भारत ने एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है। अब भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इस उपलब्धि ने न केवल देश के आर्थिक विकास को रेखांकित किया है बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को भी और मजबूत किया है। सबसे खास बात यह है कि भारत ने इस उपलब्धि के साथ जापान को पीछे छोड़ दिया है, जो सालों से दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियों में गिना जाता रहा है।

भारत की अर्थव्यवस्था बीते कुछ सालों में लगातार तेज़ी से आगे बढ़ी है। कोविड-19 महामारी, वैश्विक मंदी और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद भारत ने जिस प्रकार अपनी आर्थिक रफ्तार को बनाए रखा, वह विश्व के लिए प्रेरणादायक है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं ने भी भारत की आर्थिक विकास दर की सराहना की है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत की GDP अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गई है, जिससे वह जापान की 3.6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ते हुए चौथे स्थान पर आ गया है।
इस आर्थिक उछाल के पीछे कई कारक हैं। सरकार की मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं ने न केवल निवेशकों को आकर्षित किया बल्कि युवाओं को भी बड़े पैमाने पर रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान किए। इसके अलावा, भारत का सेवा क्षेत्र, आईटी, डिजिटल भुगतान प्रणाली और निर्यात में बढ़ोत्तरी भी आर्थिक मजबूती का कारण बने हैं।
अब जब भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, तो इससे देश को वैश्विक मंचों पर अधिक प्रभाव और सम्मान मिलेगा। विदेशी निवेशक भी भारत को एक स्थिर और विकासशील बाजार के रूप में देखेंगे, जिससे देश में और अधिक पूंजी निवेश और रोजगार के अवसर बनेंगे। यह उपलब्धि केवल एक आंकड़ा नहीं है बल्कि यह भारत की आर्थिक नीति, रणनीतिक सोच और मेहनती जनता की सामूहिक सफलता का प्रतीक है। भारत अब जिस दिशा में बढ़ रहा है, वह दिन दूर नहीं जब यह दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।