भारत सरकार ने देश के निर्यातकों को बड़ी राहत देते हुए RoDTEP (Remission of Duties and Taxes on Exported Products) योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ को फिर से लागू करने की घोषणा की है। यह योजना 1 जून 2025 से दोबारा शुरू की जाएगी। इसका उद्देश्य निर्यात को प्रतिस्पर्धात्मक बनाना और देश की विदेशी व्यापार नीति को मजबूती देना है।

RoDTEP योजना की शुरुआत साल 2021 में की गई थी ताकि निर्यातकों को उन करों और शुल्कों की भरपाई की जा सके, जो उन्हें उत्पादन और व्यापार के दौरान चुकाने पड़ते हैं लेकिन जिनकी वापसी अन्य किसी योजना के अंतर्गत नहीं होती। इस योजना के अंतर्गत निर्यात किए गए उत्पादों पर कुछ प्रतिशत के हिसाब से लाभ दिया जाता है जिससे भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा मिलती है।
बीते कुछ महीनों से यह योजना आंशिक रूप से रुकी हुई थी जिससे कई निर्यातकों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब सरकार द्वारा इसे फिर से शुरू करने के फैसले का स्वागत निर्यातक संगठनों और उद्योग जगत ने जोरदार तरीके से किया है। माना जा रहा है कि इससे देश के निर्यात को फिर से रफ्तार मिलेगी और वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से गुजर रही है और भारत को निर्यात बढ़ाने की ज़रूरत है। RoDTEP लाभों की वापसी से न केवल निर्यातकों को सीधा फायदा मिलेगा बल्कि इससे देश के व्यापार घाटे को कम करने में भी मदद मिल सकती है। सरकार का कहना है कि यह योजना WTO के नियमों के अनुरूप है और इससे भारत का निर्यात क्षेत्र दीर्घकालिक रूप से मज़बूत होगा। इसके अलावा योजना की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाया गया है ताकि निर्यातक सरलता से लाभ प्राप्त कर सकें।
RoDTEP योजना की बहाली एक सकारात्मक संकेत है जो यह दिखाता है कि भारत सरकार देश के निर्यातकों के साथ खड़ी है और वैश्विक बाज़ार में भारत को एक मज़बूत आर्थिक शक्ति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।