नए साल की शुरुआत से पहले लाखों लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं – 2026 में लोक अदालत कब-कब लगेगी? खासकर वे लोग, जिनके पुराने ट्रैफिक चालान या छोटे-मोटे केस लंबे समय से पेंडिंग हैं। लोक अदालत आम लोगों के लिए राहत का सबसे आसान और सस्ता मंच मानी जाती है, जहां बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के मामलों का निपटारा हो जाता है।
लोक अदालत का आयोजन सरकार और न्यायिक संस्थाओं की ओर से किया जाता है, ताकि अदालतों पर बढ़ते बोझ को कम किया जा सके और आम जनता को त्वरित न्याय मिल सके। ऐसे में आइए जानते हैं कि साल 2026 में कितनी लोक अदालतें लगेंगी, उनकी तारीखें क्या हैं और वहां किन मामलों का निपटारा होता है।
Lok Adalat 2026 Dates: पूरे साल का शेड्यूल
साल 2026 में कुल चार राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली में एक अतिरिक्त लोक अदालत भी लगेगी। पूरी लिस्ट इस प्रकार है –
पहली लोक अदालत: 14 मार्च 2026
दूसरी लोक अदालत: 9 मई 2026
तीसरी लोक अदालत: 12 सितंबर 2026
चौथी लोक अदालत: 12 दिसंबर 2026
इसके अलावा, दिल्ली में 10 जनवरी 2026 को भी लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। दरअसल, 13 दिसंबर 2025 को दिल्ली में लोक अदालत नहीं लग पाई थी, इसी कारण जनवरी में अतिरिक्त तारीख तय की गई है।
लोक अदालत क्यों होती है खास?
लोक अदालत आम लोगों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यहां पुराने पेंडिंग ट्रैफिक चालान बेहद कम रकम में निपटा दिए जाते हैं और कई मामलों में जुर्माना माफ भी कर दिया जाता है। यही वजह है कि लोक अदालत का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। लोक अदालत में लंबी बहस, वकीलों की फीस या बार-बार कोर्ट के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती। एक ही दिन में मामला सुलझ जाता है और फैसला अंतिम माना जाता है।
किन मामलों की सुनवाई होती है?
यह समझना जरूरी है कि लोक अदालत में हर तरह के मामलों की सुनवाई नहीं होती। यहां सिर्फ छोटे और सुलह योग्य मामलों का निपटारा किया जाता है। लोक अदालत में आमतौर पर ये मामले निपटाए जाते हैं –
- ट्रैफिक चालान
- हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाने के केस
- रेड लाइट जंप
- जेब्रा लाइन पर गाड़ी खड़ी करने जैसे मामूली उल्लंघन
हालांकि, एक्सीडेंट, गंभीर अपराध या आपराधिक मामलों की सुनवाई लोक अदालत में नहीं होती।
लोक अदालत में जाने से पहले क्या करना जरूरी है?
लोक अदालत में सीधे पहुंच जाना काफी नहीं होता। इसके लिए पहले ऑनलाइन टोकन (अपॉइंटमेंट) लेना जरूरी होता है। यह प्रक्रिया लोक अदालत की तारीख से कुछ दिन पहले शुरू कर दी जाती है। टोकन लेने के दौरान आपको वाहन नंबर, चालान से जुड़ी जानकारी भरनी होती है, जिसके बाद आपके सामने चालान की पूरी डिटेल आ जाती है।
अपॉइंटमेंट कैसे मिलता है?
चालान की जानकारी सामने आने के बाद आपको –
- कोर्ट का चयन करना होता है
- सुनवाई का समय चुनना होता है
इसके बाद आपको अपॉइंटमेंट मिल जाता है। इस अपॉइंटमेंट की प्रिंट आउट कॉपी लोक अदालत में ले जाना अनिवार्य होता है।
कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं?
लोक अदालत जाते समय आपको ये दस्तावेज साथ रखने होते हैं –
– अपॉइंटमेंट स्लिप की प्रिंट कॉपी
– वाहन से जुड़े जरूरी कागजात
अपॉइंटमेंट स्लिप में यह साफ लिखा होता है कि चालान किस मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कटा है, कहां और किस समय उल्लंघन हुआ था। ध्यान रखें, जिसके नाम पर टोकन होता है, वही व्यक्ति लोक अदालत में जा सकता है।
क्यों नहीं छोड़ना चाहिए लोक अदालत का मौका?
अगर आपके पास पुराने ट्रैफिक चालान पेंडिंग हैं, तो लोक अदालत उन्हें निपटाने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है। न जुर्माने का भारी बोझ, न कानूनी झंझट। इसलिए 2026 में आने वाली लोक अदालत की तारीखों को नोट कर लें और समय रहते टोकन लेकर अपना मामला निपटाएं। लोक अदालत आपकी जेब का भार को कम करने के साथ, न्याय प्रणाली को भी तेज और सरल बनाती है।