The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Tuesday, Jun 17, 2025
Facebook X-twitter Youtube Linkedin
  • हमारे बारे में
  • संपर्क करें
  • विज्ञापन
  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
    • म्यूच्यूअल फण्ड
    • आई पी ओ
  • कंपनियां
    • आई टी
    • उद्योग
    • FMCG
    • टेलीकॉम
    • रियल स्टेट
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट
Font ResizerAa
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & InnovationThe Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
  • कंपनियां
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट
Search
  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
    • म्यूच्यूअल फण्ड
    • आई पी ओ
  • कंपनियां
    • आई टी
    • उद्योग
    • FMCG
    • टेलीकॉम
    • रियल स्टेट
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > अस्वर्गीकृत > खाद्य सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार सतर्क, नकली सामान पर लगेगी लगाम
अस्वर्गीकृत

खाद्य सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार सतर्क, नकली सामान पर लगेगी लगाम

Industrial Empire
Last updated: 01/05/2025 6:13 PM
Industrial Empire
Share
SHARE

BY- NISHA MANDAL

Contents
मिलावटखोरी: एक गंभीर समस्यायोगी सरकार का नया ऐक्शन प्लानमहिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पहलजन जागरूकता अभियानई-विजिलेंस और तकनीक का उपयोगव्यापारियों और उद्योगों के लिए सख्त दिशा-निर्देशपिछले मामलों से सबकसरकार की चुनौतियाँ

उत्तर प्रदेश में मिलावटखोरी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है। खाद्य पदार्थों में मिलावट से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, वहीं नकली उत्पाद बाजार में असली उत्पादों को नुकसान पहुँचाते हैं। दुकानों पर बिकने वाले दूध, तेल, मसाले, मिठाइयाँ और दवाइयों तक में अक्सर मिलावट पाई जाती हैं, जिससे आम आदमी के स्वास्थ्य के साथ-साथ उसकी जेब पर भी असर पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक, हर जगह यह समस्या फैली हुई है। लोग अनजाने में नकली और हानिकारक चीजें खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें असली और नकली में फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है।

इस खतरे को देखते हुए, योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब एक सख्त ऐक्शन प्लान तैयार किया है, जिसका उद्देश्य है राज्य को मिलावट से मुक्त बनाना। सरकार का मानना है कि जब तक मिलावट करने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी और जनता को जागरूक नहीं किया जाएगा, तब तक यह लड़ाई पूरी नहीं हो सकती। इसी सोच के साथ अब पूरे राज्य में एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है।


मिलावटखोरी: एक गंभीर समस्या

स्वास्थ्य के लिए खतरा

खाद्य पदार्थों जैसे दूध, मसाले, घी, तेल, मिठाइयों आदि में मिलावट से कैंसर, पेट की बीमारियाँ, फूड पॉइजनिंग, किडनी और लीवर खराब होने जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं। मिलावटी दूध में डिटरजेंट, यूरिया और सिंथेटिक केमिकल मिलाए जाते हैं, जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। मसालों में रंग और चाक पाउडर जैसे सस्ते व हानिकारक पदार्थ मिलाकर उन्हें चमकदार बना दिया जाता है, जो शरीर के पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचाते हैं।

घी और तेल में सस्ते और जहरीले कैमिकल मिलाकर उनकी खुशबू और रंग तो बनाए जाते हैं, लेकिन यह शरीर के भीतर जाकर कई अंगों को नुकसान पहुँचाते हैं। मिठाइयों में मिलाया जाने वाला सिंथेटिक रंग और सड़ा हुआ मावा फूड पॉइजनिंग का मुख्य कारण बन सकता है। इस तरह की मिलावट रोजमर्रा की ज़िंदगी में ज़हर की तरह काम करती है, जो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर और बीमार बनाती है।

उपभोक्ता के साथ धोखा

मिलावटी उत्पाद ग्राहक के साथ धोखा होता है। ग्राहक पूरा पैसा देता है लेकिन उसे खराब गुणवत्ता वाला या नकली उत्पाद मिलता है।
यह न सिर्फ उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उसकी सेहत और भरोसे से भी खिलवाड़ है। आम लोग यह सोचकर सामान खरीदते हैं कि उन्हें सही और सुरक्षित चीजें मिल रही हैं, लेकिन मिलावटखोर उनका भरोसा तोड़ते हैं। कई बार लोग बीमार होने पर भी समझ नहीं पाते कि इसका कारण मिलावटी खाना या नकली दवा है। ऐसे में ग्राहक नुकसान भी उठाता है और उसका स्वास्थ्य भी बिगड़ता है। यह एक प्रकार का आर्थिक और स्वास्थ्य से जुड़ा अपराध है, जिससे पूरे समाज को नुकसान होता है।

बाजार की अर्थव्यवस्था पर असर

नकली और मिलावटी सामान असली उत्पादों की बिक्री को नुकसान पहुँचाते हैं। इससे असली उत्पाद बनाने वाले उद्योगों और किसानों को नुकसान होता है। जब बाज़ार में सस्ते और नकली सामान की भरमार होती है, तो अच्छे और मेहनत से बने असली उत्पादों की मांग कम हो जाती है। इससे छोटे व्यापारी, कारीगर, और किसान जो ईमानदारी से काम करते हैं, उन्हें आर्थिक घाटा उठाना पड़ता है।

नकली सामान की वजह से उनका माल नहीं बिकता और उन्हें अपनी सही कीमत नहीं मिल पाती। इससे उनके जीवन पर सीधा असर पड़ता है और कई बार वे अपना काम-धंधा बंद करने को मजबूर हो जाते हैं। इससे न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और गुणवत्ता पर भी सवाल उठते हैं।


योगी सरकार का नया ऐक्शन प्लान

योगी सरकार ने मिलावटखोरी पर लगाम लगाने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। इस योजना को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा।

1. मिलावटखोरों पर सीधी सख्ती

सरकार ने घोषणा की है कि अब मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

  • एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
  • गिरफ्तारी और जेल की कार्रवाई होगी।
  • बार-बार मिलावट करने वालों की प्रॉपर्टी जब्त की जा सकती है।

2. विशेष अभियान: “शुद्ध के लिए युद्ध”

इस अभियान के तहत सरकार नियमित रूप से बाजारों और दुकानों की जांच कराएगी। इस योजना में:

  • मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन चलाई जाएँगी।
  • हर जिले में विशेष निगरानी दल बनाए जाएँगे।
  • सैंपल लेकर लैब में टेस्ट कराए जाएँगे।

3. प्रयोगशालाओं को आधुनिक बनाना

राज्य की खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है ताकि जल्दी और सटीक रिपोर्ट मिल सके।


महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पहल

स्कूलों और आँगनबाड़ियों में खाद्य सुरक्षा

सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं कि स्कूलों और आँगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को जो खाना मिलता है, वह पूरी तरह शुद्ध और सुरक्षित हो।

  • स्कूल मिड-डे मील में दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता की जाँच।
  • महिला समूहों को प्रशिक्षित कर खाद्य निगरानी में लगाया जाएगा।

जन जागरूकता अभियान

लोगों को जागरूक करना भी जरूरी

सरकार केवल कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को भी जागरूक कर रही है ताकि वे खुद भी मिलावट को पहचान सकें।

  • टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार।
  • बाजारों और स्कूलों में जागरूकता शिविर।

ई-विजिलेंस और तकनीक का उपयोग

ऑनलाइन शिकायत व्यवस्था

अब उपभोक्ता सीधे वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से मिलावट की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सरकार ने यह सुविधा इसलिए शुरू की है ताकि लोग आसानी से और तुरंत शिकायत कर सकें। अगर किसी दुकानदार या कंपनी का सामान नकली या मिलावटी लगे, तो उसकी फोटो, जानकारी और स्थान के साथ ऑनलाइन रिपोर्ट किया जा सकता है।

शिकायत मिलते ही संबंधित विभाग तुरंत जाँच करता है और ज़रूरी कार्रवाई की जाती है। इससे जनता की भागीदारी भी बढ़ती है और मिलावट करने वालों में डर बना रहता है। अब हर नागरिक इस अभियान का हिस्सा बनकर ‘मिलावट मुक्त भारत’ की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।

QR कोड और ट्रैकिंग सिस्टम

सरकार ऐसे उत्पादों पर काम कर रही है जिन पर QR कोड लगे होंगे, जिससे उपभोक्ता उसकी असलियत को ट्रैक कर सके।
इस तकनीक से उपभोक्ता मोबाइल से स्कैन करके यह जान सकेगा कि उत्पाद कहाँ बना, किस कंपनी का है, और उसमें इस्तेमाल की गई सामग्री क्या है। इससे नकली सामान की पहचान करना आसान हो जाएगा। QR कोड के ज़रिए उत्पाद की पूरी जानकारी पारदर्शी रूप में सामने आएगी, जिससे उपभोक्ता ठगा हुआ महसूस नहीं करेगा। यह पहल उपभोक्ता की सुरक्षा के साथ-साथ असली उत्पादकों की पहचान और सम्मान को भी बढ़ावा देगी।


व्यापारियों और उद्योगों के लिए सख्त दिशा-निर्देश

  • सभी दुकानदारों और विक्रेताओं को FSSAI लाइसेंस अनिवार्य किया गया है।
  • बगैर लाइसेंस के कारोबार पर कार्रवाई होगी।
  • मूल उत्पाद स्रोत का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य किया गया है।

पिछले मामलों से सबक

पिछले सालों में उजागर हुए मिलावट के मामले

  • नकली दूध बनाने वाली फैक्ट्रियाँ
  • सिंथेटिक मसालों का कारोबार
  • नकली मिठाइयों की बिक्री

इन मामलों ने सरकार को चेताया कि अब केवल चेतावनी से काम नहीं चलेगा, सख्त कार्रवाई ही समाधान है।


सरकार की चुनौतियाँ

हालाँकि योजना मजबूत है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी
  • भ्रष्टाचार और स्थानीय संरक्षण
  • सीमित लैब और स्टाफ

सरकार इन चुनौतियों को दूर करने के लिए भी रणनीति बना रही है।


योगी सरकार का यह ऐक्शन प्लान न केवल सख्त है, बल्कि दूरगामी प्रभाव डालने वाला भी है। यदि इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया, तो यूपी मिलावटमुक्त बन सकता है। इसके लिए जनता, व्यापारी और प्रशासन—सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।

TAGGED:Action PlanadulterationE-vigilance and use of technologyimpact on the market economyIndustrial Empirepublic awareness campaignStrict guidelines for traders and industriesUttar PradeshYogi Government
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article दिल्ली में लक्ज़री प्रॉपर्टी दिल्ली में लक्ज़री प्रॉपर्टी की खरीदारी: हाईकोर्ट वकील ने खरीदा करोड़ों का बंगला
Next Article Electronic Vehicles ईवी को मिली नई उड़ानप्रोत्साहन देने वाले राज्यों की बिक्री में उछाल
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

मोंडलीज के स्नैक्स की तेजी से डिलीवरी करता क्विक कॉमर्स डिलीवरी बॉय, हाथ में ओरेओ और कैडबरी जैसे प्रोडक्ट्स
अस्वर्गीकृत

स्नैक्स की दुनिया में मचाया धमाल, क्विक कॉमर्स से मोंडलीज की जबरदस्त चाल

By
Industrial Empire
अस्वर्गीकृत

अप्रैल में कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट, 4 साल का उच्चतम रिकॉर्ड टूटा

By
Industrial Empire
ग्रेटर नोएडा में प्लॉट
अस्वर्गीकृत

ग्रेटर नोएडा में प्लॉट की तलाश खत्म, जानें YEIDA योजना

By
Industrial Empire
अस्वर्गीकृत

अप्रैल में यूपी ने गेहूं की खरीद में बनाया नया रिकॉर्ड, 1 लाख मीट्रिक टन पार

By
Industrial Empire
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Facebook X-twitter Youtube Linkedin

Quick links

  • हमारे बारे में
  • संपर्क करें
  • विज्ञापन

Categories

  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
    • म्यूच्यूअल फण्ड
    • आई पी ओ
  • कंपनियां
    • आई टी
    • उद्योग
    • FMCG
    • टेलीकॉम
    • रियल स्टेट
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट

Policies

  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions

Copyright © 2025 The Industial Empire. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?