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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > एग्रीकल्चर > मोदी सरकार की नई पहल: PMDDKY से किसानों और मछुआरों को नई ताकत
एग्रीकल्चर

मोदी सरकार की नई पहल: PMDDKY से किसानों और मछुआरों को नई ताकत

Last updated: 15/08/2025 1:59 PM
By
Industrial Empire
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NARENDRA MODI
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
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स्वतंत्रता दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संदेश दिया। उन्होंने साफ कहा कि भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते में ऐसा प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेगा, जिससे हमारे अन्नदाता, पशुपालक और मत्स्य पालक प्रभावित हों। पीएम मोदी ने खुद को इन वर्गों के लिए “दीवार” बताते हुए भरोसा दिलाया कि उनके हितों के खिलाफ कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं होने दिया जाएगा।

अमेरिका के दबाव में भी नहीं झुकेगा भारत
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) चर्चा में है। अमेरिका चाहता है कि भारत मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम और एथनॉल जैसे उत्पादों पर शुल्क कम करे और अमेरिकी डेयरी उत्पादों को भारतीय बाजार में बड़ी पहुंच दे। लेकिन भारत सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया है क्योंकि ऐसा कदम सीधे तौर पर भारतीय किसानों और डेयरी सेक्टर को नुकसान पहुंचा सकता है। पीएम मोदी का यह स्पष्ट संदेश किसानों को आश्वस्त करता है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।

पीएम धन-धान्य कृषि योजना का ऐलान
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने एक नई योजना “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” (PMDDKY)की भी घोषणा की। यह योजना देश के 100 एस्पिरेशन जिलों में लागू की जाएगी और जिसका उद्देश्य किसानों को फसल कटाई के बाद भंडारण की बेहतर सुविधा देना, सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करना और खेती की पैदावार बढ़ाना है। इस योजना पर हर साल 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और अगले 6 वर्षों में कुल मिलाकर लगभग 1 करोड़ 70 लाख किसानों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।

अनाज और उत्पादन में नई ऊंचाई
पीएम मोदी ने गर्व से कहा कि भारतीय किसानों ने पिछले साल अनाज उत्पादन में सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। आज भारत मछली उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर है और चावल, गेहूं, फल और सब्जियों के मामले में भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है। सही नीतियों और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से देश की कृषि क्षमता आज तेजी से बढ़ रही है।

योजना के प्रमुख उद्देश्य
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना सिर्फ उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका फोकस कृषि के ढांचे और टिकाऊ विकास पर भी है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:

कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी करना
किसानों को फसल विविधीकरण और सतत खेती की ओर प्रोत्साहित करना
पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाना
सिंचाई इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना
किसानों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना

कैसे चुने जाएंगे 100 जिले?

  • योजना के लिए 100 जिलों का चयन विशेष मानकों पर होगा। इनमें शामिल होंगे:-
  • कम उत्पादकता वाले जिले
  • जहां फसल सघनता कम है
  • जहां किसानों का लोन भुगतान कमजोर है

हर राज्य से कम से कम एक जिला चुना जाएगा ताकि भौगोलिक संतुलन बना रहे। इन जिलों को कृषि सुधारों का केंद्र बनाया जाएगा और उनकी जलवायु एवं फसल पैटर्न को ध्यान में रखते हुए स्थानीय योजनाएं बनाई जाएंगी।

जिला-स्तरीय योजना और निगरानी
हर चयनित जिले में एक जिला धन-धान्य कृषि समिति बनेगी, जिसकी अध्यक्षता जिला अधिकारी या ग्राम पंचायत करेगी। इसमें प्रगतिशील किसानों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा ताकि व्यापक प्रतिनिधित्व हो। यह समिति स्थानीय परिस्थितियों, फसल पैटर्न और किसानों की जरूरतों को देखते हुए कृषि और संबद्ध गतिविधियों की योजना बनाएगी। प्रगति की निगरानी के लिए 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPI) पर आधारित एक केंद्रीय डैशबोर्ड तैयार किया जाएगा, जिसकी मासिक समीक्षा होगी।

डिजिटल इकोसिस्टम से पारदर्शिता
इस योजना को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेगी।
किसानों के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप बनाया जाएगा, जो क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी देगा।
एक ऑनलाइन डैशबोर्ड भी होगा जहां जिलेवार प्रगति देखी जा सकेगी।
जिलों की रैंकिंग की जाएगी ताकि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़े और काम समय पर पूरा हो।

फसल के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर होगा ध्यान
पीएमडीडीकेवाई केवल फसल खेती तक सीमित नहीं है। यह योजना फल, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन और कृषि वानिकी को भी प्रोत्साहित करेगी। यानी यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर हिस्से को छूने वाली एक व्यापक योजना है।

इसके लाभ होंगे:
उत्पादकता और मूल्यवर्धन में बढ़ोतरी
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर
घरेलू उत्पादन में वृद्धि
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम।

PMDDKY है गेम चेंजर
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को एक गेम चेंजर माना जा सकता है। यह योजना केवल किसानों की आय बढ़ाने के साथ पूरे कृषि तंत्र को आधुनिक, टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति है। 6 साल की अवधि में भारी निवेश, जिला स्तर पर विकेंद्रीकृत योजना, वास्तविक समय निगरानी और डिजिटल साधनों का उपयोग – ये सभी मिलकर भारत की कृषि को नई दिशा देंगे।

TAGGED:AgricultureAgriculture Development SchemeModi Kisan Yojana 2025Narendra ModiPM ModiPMDDKYRural Economy India
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