देश के करोड़ों किसानों के लिए सरकार की ओर से एक और राहत भरी खबर आई है। अगर आप पहले से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के लाभार्थी हैं, तो अब आपको हर महीने 3 हजार रुपये की पेंशन पाने का भी मौका मिल सकता है और इसके लिए जेब से एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। हम बात कर रहे हैं “प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY)” की जिसे अब सीधे PM-Kisan योजना से जोड़ दिया गया है।
क्या है पीएम किसान मानधन योजना?
PM-KMY एक केंद्र सरकार की पेंशन योजना है, जिसे खासतौर पर छोटे और सीमांत किसानों के लिए शुरू किया गया है। इस स्कीम के तहत किसान को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3 हजार यानी सालाना 36 हजार रुपये की पेंशन मिलती है। यह पेंशन जीवनभर मिलती रहती है, जिससे वृद्धावस्था में आर्थिक सहारा बना रहता है।
रजिस्ट्रेशन में नहीं है कोई झंझट
इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसान को बहुत ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी। अगर आप पहले से PM-Kisan योजना में रजिस्टर्ड हैं, तो आपका डाटा पहले से ही सरकार के पास होता है। ऐसे में आपको बस एक बार नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। वहां पर किसान को अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि के कागज़ात और एक पासपोर्ट साइज फोटो लेकर जाना होता है। CSC ऑपरेटर आपकी जानकारी ऑनलाइन दर्ज करता है और एक ऑटो-डेबिट फॉर्म भरवाता है, जिससे तय राशि हर महीने सीधे आपके बैंक अकाउंट से कटती रहे।
पैसा कटेगा सीधे PM-Kisan से
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसानों को अपनी जेब से पैसा नहीं देना पड़ता। आमतौर पर इस योजना में 18 से 40 साल के किसानों को उम्र के अनुसार हर महीने ₹55 से ₹200 तक का अंशदान करना होता है। लेकिन अगर किसान PM-Kisan योजना से जुड़ा हुआ है, तो यह पैसा सीधे सरकार की तरफ से मिलने वाली 6 हजार सालाना सहायता से काट लिया जाता है।
उदाहरण के लिए, अगर कोई किसान 40 साल की उम्र में इस योजना से जुड़ता है, तो उसका सालाना योगदान ₹2,400 होगा, जो कि PM-Kisan की सहायता राशि से ही कट जाएगा। शेष ₹3,600 किसान के खाते में सामान्य रूप से आता रहेगा।
कैसे मिलेगी पेंशन?
जब किसान की उम्र 60 साल पूरी हो जाती है, तो उसे सरकार की तरफ से हर महीने 3 हजार की पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। इसके लिए किसान को एक पेंशन कार्ड और ID नंबर दिया जाता है, जो भविष्य में उसकी पहचान का माध्यम बनता है। यह पेंशन आजीवन मिलती रहती है।
बुज़ुर्ग किसानों को मिलेगी आत्मनिर्भरता
इस योजना का उद्देश्य यह है कि वृद्धावस्था में किसानों को दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े। PM-KMY न सिर्फ आर्थिक सहारा देती है, बल्कि यह सम्मानपूर्वक जीवन जीने का एक मजबूत आधार भी बनती है। जिन किसानों ने पूरी उम्र मेहनत से देश का पेट भरा है, उनके लिए यह पेंशन योजना एक तरह से उनका हक है और अब यह हक पाना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है।