अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है चीन पर लगाया गया 100 फीसदी टैरिफ। ट्रंप ने साफ कह दिया है कि अमेरिका अब चीन के खिलाफ सख्त रवैया अपनाएगा। यह फैसला ऐसे समय आया है जब चीन ने रेयर अर्थ मिनिरल्स के निर्यात पर सख्त नियम लागू किए हैं। ट्रंप का कहना है कि चीन का यह कदम वैश्विक बाजार को ‘बंधक’ बनाने जैसा है, जिसे अमेरिका कभी स्वीकार नहीं करेगा।
नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर भड़के Trump?
कई अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के हालिया फैसले के पीछे निजी नाराज़गी भी झलकती है। कहा जा रहा है कि नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने के बाद ट्रंप ने यह गुस्सा चीन पर उतारा है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “चीन द्वारा इस अभूतपूर्व रुख को देखते हुए अमेरिका चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, जो चीन के मौजूदा टैक्स से अलग होगा।” उन्होंने आगे कहा कि यह नया टैरिफ 1 नवंबर 2025 से लागू होगा और चीन को इस फैसले की पूरी कीमत चुकानी पड़ेगी।
रेयर अर्थ मिनिरल्स पर चीन का नया दांव
दरअसल, इस विवाद की जड़ चीन का हालिया निर्णय है। चीन ने घोषणा की थी कि अब रेयर अर्थ मिनिरल्स (Rare Earth Elements) या उससे बने किसी भी उत्पाद के निर्यात से पहले ‘स्पेशल अप्रूवल’ लेना अनिवार्य होगा। रेयर अर्थ मिनिरल्स वे कीमती धातुएं हैं जो स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, मिसाइल सिस्टम और ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी जैसी इंडस्ट्रीज में जरूरी होती हैं। चीन इस समय दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और लगभग 70 फीसदी से ज्यादा सप्लाई चीन से होती है। ऐसे में चीन का यह कदम वैश्विक उद्योगों के लिए झटका साबित हो सकता है।
अमेरिका की सख्त प्रतिक्रिया
चीन के इस फैसले पर ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर बीजिंग पीछे नहीं हटा, तो अमेरिका ‘भारी टैरिफ’ लगाएगा। और अब उन्होंने अपने वादे पर अमल कर दिखाया है। ट्रंप ने कहा कि चीन की इस नीति से न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया की सप्लाई चेन प्रभावित होगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि “इसका सबसे बड़ा नुकसान चीन को ही होगा, क्योंकि अमेरिकी मार्केट से बाहर होना किसी भी देश के लिए घाटे का सौदा है।”
रद्द हुई ट्रंप-जिनपिंग मुलाकात
ट्रंप ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात नहीं होगी। दरअसल, इस महीने के अंत में साउथ कोरिया में APEC शिखर सम्मेलन होने वाला है, जहां दोनों नेताओं की मुलाकात तय थी। लेकिन ट्रंप ने कहा, “मुझे अब जिनपिंग से मिलने का कोई कारण नहीं दिखता। जब चीन बातचीत के बजाय धमकी की भाषा बोल रहा है, तो मुलाकात का क्या मतलब?” यह बयान दोनों देशों के बीच संबंधों में और तनाव बढ़ाने वाला साबित हुआ है।
फिर लौटेगा ट्रेड वॉर का दौर?
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर की वापसी हो सकती है। याद रहे, 2018 में भी ट्रंप प्रशासन ने चीन पर कई बार भारी टैरिफ लगाए थे, जिससे वैश्विक व्यापार पर असर पड़ा था। अब 100 फीसदी टैरिफ का मतलब है कि चीनी उत्पाद अमेरिकी बाजार में बेहद महंगे हो जाएंगे, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स, मेटल्स और ऑटो सेक्टर पर सीधा असर पड़ सकता है।
चीन कर सकता है काउंटर टैरिफ अटैक
चीन ने अब तक ट्रंप के इस ऐलान पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन संकेत यही हैं कि बीजिंग भी किसी काउंटर-टैरिफ की तैयारी कर सकता है। दूसरी ओर, अमेरिकी इंडस्ट्रीज़ चिंतित हैं कि इस फैसले से सप्लाई चेन और दामों पर असर पड़ेगा। हालांकि, ट्रंप का मानना है कि यह “अमेरिकी आत्मनिर्भरता की दिशा में जरूरी कदम” है।
ट्रंप का यह फैसला अमेरिका-चीन रिश्तों के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डालेगा। ट्रंप एक बार फिर उसी अंदाज़ में लौट आए हैं, जिसके लिए वह जाने जाते हैं आक्रामक, अप्रत्याशित और प्रभावशाली। अब देखना यह होगा कि क्या यह 100 फीसदी टैरिफ अमेरिका को फायदा पहुंचाएगी, या फिर दुनिया एक बार फिर नई ट्रेड वॉर की गिरफ्त में आ जाएगी।