HDFC बैंक ने अपनी सेविंग अकाउंट नीतियों में अहम बदलाव किए हैं। अब ग्राहकों को हर महीने सिर्फ 4 फ्री कैश ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलेगी। इसके बाद अगर कोई अतिरिक्त कैश ट्रांजेक्शन किया जाता है तो उस पर 150 रुपये शुल्क देना होगा। यह नया नियम 1 अगस्त 2025 से लागू हो चुका है। पहले जहां बैंक की तरफ से 2 लाख रुपये तक का कैश ट्रांजेक्शन मुफ्त होता था, अब यह सीमा घटाकर केवल 1 लाख रुपये कर दी गई है। इसका असर खासकर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो अक्सर बैंक शाखा जाकर कैश जमा या निकालते हैं।
शुल्क की नई संरचना
अगर कोई ग्राहक महीने में 1 लाख रुपये से अधिक कैश ट्रांजेक्शन करता है, तो उस पर 5 रुपये प्रति 1,000 रुपये के हिसाब से शुल्क लगेगा। इस स्थिति में कम से कम 150 रुपये का चार्ज देना होगा।
उदाहरण के तौर पर:
अगर कोई ग्राहक 2 लाख रुपये तक कैश ट्रांजेक्शन करता है, तो उस पर 500 रुपये तक शुल्क लग सकता है।
वहीं, जो लोग केवल 4 बार तक कैश लेन-देन करेंगे, उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
तीसरी पार्टी ट्रांजेक्शन में कोई बदलाव नहीं
बैंक ने अपनी थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि आप किसी और व्यक्ति के खाते से भी कैश जमा या निकासी कर सकते हैं, लेकिन इसकी दैनिक सीमा 25 हजार रुपये ही रहेगी। यानी अगर आप किसी रिश्तेदार या मित्र के खाते में कैश ट्रांजेक्शन करते हैं तो नियम वही लागू होंगे जो सामान्य कैश लेन-देन पर होते हैं।
डिजिटल ट्रांजेक्शन पर भी लागू होंगे नए शुल्क
HDFC बैंक ने डिजिटल फंड ट्रांसफर (NEFT, RTGS और IMPS) पर भी शुल्क की नई संरचना तय की है।
NEFT (National Electronic Funds Transfer)
10,000 रुपये तक: 2 रुपये
10,000 से 1 लाख रुपये तक: 4 रुपये
1 लाख से 2 लाख रुपये तक: 14 रुपये
2 लाख रुपये से अधिक: 24 रुपये
RTGS (Real Time Gross Settlement)
2 लाख से 5 लाख रुपये तक: 20 रुपये
5 लाख रुपये से अधिक: 45 रुपये
IMPS (Immediate Payment Service)
1,000 रुपये तक: 2.50 रुपये
1,000 से 1 लाख रुपये तक: 5 रुपये
1 लाख रुपये से अधिक: 15 रुपये
अन्य बैंकिंग सेवाओं पर भी असर
बैंक ने सिर्फ ट्रांजेक्शन ही नहीं, बल्कि कई अन्य सेवाओं पर भी शुल्क बढ़ा दिया है –
बैलेंस प्रमाणपत्र, ब्याज प्रमाणपत्र या पता प्रमाणन: 100 रुपये (सीनियर सिटीजन के लिए 90 रुपये)
पुराने रिकॉर्ड या भुगतान किए गए चेक की कॉपी: 80 रुपये (सीनियर सिटीजन के लिए 72 रुपये)
PIN रीजनरेशन: अब पूरी तरह मुफ्त (पहले 40 रुपये शुल्क लगता था)
चेकबुक: हर साल केवल 10 पन्नों की एक चेकबुक फ्री, अतिरिक्त पन्नों के लिए 4 रुपये प्रति पन्ना (सीनियर सिटीजन को छूट मिलेगी)
ग्राहकों पर असर
इन नए नियमों का सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों पर पड़ेगा। जो लोग अक्सर नकद जमा या निकासी करते हैं, उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना होगा। बैंक का मानना है कि यह बदलाव ग्राहकों को डिजिटल लेन-देन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि लेन-देन अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक हो सके।
बैंक की थ्योरी
HDFC बैंक के इन नए नियमों ने ग्राहकों के लिए बैंकिंग का तरीका बदल दिया है। जहां पहले कैश ट्रांजेक्शन अपेक्षाकृत आसान और मुफ्त थे, अब सीमित संख्या के बाद उन पर शुल्क लगेगा। हालांकि, बैंक का मानना है कि यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब सवाल यह है कि क्या ग्राहक इस बदलाव को स्वीकार कर डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर बढ़ेंगे या फिर यह शुल्क उनके लिए एक अतिरिक्त बोझ बन जाएगा।