भारत ने इलेक्ट्रॉनिक निर्यात के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। साल 2024-25 के शुरुआती महीनों में भारत से अमेरिका को किए गए iPhone एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड 116% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी भारत के तेज़ी से उभरते मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, भारत से अमेरिका को iPhone का कुल निर्यात ₹17,000 करोड़ के पार पहुंच चुका है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। iPhone जैसे प्रीमियम ब्रांड का भारत से इतने बड़े पैमाने पर निर्यात होना यह साबित करता है कि भारत अब हाई-क्वालिटी मैन्युफैक्चरिंग के लिए पूरी तरह तैयार है। इससे न केवल देश का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा, बल्कि भारत की तकनीकी साख भी और अधिक बढ़ेगी।

Apple कंपनी ने भारत को एक प्रमुख उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित करना शुरू कर दिया है। कंपनी के तीन प्रमुख सप्लायर हैं, Foxconn, Pegatron और Wistron। भारत में iPhone असेंबल करने का काम कर रहे हैं। इससे न केवल निर्यात को बल मिला है, बल्कि भारत में लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। Make in India अभियान और PLI (Production Linked Incentive) योजना जैसे सरकारी प्रयासों ने इस विकास में अहम भूमिका निभाई है।
भारत से अमेरिका को iPhone का बढ़ता निर्यात न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भारत की वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत भागीदारी को भी दर्शाता है। पहले तक Apple चीन पर ही निर्भर था, लेकिन कोविड-19 और जियो-पॉलिटिकल तनाव के बाद भारत को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में तेजी से बढ़ावा मिला।
इस बड़ी उपलब्धि से भारत की वैश्विक तकनीकी छवि को नई दिशा मिली है। iPhone जैसे हाई-एंड प्रोडक्ट्स का भारत से निर्यात होना देश की गुणवत्ता, निर्माण दक्षता और लॉजिस्टिक सुविधाओं का प्रमाण है। इससे आने वाले समय में अन्य इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां भी भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगी। यह भारत की डिजिटल और औद्योगिक प्रगति का प्रमाण है, जो आने वाले वर्षों में भारत को ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब की ओर ले जा रहा है।