नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी Dream11 के लिए हालात मुश्किल भरे हो चुके हैं। संसद में हाल ही में पारित हुआ ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ रियल मनी गेमिंग पर पूरी तरह रोक लगाता है। इस कानून के लागू होते ही Dream11 ने अपने सभी पैसे वाले कॉन्टेस्ट बंद कर दिए हैं।
कंपनी के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि उसकी कुल कमाई का 90% हिस्सा इन्हीं पेड गेम्स से आता था। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या Dream11 भारत में अपना कारोबार जारी रख पाएगा या इसे नए सिरे से खड़ा करना होगा
क्या है ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025?
नए कानून का मकसद भारत में ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित और सुरक्षित बनाना है।
- इसमें उन सभी खेलों पर पाबंदी लगाई गई है, जिनमें पैसे दांव पर लगाए जाते हैं या नकद इनाम मिलता है।
- चाहे वह फैंटेसी क्रिकेट जैसा स्किल-बेस्ड गेम हो या कैसीनो जैसा चांस-बेस्ड गेम, सभी पर रोक है।
- इस बिल के तहत गेमिंग कंपनियों, विज्ञापनदाताओं और बैंकों के लिए कड़े नियम तय किए गए हैं।
सजा और जुर्माना:
- कानून का उल्लंघन करने वाली कंपनी पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 3 साल की जेल हो सकती है।
- विज्ञापन देने वालों को 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और 2 साल की सजा का प्रावधान है।
सरकार का तर्क है कि यह कदम ऑनलाइन गेमिंग से होने वाले सामाजिक और आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए जरूरी था।
Dream11 पर सबसे बड़ा असर
Dream11, जिसे 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ ने शुरू किया था, आज भारत की सबसे बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी है।
- 28 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स।
- 2024 में 9600 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई।
- कंपनी की 90% आय सिर्फ रियल मनी गेमिंग से।
लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
- Dream11 ने अपने सभी पेड कॉन्टेस्ट बंद कर दिए हैं।
- कंपनी ने यूजर्स को भरोसा दिलाया है कि उनके वॉलेट में मौजूद पैसे सुरक्षित हैं और निकाले जा सकते हैं।
- अब कंपनी अपने अन्य वेंचर्स जैसे FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios पर फोकस कर रही है।
- इसके अलावा, Dream11 उन देशों में भी विस्तार की तैयारी कर रही है जहां रियल मनी गेमिंग की इजाजत है।
लेकिन इंडस्ट्री विशेषज्ञों का कहना है कि इन नए बिजनेस सेक्टर्स से उतनी बड़ी कमाई नहीं होगी, जितनी फैंटेसी स्पोर्ट्स से होती थी।
पूरी इंडस्ट्री पर संकट
Dream11 अकेली कंपनी नहीं है जो इस कानून से प्रभावित हुई है।
- भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का आकार 3.7 बिलियन डॉलर है।
- इसमें से लगभग 86% हिस्सा रियल मनी गेमिंग का है।
- Dream11 के अलावा My11Circle, MPL, Games24x7, Pokerbaazi जैसी कंपनियां भी इस कानून से बुरी तरह प्रभावित होंगी।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का अनुमान है:
- 4 लाख कंपनियां प्रभावित होंगी।
- लगभग 2 लाख नौकरियों पर खतरा मंडराएगा।
- करीब 25,000 करोड़ रुपये का निवेश डूब सकता है।
- सरकार को हर साल लगभग 20,000 करोड़ रुपये के टैक्स का नुकसान होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकार का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े कई नुकसान और जोखिम हैं:
- लोग बड़ी संख्या में कर्ज में डूब रहे थे।
- कई मामलों में आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आईं।
- परिवारों पर इसका आर्थिक और मानसिक दबाव बढ़ रहा था।
सरकार ने साफ किया कि यह फैसला युवाओं और समाज की सुरक्षा के लिए लिया गया है।
इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
गेमिंग कंपनियां और इंडस्ट्री संगठन इस फैसले से नाखुश हैं।
- ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने कहा कि यह कानून गलत दिशा में उठाया गया कदम है।
- उनका तर्क है कि इससे वैध और टैक्स भरने वाली कंपनियां बंद होंगी, जबकि अवैध ऑपरेटर्स को फायदा मिलेगा।
- विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को गेमिंग इंडस्ट्री के लिए रेगुलेशन और मॉनिटरिंग लानी चाहिए थी, सीधा बैन नहीं।
आगे का रास्ता
Dream11 और दूसरी गेमिंग कंपनियां अब नई रणनीतियों पर काम कर रही हैं।
- विदेशों में विस्तार।
- नॉन-मनी गेमिंग और कंटेंट बिजनेस की तरफ रुख।
- टेक्नोलॉजी और स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट सेक्टर में निवेश।
लेकिन यह साफ है कि Dream11 और पूरी इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है और आने वाले समय में ऑनलाइन गेमिंग का स्वरूप पूरी तरह बदल सकता है।