बिहार। किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को ज्यादा लाभकारी बनाने के लिए बिहार सरकार ने एक बेहतरीन योजना शुरू की है। अब किसान पारंपरिक फसलों के साथ आंवला, अमरूद, एपल बेर और नींबू जैसे फलों की भी खेती कर सकते हैं और खास बात यह है कि सरकार इस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। इस योजना को “फसल विविधीकरण योजना” का नाम दिया गया है, जिसे बिहार के उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है।
कम लागत, ज्यादा मुनाफा
बागवानी फसलों की सबसे बड़ी खासियत है कि इनकी खेती में लागत कम आती है और मुनाफा ज्यादा होता है। इसके अलावा, ये फसलें जलवायु परिवर्तन के दौर में भी टिकाऊ खेती का एक मजबूत विकल्प बन सकती हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आंवला की खेती 20 हेक्टेयर, एपल बेर 25 हेक्टेयर, नींबू और अमरूद की खेती 30-30 हेक्टेयर में की जाए।
सब्सिडी का पूरा गणित
सरकार ने प्रति हेक्टेयर की यूनिट कॉस्ट 1 लाख रुपये तय की है। इस पर किसानों को 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी दो किस्तों में किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी – पहली किस्त पौधे लगाने के बाद (60%) और दूसरी किस्त अगले साल दी जाएगी।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को उद्यान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दी जा रही है, इसलिए जल्द आवेदन करना जरूरी है। एक किसान कम से कम 0.1 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर तक के लिए आवेदन कर सकता है।
जरूरी दस्तावेज
आवेदन के साथ जमीन की पिछले दो साल के भीतर की रसीद देनी होगी। वेरिफिकेशन के बाद ही वर्क ऑर्डर मिलेगा और संबंधित अधिकारी मौके पर जांच के बाद ही सब्सिडी की राशि सीधे खाते में भेजेंगे।
पौधों की संख्या क्या होगी?
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक हेक्टेयर में कितने पौधे लगाए जाएंगे –
आंवला: 400 पौधे
एपल बेर: 278 पौधे
नींबू: 555 पौधे
अमरूद: 278 पौधे
बिहार सरकार की यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। कम लागत, सरकारी सहायता और टिकाऊ खेती, इन सभी लाभों के साथ अब किसान बागवानी फसलों की ओर रुख कर सकते हैं और अपनी आमदनी को एक नई ऊंचाई दे सकते हैं।