेवा और सरकारी प्लेटफॉर्म्स पर स्कैम अटैक्स में 80% तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा गूगल मैसेज हर महीने 500 मिलियन (भारतीय रुपये में 50 करोड़) से ज्यादा स्कैम टेक्स्ट को ब्लॉक कर रहा है। गूगल-पे जैसे पॉपुलर डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म भी इस अभियान का हिस्सा हैं। साल 2024 में ही गूगल-पे ने 4.1 करोड़ अलर्ट जारी किए, जिससे करीब 13,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी रोकी जा सकी। इसी तरह गूगल प्ले प्रोटेक्ट ने अक्टूबर 2024 से अब तक 1.3 करोड़ डिवाइसेज़ पर 6 करोड़ हार्मफुल ऐप्स की इंस्टॉलेशन को रोका है।
साइबर सिक्योरिटी को भी मिलेगी मजबूती
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में गूगल ने एक नया AI-पावर्ड एप्रोच भी पेश किया है। ये खतरों का पहले से अंदाजा लगाकर उन्हें सरकारी एजेंसियों और दूसरी कंपनियों के साथ साझा कर देता है। गूगल सिक्योरिटी की इंजीनियरिंग वाइस प्रेसिडेंट हीदर एडकिंस ने बताया – अब ऑनलाइन खतरे मशीन की गति से बढ़ रहे हैं। एआई को सीखने, तर्क करने और बड़े पैमाने पर कार्य करने की क्षमता डिफेंडर्स को साइबर फ्रॉड करने वालों से आगे रखती है। सेफ्टी चार्टर से अब ये कहा जा सकता है कि एआई की वजह से डिफेंडर्स पहले से कहीं ज्यादा तेज और तैयार हो सकते हैं। गूगल का यह सेफ्टी चार्टर भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित और स्मार्ट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।