कतर की राजधानी दोहा में इजरायल द्वारा किए गए हालिया हवाई हमलों को लेकर भारत ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने साफ कहा कि भारत कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां न केवल क्षेत्र बल्कि पूरी दुनिया की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
कूटनीति और बातचीत पर जोर
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बोलते हुए बागची ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि किसी भी प्रकार के मतभेद को बातचीत और कूटनीति के ज़रिए सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयम और कूटनीति का पुरजोर आग्रह करते हैं। किसी भी तरह की वृद्धि से बचा जाना चाहिए और राज्य की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान बरकरार रहना चाहिए।” भारत ने इस मंच से एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के हर रूप और अभिव्यक्ति के खिलाफ है और क्षेत्र में शांति व स्थिरता का समर्थन करता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी एकजुट रहने की अपील की। बागची ने कहा कि दुनिया के सभी देशों को कानून के शासन को बनाए रखने और उसे कायम रखने के लिए एक साथ काम करना होगा। भारत ने कतर और उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता भी दोहराई।
पीएम मोदी ने भी जताई थी चिंता
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस घटना को लेकर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से बातचीत कर दोहा हमलों की निंदा की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत कतर जैसे भाईचारे वाले देश की संप्रभुता के उल्लंघन को स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति के ज़रिए मुद्दों को सुलझाने का समर्थन करता है और तनाव को बढ़ने से रोकने की अपील करता है।
इजरायल का ‘समिट ऑफ फायर’ ऑपरेशन
दरअसल, इजरायल ने हाल ही में दोहा में हमास नेतृत्व को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया – “समिट ऑफ फायर”। इन हमलों के बाद कतर की राजधानी विस्फोटों से दहल उठी और कटारा जिले से धुएं के गुबार उठते देखे गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हमला बेहद अचानक हुआ जिसने पूरे इलाके में डर और दहशत का माहौल बना दिया। कतर सरकार ने इसे ‘कायराना हमला’ बताते हुए गंभीर वृद्धि की चेतावनी दी है।
इजरायल ने बताया स्वतंत्र अभियान
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से बाद में जारी बयान में कहा गया कि यह अभियान “पूरी तरह स्वतंत्र” था, जिसे इजरायली रक्षा बलों और सुरक्षा एजेंसियों ने अंजाम दिया। इस कार्रवाई का मकसद दोहा में मौजूद हमास के ठिकानों और नेतृत्व को निशाना बनाना था।
क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला कतर समेत पूरे खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ा सकता है। कतर लंबे समय से हमास नेताओं की मेजबानी करता आया है और फिलिस्तीन मुद्दे पर मध्यस्थ की भूमिका निभाता रहा है। ऐसे में इजरायल का यह कदम नए भू-राजनीतिक तनाव को जन्म दे सकता है।
भारत का संतुलित रुख
भारत ने इस पूरे मामले में बेहद संतुलित रुख अपनाया है। एक ओर उसने कतर की संप्रभुता का समर्थन किया, वहीं दूसरी ओर आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ स्थिति भी दोहराई। भारत का कहना है कि किसी भी प्रकार की हिंसा और सैन्य कार्रवाई से हालात बिगड़ेंगे, इसलिए सभी पक्षों को बातचीत की मेज पर आना चाहिए।
संकेत
दोहा में इजरायल के हमले ने खाड़ी क्षेत्र में असुरक्षा और तनाव को और बढ़ा दिया है। कतर ने जहां इसे सीधी चुनौती बताया है, वहीं भारत समेत कई देश कूटनीति और बातचीत पर जोर दे रहे हैं। भारत का यह संदेश साफ है कि संप्रभुता का सम्मान और आतंकवाद के खिलाफ सख्ती – दोनों एक साथ चलने चाहिए। आने वाले दिनों में इस हमले का असर मध्य-पूर्व की राजनीति और वैश्विक कूटनीति पर गहरा पड़ सकता है।