मनु तिवारी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (UPCAR) ने लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान परिसर में अपना 36वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर आयोजित कृषि वैज्ञानिक सम्मान समारोह और राष्ट्रीय संगोष्ठी “विकसित कृषि – विकसित उत्तर प्रदेश” में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने की, जबकि विशेष अतिथि के तौर पर राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव रविंद्र और UPCAR अध्यक्ष कैप्टन (से.नि.) विकास गुप्ता मौजूद रहे। साथ ही प्रदेश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कृषि से जुड़े वैज्ञानिक शोधों को जमीन तक लाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को प्राकृतिक संसाधनों की भरपूर सौगात मिली है – उपजाऊ भूमि, भरपूर जल संसाधन और 86 प्रतिशत से अधिक सिंचित क्षेत्र। इसके बावजूद दुख की बात है कि सिर्फ 25-30% किसान ही वैज्ञानिक शोधों और तकनीकों का फायदा उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिसर्च और इनोवेशन तभी सफल होंगे जब वे खेतों तक पहुंचें और किसानों की आमदनी बढ़ाएं।
कृषि को रोजगार नहीं, खुशहाली का जरिया बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के पास देश की 11 प्रतिशत कृषि भूमि है और हम 20 प्रतिशत से ज्यादा खाद्यान्न उत्पादन करते हैं। लेकिन फिर भी इसमें 3 गुना तक बढ़त की संभावना है। उन्होंने किसानों और वैज्ञानिकों दोनों से अपील की कि तकनीक, प्रशिक्षण और जागरूकता के जरिये उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जाए। योगी ने स्पष्ट कहा कि अगर उत्तर प्रदेश कृषि में अग्रणी बना, तो भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना संभव है।
नई तकनीक अपनाएं, बदलते मौसम से निपटें
मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा कि जलवायु परिवर्तन, सूखा और देर से बारिश जैसी समस्याओं को ध्यान में रखकर स्थानीय समाधान खोजे जाएं। किसानों को नए प्रयोग और तकनीकों से परिचित कराने के लिए डेमोन्स्ट्रेशन और फील्ड ट्रेनिंग बढ़ाई जानी चाहिए।
कृषि वैज्ञानिकों का सम्मान और पुस्तक विमोचन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने UPCAR और UPASS पुरस्कारों का वितरण किया। कई वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को AGRICULTURAL SCIENTIST HONOR से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कृषि शोध से संबंधित एक न्यूज़लेटर का विमोचन भी किया गया और इसके बाद तकनीकी सत्रों की शुरुआत हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव रविंद्र ने की।
उत्तर प्रदेश में कृषि को लेकर सरकार का विज़न साफ है – रिसर्च, तकनीक और किसानों को जोड़कर न केवल राज्य, बल्कि देश की आर्थिक रीढ़ को मजबूत करना। UPCAR जैसे संस्थान इसी दिशा में उम्मीद की किरण बनकर उभर रहे हैं।