पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा। कनाडा के कानानास्किस में चल रही G7 की बैठक में उन्होंने आतंकवाद, तकनीक और ग्लोबल साउथ जैसे अहम मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। साथ ही उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी ज़िक्र किया। बैठक में उन्होंने आतंक के खिलाफ दुनिया को एकसाथ खड़े होने पर जोर दिया। उन्होंने साफ कहा कि जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। मोदी ने बताया कि भारत ने इस हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया। आतंकवाद के साथ पीएम ने ग्लोबल साउथ की आवाज भी बुलंद की।
उन्होंने कहा कि, “भारत विकासशील देशों की चिंताओं को मंच पर लाने को अपनी ज़िम्मेदारी मानता है।” इस दौरान उन्होंने इंटरनेशनल सोलर अलायंस, CDRI और ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस जैसी भारत की पहल का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे भारत पूरी दुनिया की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान दे रहा है।
तकनीक के मामले में भी भारत पीछे नहीं है। भारत ने तकनीक को सिर्फ अमीरों तक सीमित नहीं रखा बल्कि आम जनमानस तक पहुँचाया है। AI जैसी नई तकनीक पर संतुलित नीति की बात कर उन्होंने दुनिया को मानव-केंद्रित टेक्नोलॉजी अपनाने का मैसेज दिया।
इस बैठक के दौरान पीएम मोदी की मुलाकात कनाडा के पीएम मार्क कार्नी से भी हुई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों, क्लीन एनर्जी और निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा की। बीते कुछ समय से भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव था पर जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और कनाडाई पीएम मार्क कार्नी की मुलाकात के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच नए संबंध स्थापित हो सकेंगे।