आगरा। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने साफ कहा कि देश की खुशहाली का रास्ता अब खेत-खलिहान से होते हुए एमएसएमई सेक्टर की गलियों से गुजरता है। वैश्वीकरण के मौजूदा दौर में उद्योगों को टिके रहना है तो उन्हें खुद को बाजार के हिसाब से ढालना होगा – क्योंकि अब “Survival of the Fittest” केवल जंगल का नियम नहीं, बल्कि उद्योगों की हकीकत है। मंत्री बघेल फतेहाबाद रोड स्थित जेपी पैलेस में आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे, जिसे फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
एमएसएमई: देश की अर्थव्यवस्था की असली रीढ़
कॉन्क्लेव की अध्यक्षता कर रहे पूरन डावर (अध्यक्ष, फुटवियर एवं चमड़ा परिषद) ने दो टूक कहा “1947 में हमें भूगोल की आज़ादी मिली थी, अब हमें आर्थिक आज़ादी की लड़ाई लड़नी है।” उन्होंने आंकड़ों के हवाले से बताया कि देश के कुल रोजगार का 55 फीसदी एमएसएमई सेक्टर देता है। आगरा में एक नया औद्योगिक शहर बन रहा है, जो इस सेक्टर के लिए नए दरवाजे खोलेगा। उनका युवाओं से आह्वान था – “रोज़गार ढूंढो नहीं, दो।”

सरकार, बैंक और उद्योगपति एक मंच पर
कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी एजेंसियों और बैंकों ने एमएसएमई को मिलने वाली सुविधाओं, योजनाओं और मार्गदर्शन के बारे में जानकारी दी:
1- आर.के. भारती (संयुक्त आयुक्त, एमएसएमई विकास संस्थान) ने कहा कि सफल उद्यमी दूसरों को भी राह दिखाएं।
2- अनुज कुमार (संयुक्त आयुक्त, उद्योग) ने सब्सिडी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
3- संजय कुमार सिंह (डीजीएम, एसबीआई) ने एमएसएमई बैंकिंग सपोर्ट की जानकारी दी।
4- राजेश गर्ग (उद्यमी) ने आगरा में इंडस्ट्री के स्थायित्व पर फोकस रखा।
पैनल डिस्कशन: मुद्दे भी उठे, समाधान भी
कॉन्क्लेव के बाद आयोजित पैनल डिस्कशन में फुटवियर और चमड़ा उद्योग के भविष्य पर चर्चा हुई। पूरन डावर ने कहा कि नॉन-लेदर फुटवियर में बहुत स्कोप है, और टीटीजेड गैस नीति में समानता होनी चाहिए। उन्होंने प्रदूषण की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की वकालत की। आर.के. भारती ने वैश्विक मांग के अनुरूप उत्पाद निर्माण की बात की।
पैनल में सम्मिलित रहे:
संजय कुमार सिंह (एसबीआई)
ओपिंदर सिंह लवली (प्रदेश अध्यक्ष, सिफी)
रजत अस्थाना, विजय सामा, नकुल मनचंदा
एमएसएमई योजनाओं पर विशेष प्रजेंटेशन:
| वक्ता | पद | संस्था |
|---|---|---|
| पुष्पेन्द्र सूर्यवंशी | शाखा प्रबंधक | एनएसआईसी (NSIC) |
| विशाल कुमार | वरिष्ठ निदेशक | M1 एक्सचेंज |
| जितेन्द्र जैन | एजीएम | सिडबी (SIDBI) |
| मंसूर कटियार | रीजनल मैनेजर | यूपीसीडा (UPSIDC) |
| पुनीत शर्मा | एजीएम | एसबीआई – एसएमई प्रभाग (SBI – SME) |
ट्रेड बॉडीज और उद्यमियों की मजबूत मौजूदगी
कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले प्रमुख संगठन और उद्योग नेता:
1- प्रहलाद अग्रवाल (अध्यक्ष, टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर)
2- टीएन अग्रवाल (अध्यक्ष, आगरा व्यापार मंडल)
3- संजय गोयल (उपाध्यक्ष, नेशनल चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज)
राजीव वासन, कुलदीप सिंह कोहली, विजय सामा, दीपक मनचंदा, ललित अरोरा, राजेश सहगल आदि मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन तरुण शर्मा ने किया, जबकि अजय शर्मा और बृजेश शर्मा ने व्यवस्थाएं संभालीं।
स्टेज पर जो दिखे, जो बोले:
इस मंच पर मौजूद थे आगरा की इंडस्ट्री के कुछ चुनिंदा नाम:
1- रजत अस्थाना (एमडी, स्टोनमैन क्राफ्ट)
2- सौरभ खन्ना (डायरेक्टर, रोमसंस ग्रुप)
3- राजेश गर्ग (एमडी, प्रकाश डीजल्स)
4- राजीव अग्रवाल (एमडी, अनुराग एंटरप्राइजेज)
सुशील गुप्ता, राखी जैन, सुरेश बरेजा, अजय अग्रवाल, अनिल मगन, चेतन गुप्ता, रिंकेश अग्रवाल, नितिन गोयल, अरुण शर्मा और सचिन शंकर ने भी अपनी बात रखी।
निष्कर्ष
यह कॉन्क्लेव केवल भाषणों का मंच नहीं था, बल्कि भारत के एमएसएमई भविष्य की दिशा तय करने वाला संवाद मंच था।यह स्पष्ट हो चला है कि अगर आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करना है, तो उसके असली कंधे एमएसएमई सेक्टर ही हैं।