अगर आप नया कारोबार शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो मेहनत, प्लानिंग और फंडिंग के साथ-साथ वास्तु शास्त्र का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो भवन निर्माण, दिशा और ऊर्जा संतुलन के सिद्धांतों पर आधारित है। माना जाता है कि सही वास्तु के अनुसार बनाया गया व्यापारिक स्थल सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और तरक्की में मदद करता है। आइए जानते हैं कुछ जरूरी वास्तु नियम जो नया कारोबार शुरू करने से पहले अपनाने चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार सफल व्यापार के लिए दिशाओं का विशेष महत्व होता है। उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशा को व्यापार के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और कारोबार में स्थिरता व तरक्की लाती हैं। इन दिशाओं में बना कार्यालय या दुकान व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहायक साबित होता है। इसके विपरीत, दक्षिण-पश्चिम दिशा में ऑफिस या दुकान होने पर अनेक प्रकार की बाधाएं और रुकावटें आ सकती हैं।
मुख्य प्रवेश द्वार की दिशा भी वास्तु में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऑफिस या दुकान का मुख्य दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ये दिशाएं न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का मार्ग बनाती हैं, बल्कि मानसिक शांति और सौभाग्य को भी आकर्षित करती हैं। दरवाजे के सामने कोई भी रुकावट जैसे कूड़ादान, टूटी चीज़ें, या भारी सामान नहीं होना चाहिए। दरवाजा हमेशा साफ, सुव्यवस्थित और आकर्षक दिखना चाहिए, ताकि सकारात्मकता बनी रहे।
कारोबार के मालिक या प्रमुख व्यक्ति को अपने केबिन में बैठने की दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्हें इस प्रकार बैठना चाहिए कि उनका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो। इस स्थिति में काम करते समय ऊर्जा का संचार बना रहता है और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है। केबिन में पीठ के पीछे ठोस दीवार होनी चाहिए, जिससे स्थायित्व और आत्मविश्वास मिलता है। पीठ के पीछे खिड़की, दरवाज़ा या खुली जगह नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे अस्थिरता और ध्यान में बाधा आ सकती है।
पैसे का सीधा संबंध ऊर्जा से होता है। तिजोरी या कैश काउंटर को हमेशा दक्षिण दिशा में रखना चाहिए और उसका मुंह उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए। यह धन में वृद्धि और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है। व्यापार स्थल पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंदगी या अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है। साथ ही, प्राकृतिक रोशनी का पर्याप्त इंतजाम करें। अगर संभव हो तो पूर्व दिशा से आने वाली धूप का लाभ लें। गुलदाउदी, तुलसी, मनी प्लांट जैसे पौधे ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। आर्टिफीसियल पौधों से बचें। सजावट में लक्ष्मीजी या गणेशजी की मूर्ति भी शुभ मानी जाती है, लेकिन उसे सही दिशा में स्थापित करें।
वास्तु के अनुसार, कार्यस्थल में हर दिशा की अपनी भूमिका होती है। इसलिए जब भी नया ऑफिस या दुकान शुरू करें, तो वास्तु के इन सिद्धांतों का पालन ज़रूर करें। यह न केवल व्यवसाय की सफलता को गति देता है, बल्कि काम में उत्साह और मनोबल भी बढ़ाता है। जब आप अपने व्यवसाय की नींव रख रहे हों, तो वास्तु शास्त्र के इन सरल नियमों को नजरअंदाज न करें। ये न केवल आपके कार्यस्थल की ऊर्जा को सकारात्मक बनाते हैं, बल्कि मानसिक शांति और आर्थिक उन्नति में भी सहायक होते हैं। याद रखें, मेहनत के साथ सही दिशा और सकारात्मक ऊर्जा भी सफलता की कुंजी है।