आजकल हर जगह एक ही सवाल उठ रहा है – क्या आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) हमारी नौकरियां छीन लेगा? क्या मशीनें इंसानों की जगह ले लेंगी? लेकिन हाल ही में देश के सबसे बड़े जॉब पोर्टल नौकरी डॉट कॉम की रिपोर्ट कुछ और ही कहती है। इसमें सामने आया है कि जहां कुछ लोगों को नौकरी जाने का डर है, वहीं बड़ी संख्या में लोग इसे एक नए अवसर के रूप में देख रहे हैं।
तीन में से केवल एक को है नौकरी जाने का डर
इस सर्वे के अनुसार, नौकरी ढूंढ़ रहे हर तीन लोगों में से केवल एक को लगता है कि AI के आने से उसकी नौकरी जा सकती है। खास बात यह है कि युवा और पहली बार नौकरी तलाश रहे लोग ज्यादा सकारात्मक सोच रखते हैं। उन्हें लगता है कि AI से नौकरियां कम नहीं बल्कि ज्यादा होंगी।
वहीं, अनुभवी और लंबे समय से काम कर रहे पेशेवरों की राय थोड़ी संतुलित है। उन्हें लगता है कि जितनी नई नौकरियां बनेंगी, उतनी ही कुछ पुरानी नौकरियां खत्म भी हो सकती हैं। यानी बाजार में संतुलन बना रहेगा।
अमेरिका बनाम भारत: नजरिया एकदम अलग
जहां अमेरिका में लगभग 75 फीसदी लोग मानते हैं कि AI नौकरी के अवसरों को खत्म कर देगा, वहीं भारत के लोग इस तकनीक को लेकर कहीं ज्यादा आशावादी हैं। हालांकि, भारत में भी कुछ चिंताएं हैं, खासकर रचनात्मक क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों को लगता है कि AI से क्रिएटिविटी में कमी आ रही है।
उच्च वेतन वाले अधिकारियों की चिंता
जो लोग ज्यादा वेतन (15 लाख रुपये सालाना से ऊपर) कमा रहे हैं, उनमें से लगभग 40 फीसदी को लगता है कि AI ने उनके क्षेत्र में रचनात्मकता को प्रभावित किया है। विज्ञापन, फिल्म, संगीत और एनिमेशन जैसे उद्योगों में यह प्रभाव ज्यादा महसूस हो रहा है। कुछ वरिष्ठ अधिकारी यह भी मानते हैं कि साल 2030 तक उनकी नौकरी पर खतरा हो सकता है।
AI के क्षेत्र में बन रहे हैं नए मौके
AI के बढ़ते प्रभाव के बावजूद एक अच्छी खबर यह है कि मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में नौकरियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। अप्रैल से जून 2025 के बीच मशीन लर्निंग इंजीनियर की नौकरियां दोगुनी हो गईं और डेटा साइंटिस्ट तथा सर्च इंजीनियर जैसे पदों की मांग में भी बड़ा इजाफा हुआ है। दूसरी ओर, कुछ पारंपरिक टेक्निकल रोल जैसे मोबाइल ऐप डेवलपमेंट, फ्रंट एंड डेवेलपमेंट आदि नौकरियों में गिरावट देखी गई है।
नए जमाने के शहरों से भी आ रहे अवसर
AI और मशीन लर्निंग से जुड़ी 35 हजार नौकरियों को नौकरी डॉट कॉम ने सिर्फ तीन महीने में सूचीबद्ध किया है। इनमें से कई नौकरियां इंदौर, कोयंबत्तूर और कोच्चि जैसे शहरों से भी आई हैं, जो यह दिखाता है कि टियर-2 शहरों में भी AI का विस्तार तेजी से हो रहा है।
डरें नहीं तैयार रहें
सर्वे की ये बातें साफ इशारा करती हैं कि AI से डरने की नहीं, बल्कि सीखने और खुद को अपडेट करने की जरूरत है। आने वाला समय उन्हीं लोगों का होगा जो तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। ऐसे में AI से नौकरी जाएगी या आएगी का जवाब है – दोनों, लेकिन जो सीखते रहेंगे उनके लिए नए रास्ते जरूर खुलेंगे।