हर साल पराली जलाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और किसानों को भी इसका कोई फायदा नहीं होता। लेकिन अब इस सोच को बदलने का समय आ गया है। हरियाणा सरकार ने पराली से जुड़ी इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार योजना शुरू की है। इस योजना से प्रदूषण भी रुकेगा साथ ही किसानों और उद्यमियों को अच्छी कमाई का मौका मिलेगा।
उद्योग लगाने पर मिलेगी सब्सिडी
हरियाणा कृषि विभाग की योजना के तहत जो भी किसान समूह, सहकारी समितियां या पंचायतें पराली से जुड़ी इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं, उन्हें 65 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन 15 जुलाई 2025 तक कृषि विभाग की वेबसाइट (https://agriharyana.gov.in) पर ऑनलाइन किया जा सकता है।
योजना की प्रमुख बातें
इस योजना के अंतर्गत उन क्षेत्रों में इंडस्ट्री लगाने को प्राथमिकता दी जाएगी जो 25 किलोमीटर के दायरे में हों। सरकार द्वारा सब्सिडी की दो श्रेणियां बनाई गई हैं। एक विकल्प के तहत उद्योग को 25 फीसदी और एग्रीगेटर को 10 फीसदी खर्च उठाना होगा। दूसरे विकल्प में एग्रीगेटर को 35 प्रतिशत योगदान देना होगा। इन इकाइयों के लिए बेलर, ट्रैक्टर, टेली हैंडलर, नमी मापक यंत्र और अन्य आधुनिक मशीनों पर भी सब्सिडी मिलेगी, जिससे लागत कम होगी और काम सुगम होगा।
किसानों के लिए दोहरा लाभ
इस योजना से पराली जलाने की घटनाओं में कमी आएगी और किसानों को पराली बेचकर अतिरिक्त आमदनी होगी। जो किसान पहले से पराली प्रबंधन में सक्रिय हैं, उन्हें इस योजना में विशेष प्राथमिकता मिलेगी। अगर आपने 2024-25 में पहले ही आवेदन किया है, तो दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं।
पर्यावरण संरक्षण के साथ कमाई का अवसर
सरकार की तरफ से इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी, पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक ठोस कदम है। जो भी उद्यमी या किसान आगे बढ़कर पराली से जुड़ी इकाइयां स्थापित करना चाहते हैं, उनके लिए यह सुनहरा मौका है।