टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में बड़े स्तर पर बदलाव होने जा रहे हैं। कंपनी के बोर्ड में नए निदेशकों की एंट्री तय मानी जा रही है, जिससे न सिर्फ नए विचारों का आगमन होगा, बल्कि कंपनी के भविष्य के निवेश और विस्तार योजनाओं को भी मजबूती मिलेगी। आने वाले समय में कंपनी में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश किए जाने की योजना है, जिससे डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरलाइंस और रक्षा जैसे नए क्षेत्रों में विस्तार होगा।

बोर्ड में बदलाव की बड़ी तैयारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, टाटा संस के बोर्ड में मौजूदा समय में रिक्तियों की स्थिति बनी हुई है। जगुआर लैंड रोवर के पूर्व सीईओ राल्फ स्पेथ, जो 2016 से बोर्ड में हैं, जल्द ही 70 वर्ष के हो रहे हैं और रिटायर हो सकते हैं। वहीं, एक अन्य स्वतंत्र निदेशक लियो पुरी ने अप्रैल 2025 में इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, इन रिक्तियों में से एक पर टाटा ग्रुप की किसी कंपनी के कार्यकारी निदेशक को शामिल किया जा सकता है।
टाटा स्टील के टीवी नरेंद्रन हो सकते हैं नए निदेशक
बोर्ड में शामिल किए जाने की दौड़ में टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन का नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि, टाटा संस की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अजय पीरामल भी अगले साल होंगे रिटायर
अजय पीरामल, जो 2016 में बोर्ड में शामिल हुए थे, वे भी अगले वर्ष के मध्य तक रिटायर हो सकते हैं। बोर्ड स्तर के पदों के लिए टाटा संस की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष निर्धारित है। रिटायरमेंट की यह प्रक्रिया बोर्ड के स्वरूप को पूरी तरह से बदल सकती है। उल्लेखनीय है कि यह वही बोर्ड है जिसे रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद पुनर्गठित किया था।

30,000 करोड़ रुपये का नया निवेश
टाटा संस आने वाले समय में 30,000 करोड़ रुपये (लगभग 3.5 बिलियन डॉलर) का निवेश करने की तैयारी में है। यह निवेश खासकर इन क्षेत्रों पर केंद्रित होगा
टाटा डिजिटल
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स
एयर इंडिया
डिफेंस और बैटरी यूनिट्स
अधिकारियों के अनुसार, डिफेंस सेक्टर को इस निवेश में खास प्राथमिकता दी जा रही है। यह नया निवेश, टाटा ग्रुप की पहले से घोषित 120 बिलियन डॉलर की लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट कमिटमेंट से अलग है।
आरबीआई को भेजा आवेदन, सूचीबद्ध नहीं होगी टाटा संस
टाटा संस ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वापस लेने का अनुरोध किया है। कंपनी ने हाल ही में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चुका दिया है। इस कदम के तहत टाटा संस एक गैर-सूचीबद्ध (Unlisted) कंपनी बनी रहेगी, जिसका मतलब है कि इसके शेयर शेयर बाजार में नहीं बेचे जाएंगे।

नई दिशा और ऊर्जा का संकेत
टाटा संस में होने जा रहे ये बदलाव समूह के भविष्य को लेकर एक नई दिशा और ऊर्जा का संकेत देते हैं। नए निदेशकों की नियुक्ति, भारी निवेश और नए क्षेत्रों पर फोकस— ये सभी पहलू टाटा समूह को भारत के सबसे मजबूत और भविष्य उन्मुख बिजनेस समूहों में बनाए रखने में मदद करेंगे।