भारत सरकार का बड़ा कदम, देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मिलेगी मजबूती
देसी उद्योग को होगा फायदा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मिलेगा बल

भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश से परिधान और अन्य वस्तुओं के आयात पर लगाए गए नए प्रतिबंध का घरेलू खुदरा कंपनियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश से होने वाले निर्यात में कमी की भरपाई भारत घरेलू स्तर पर करेगा।
आयात पर निर्भरता और आंकड़े
इंडियन टेक्सप्रेन्योर्स फेडरेशन (आईटीएफ) के अनुसार, फरवरी 2024 तक पिछले फाइनेंशियल ईयर के 11 महीनों के दौरान भारत ने बांग्लादेश से करीब 61.8 करोड़ डॉलर मूल्य के बुने हुए परिधान (निट और वोवन कपड़े) आयात किए। भारत के कुल परिधान आयात में बांग्लादेश की हिस्सेदारी करीब 35-40 प्रतिशत रही है।
आईटीएफ के संयोजक प्रभु दामोदरन ने बताया कि भारत के कारोबारी अब तक बांग्लादेश से शून्य शुल्क का लाभ उठाकर बड़ी मात्रा में कपड़े आयात कर रहे थे। लेकिन अब जब यह आयात रुकेगा, तो घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।
सरकारी अधिसूचना से आयात में बदलाव
वाणिज्य मंत्रालय ने 17 मई को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि अब बांग्लादेश से मुंबई के न्हावा शेवा और कोलकाता के बंदरगाहों के ज़रिए आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका सीधा असर यह होगा कि बांग्लादेश से आने वाला सामान महंगा हो जाएगा और भारतीय व्यापारी उसका आयात करने से कतराएंगे।
घरेलू उत्पादन को मिलेगा प्रोत्साहन
वस्त्र कंपनी टी. टी. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय कुमार जैन ने बताया कि सरकार के इस फैसले से लागत और समय दोनों बढ़ जाएंगे, जिससे छोटे आयातकों के लिए कारोबार करना कठिन हो जाएगा। वर्तमान में बांग्लादेश से भारत में बिना शुल्क के सालाना करीब 6,000 करोड़ रुपये का सामान आता है। मगर इस प्रतिबंध के बाद अनुमान है कि लगभग 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये मूल्य के परिधान अब भारतीय निर्माता ही उपलब्ध कराएंगे।
घरेलू एमएसएमई को राहत
क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) के अध्यक्ष संतोष कटारिया ने सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा, भारतीय वस्त्र उद्योग काफी समय से शिकायत कर रहा था कि विदेशी सस्ते कपड़ों की वजह से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ रहा है, खासकर एमएसएमई कंपनियों पर। सरकार ने समय पर सही कदम उठाया है, जिससे अब देसी उद्योग को फायदा होगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बल मिलेगा।