अमेरिका के राष्ट्रपति donald trump ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई में शुरू हुए गंभीर सैन्य तनाव को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। ट्रंप ने कहा कि दोनों देश परमाणु हमले की स्थिति में पहुंच चुके थे और उन्होंने इस संघर्ष को रोकने के लिए 350 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की धमकी दी थी।
भारत का रुख – किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं
ट्रंप यह दावा अब तक 60 से ज्यादा बार कर चुके हैं, लेकिन भारत लगातार मानता रहा है कि दो देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। भारत की ओर से समय-समय पर साफ किया गया है कि सीमा या सुरक्षा से जुड़े मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत से ही निपटाए जाएंगे।
Trump का बयान – “मैं झगड़े सुलझाने में माहिर”
बुधवार को ‘अमेरिका-सऊदी निवेश मंच’ में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, “मैं झगड़े सुलझाने में हमेशा से अच्छा रहा हूं। पिछले कुछ सालों में मैंने कई ऐसी लड़ाइयाँ खत्म कराईं। भारत और पाकिस्तान परमाणु हमलों की स्थिति में पहुंच चुके थे।“ ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों से साफ कहा कि वे चाहे युद्ध जारी रखें, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो अमेरिका 350% शुल्क लगाकर भारत-पाक दोनों के व्यापार को रोक देगा। ट्रंप ने कहा कि इस कदम का ऐसा दबाव पड़ा जिसने स्थिति को बदल दिया।
किसी और राष्ट्रपति में साहस नहीं – Trump
ट्रंप ने कहा कि कई संघर्ष व्यापार और शुल्क आधारित दबाव से सुलझे। उन्होंने कहा, “कोई दूसरा राष्ट्रपति ऐसा नहीं करता। मैंने यह किया और पांच बड़े संघर्ष इसी तरह समाप्त हुए।” ट्रंप का दावा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी उन्हें फोन कर लाखों जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह बातचीत ‘व्हाइट हाउस’ की चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स की मौजूदगी में हुई थी।
नहीं करेंगे युद्ध – पीएम मोदी
अपने बयान में ट्रंप ने आगे दावा किया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें फोन करके कहा कि हमारा काम हो गया। ट्रंप ने उनसे पूछा – “क्या काम हो गया?” ट्रंप के अनुसार, मोदी ने जवाब दिया – “हम युद्ध नहीं करेंगे।” इसके बाद ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी को धन्यवाद दिया और दोनों नेताओं ने आगे सकारात्मक बातचीत की।
अमेरिकी संसद की रिपोर्ट पर कांग्रेस का हमला – ‘कूटनीति के लिए झटका’
दूसरी ओर, कांग्रेस ने अमेरिका की एक ताज़ा रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि यह भारत की कूटनीति के लिए बड़ा झटका है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई यह रिपोर्ट भारत के लिए चिंताजनक और अस्वीकार्य है।
क्या है रिपोर्ट में?
जयराम रमेश ने बताया कि अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट अमेरिकी संसद को भेजी है। यह रिपोर्ट करीब 800 पृष्ठों की है और इसके पृष्ठ 108-109 में भारत-पाक घटनाओं को लेकर चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। रमेश ने कहा कि रिपोर्ट में अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले को “विद्रोही हमला” बताया गया है, जबकि चार दिवसीय संघर्ष में “पाकिस्तान की सैन्य सफलता” लिखी गई है।
कांग्रेस का आरोप – सरकार चुप क्यों?
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ट्रंप 60 बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” रुकवाया, लेकिन भारत सरकार और प्रधानमंत्री की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भारत सरकार अमेरिकी कांग्रेस की इस रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराएगी?
कूटनीति बनाम राजनीति
रिपोर्ट और ट्रंप के दावे ऐसे समय में सामने आए हैं जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और वैश्विक कूटनीति तेजी से बदल रही है। यही कारण है कि भारत में भी इस मुद्दे पर राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है। कांग्रेस का कहना है कि भारत की विदेश नीति पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं, तो वहीं सरकार इस मुद्दे पर फिलहाल चुप है।