भारत का real estate सेक्टर 2025 में एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। देश में विदेशी और घरेलू निवेशकों ने मिलकर इस साल अब तक करीब ₹75 हजार करोड़ का निवेश किया है। CBRE साउथ एशिया की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ़ जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही में ही रियल एस्टेट सेक्टर में 48% की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह बढ़त दिखाती है कि भारत अब निवेशकों के लिए रियल एस्टेट का नया केंद्र बनता जा रहा है।
तीसरी तिमाही में रिकॉर्ड निवेश
CBRE की रिपोर्ट बताती है कि तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) में कुल 3.8 बिलियन डॉलर (लगभग ₹28,500 करोड़) का निवेश हुआ। पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 2.6 बिलियन डॉलर था। यानी एक साल में ही 48% की उछाल। इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है लैंड और डेवलपमेंट साइट्स में तेजी और तैयार ऑफिस व रिटेल प्रॉपर्टी की बढ़ती मांग। निवेशक अब सिर्फ़ तैयार इमारतों में नहीं, बल्कि नए विकास प्रोजेक्ट्स में भी पैसे लगा रहे हैं, जिससे आने वाले सालों में इस सेक्टर में और उछाल की उम्मीद है।
पहले नौ महीनों में ₹75,000 करोड़ का निवेश
2025 के पहले नौ महीनों (जनवरी से सितंबर) में कुल निवेश 10.2 बिलियन डॉलर, यानी लगभग ₹75 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। यह 2024 की तुलना में 14% ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं – भारत की स्थिर अर्थव्यवस्था, तेज़ी से बढ़ता शहरीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में सरकार की बड़ी भूमिका।
CBRE साउथ एशिया के चेयरमैन अंशुमन मैगजीन के अनुसार, “भारत का रियल एस्टेट अब एक मजबूत निवेश गंतव्य बन चुका है। आने वाले समय में लैंड, रिटेल और डेटा सेंटर प्रोजेक्ट्स में निवेश और बढ़ेगा।”
कहां लग रहा है सबसे ज्यादा पैसा?
रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी तिमाही में 90 फीसदी से ज्यादा निवेश लैंड/डेवलपमेंट साइट्स, तैयार ऑफिस स्पेस और रिटेल प्रॉपर्टी में हुआ। CBRE के प्रबंध निदेशक गौरव कुमार ने कहा कि भारत में अब रियल एस्टेट निवेश के कई नए रास्ते खुल गए हैं। जहां एक तरफ़ बड़े डेवलपर्स नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर निवेशक तैयार प्रॉपर्टी में स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं। इससे सेक्टर में संतुलित वृद्धि हो रही है और छोटे शहरों में भी नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं।
मुंबई, पुणे और बेंगलुरु बने निवेश के नए हब
शहरों की बात करें तो मुंबई ने इस बार सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित किया। कुल निवेश में से 32% हिस्सा मुंबई के हिस्से आया, जबकि पुणे को 18% और बेंगलुरु को 16% निवेश मिला। इन शहरों की लोकप्रियता के पीछे कई कारण हैं – बेहतर कनेक्टिविटी, तेजी से बढ़ता आईटी और सर्विस सेक्टर, और वाणिज्यिक रियल एस्टेट की उच्च मांग। इसके अलावा हैदराबाद, चेन्नई और गुरुग्राम जैसे शहर भी निवेशकों के रडार पर हैं, जहां कई नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हो चुकी है।
कौन लगा रहा है सबसे ज्यादा पैसा?
रिपोर्ट बताती है कि इस निवेश में डेवलपर्स की हिस्सेदारी 45% रही, जबकि संस्थागत निवेशकों (Institutional Investors) का योगदान 33% रहा। इसका मतलब है कि भारत के साथ-साथ विदेशी निवेशक भी बड़े पैमाने पर भारतीय रियल एस्टेट में रुचि दिखा रहे हैं। यूएई, सिंगापुर और अमेरिका जैसे देशों के कई फंड भारत में नए ऑफिस, डेटा सेंटर और रिटेल कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहे हैं।
अगली तिमाही में भी बनी रहेगी रफ्तार
CBRE का अनुमान है कि 2025 की चौथी तिमाही में भी यह तेजी बनी रहेगी। खासकर तैयार ऑफिस और रिटेल स्पेस में निवेश का सिलसिला जारी रहेगा, जबकि रेजिडेंशियल और मिक्स-यूज़ प्रोजेक्ट्स में भी नए सौदे हो सकते हैं। डेटा सेंटर, वेयरहाउसिंग और ग्रीन बिल्डिंग्स जैसे नए क्षेत्रों में भी निवेश बढ़ने की उम्मीद है।
भारत बना रियल एस्टेट निवेश का ग्लोबल सेंटर
कुल मिलाकर, भारत का रियल एस्टेट सेक्टर अब सिर्फ़ घरेलू निवेशकों का नहीं, बल्कि ग्लोबल निवेशकों का पसंदीदा बाजार बन चुका है। स्थिर नीतियों, तेजी से बढ़ती मांग और शहरीकरण के चलते आने वाले वर्षों में यह सेक्टर और भी मजबूत होने जा रहा है। 2025 का यह निवेश बूम साफ बताता है – भारत अब “रियल एस्टेट ग्रोथ स्टोरी” का नया चेहरा है।