अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामान पर टैरिफ़ बढ़ाए जाने के फैसले का सीधा असर अब उत्तर प्रदेश की इंडस्ट्री पर दिखने लगा है। मुरादाबाद के ब्रासवेयर, आगरा के फुटवियर और फिरोज़ाबाद के ग्लास उत्पाद — जिनकी बड़ी खेप अमेरिका को जाती है — अचानक महंगे हो गए हैं। नतीजा यह कि ऑर्डर घटने लगे हैं और व्यापारी चिंता में हैं।
टैरिफ़ का यूपी के एक्सपोर्ट पर सीधा वार
भारत से अमेरिका को हर साल 6.5 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट होता है। इसमें यूपी का योगदान 20 फीसदी तक है। अब टैरिफ़ बढ़ने से इन प्रोडक्ट्स की कीमतें अमेरिकी बाज़ार में प्रतिस्पर्धा खो रही हैं।
• आगरा फुटवियर: लागत बढ़ी, ऑर्डर कैंसिल।
• मुरादाबाद ब्रासवेयर: मुनाफ़ा घटा, निर्यात में गिरावट।
• फिरोज़ाबाद ग्लास: ग्लोबल ऑर्डर कमज़ोर पड़े।
व्यापारियों की परेशानी
आगरा के फुटवियर व्यापारी राजेश अग्रवाल कहते हैं:
“पिछले महीने ही अमेरिका से दो बड़े ऑर्डर कैंसिल हो गए। टैरिफ़ ने हमारी कॉस्ट बढ़ा दी है और खरीदार अब दूसरे देशों की ओर देख रहे हैं।”
मुरादाबाद के एक उद्योगपति ने कहा कि हमारी इंडस्ट्री सीधे 5 लाख मज़दूरों को रोजगार देती है। अगर ऑर्डर कम हुए तो सबसे पहले रोज़गार पर असर पड़ेगा।
मजदूरों की चिंता
कारखानों में काम करने वाले मज़दूर भी टैरिफ़ संकट से डरे हुए हैं। फिरोज़ाबाद के एक मज़दूर ने बताया -“अगर ऑर्डर नहीं आएंगे तो काम घटेगा और फिर हमारी रोज़ी-रोटी भी छिन जाएगी।”
एक्सपर्ट एनालिसिस
अर्थशास्त्री प्रो. अरविंद मिश्र का कहना है “भारत के एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी अहम है। यूपी जैसे राज्य, जो परंपरागत उद्योगों पर टिके हैं, वहां यह टैरिफ़ बड़ा झटका साबित हो सकता है। अगर यह नीति लंबे समय तक लागू रही, तो यूपी की इंडस्ट्री को अरबों का नुकसान हो सकता है।”
आगे का रास्ता
व्यापारी संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार अमेरिका के साथ टैरिफ़ को लेकर नई बातचीत शुरू करे, ताकि एक्सपोर्ट को सहारा मिल सके। फिलहाल, यूपी की इंडस्ट्री ‘इंतज़ार और उम्मीद’ की स्थिति में है – उम्मीद इस बात की कि कारोबार पर मंडरा रहा संकट टल जाए।