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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > ट्रेंडिंग खबरें > आयकर विभाग का नया डिजिटल हथियार! टैक्सपेयर्स की बढ़ेंगी मुश्किलें
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आयकर विभाग का नया डिजिटल हथियार! टैक्सपेयर्स की बढ़ेंगी मुश्किलें

Shashank Pathak
Last updated: 28/07/2025 10:55 AM
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Shashank Pathak
ByShashank Pathak
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Income Tax विभाग AI से रखेगा टैक्सपेयर्स पर नज़र
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आयकर विभाग अब पहले जैसा नहीं रहा। अब वो सिर्फ पुराने दस्तावेज़ों या बैंक स्टेटमेंट से ही नहीं, बल्कि आपकी हर डिजिटल एक्टिविटी पर नज़र रख रहा है। Artificial Intelligence (AI) की मदद से अब टैक्स डिपार्टमेंट आपकी इनकम, निवेश और खर्च को ट्रैक कर पा रहा है – वो भी बिना आपको पता चले! जो लोग बार-बार AIS पोर्टल खोलते हैं लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरते, अब उनकी पहचान की जा रही है। यानी अब सिर्फ देख कर निकल जाने वालों की भी खबर ली जाएगी।

AIS पोर्टल: आपकी फाइनेंशियल लाइफ का मिरर
AIS यानी Annual Information Statement ऐसा पोर्टल है जहां आपकी सारी फाइनेंशियल जानकारी आपने कहां-कितना इन्वेस्ट किया, कितना कमाया और कहां खर्च किया दर्ज रहती है। 2024-25 में लगभग 40 करोड़ लोगों का AIS बना, लेकिन सिर्फ 9 करोड़ लोगों ने रिटर्न फाइल किया। मतलब करोड़ों लोग तो सिर्फ पोर्टल देखते रहे, लेकिन कार्रवाई नहीं की। एक आंकड़े के मुताबिक हर टैक्सपेयर ने औसतन 3.5 बार पोर्टल विज़िट किया, जिससे 24 करोड़ विज़िट्स दर्ज हुए। इससे साफ है कि लोग कन्फ्यूज हैं या फिर कुछ छिपा रहे हैं।

हर गड़बड़ी बताएगा AI
अब आयकर विभाग ने AI-पावर्ड एनालिटिक्स सिस्टम शुरू कर दिया है। यह सिस्टम हर उस ट्रांजैक्शन पर अलर्ट करता है जो सामान्य व्यवहार से अलग है। जैसे – अगर किसी ने इनकम दिखाई नहीं, लेकिन बड़ा खर्च किया या बार-बार AIS चेक कर रहा है लेकिन रिटर्न नहीं फाइल कर रहा है। साथ ही सेक्शन 80 के तहत फर्जी डिडक्शन क्लेम करने वालों को भी AI पकड़ रहा है।

गलत डिडक्शन? अब नहीं चलेगा बहाना
कई लोग एजेंट के कहने पर सेक्शन 80GGC (राजनीतिक चंदे) या अन्य डिडक्शन क्लेम कर लेते हैं, जिनका उन्हें कोई हक नहीं होता। 14 जुलाई 2025 को देशभर में एक मेगा वेरिफिकेशन ड्राइव हुई, जिसमें 150 शहरों में 1.5 लाख से ज्यादा PAN कार्ड की जांच हुई। नतीजा? हजारों फर्जी डिडक्शन पकड़े गए। डिपार्टमेंट मानता है कि अधिकतर लोग जानबूझकर नहीं, बल्कि जानकारी की कमी या एजेंट के बहकावे में ऐसा करते हैं। लेकिन अब ये गलती भी भारी पड़ सकती है।

नई रणनीति ‘Soft Push’
अब विभाग की रणनीति है ‘Soft Push’ – यानी बिना डराए, बिना धमकाए, टैक्सपेयर्स को gently यह एहसास दिलाना कि उन्हें सही और समय पर रिटर्न फाइल करना चाहिए। नतीजतन, डिपार्टमेंट अब SMS और ईमेल से लोगों को अलर्ट भेजता है, ताकि वे गलती सुधार सकें। इस स्ट्रैटेजी से अच्छे नतीजे भी दिख रहे हैं।

19,501 लोगों को जब भेजा गया अलर्ट
एक मामले में जब विभाग को 19,501 टैक्सपेयर्स की विदेशी संपत्ति का डेटा मिला, तो उन्हें SMS और ईमेल से संपर्क किया गया। नतीजा? 62 फीसदी लोगों ने तुरंत अपना रिटर्न अपडेट कर दिया और ₹29,208 करोड़ की विदेशी संपत्ति व ₹1,089 करोड़ की इनकम का खुलासा हुआ।

फर्जी क्लेम्स पर कड़ी कार्रवाई
सिर्फ सेक्शन 80GGC में ही नहीं, कई और डिडक्शन सेक्शन जैसे 80C, 80D आदि में भी फर्जी क्लेम्स की भरमार है। इस साल ₹9,000 करोड़ तक के झूठे क्लेम पकड़े गए। इनमें से ₹963 करोड़ के फर्जी क्लेम कम कराए गए और ₹409.5 करोड़ टैक्स के रूप में वसूल भी किए गए।

असली ईमेल और मोबाइल नंबर बहुत जरूरी
डिपार्टमेंट का कहना है कि कई बार टैक्सपेयर्स अपने एजेंट का मोबाइल नंबर या ईमेल डाल देते हैं। इससे सीधा संवाद नहीं हो पाता और टैक्सपेयर्स तक जरूरी जानकारी नहीं पहुंचती। CBDT चेयरमैन रवि अग्रवाल ने साफ कहा है कि सभी टैक्सपेयर्स को अपना असली और अपडेटेड मोबाइल नंबर व ईमेल देना चाहिए, ताकि सही समय पर सही जानकारी मिल सके।

ITR से बचना होगा मुश्किल
18 जून 2025 तक 89 लाख लोगों ने अपडेटेड ITR फाइल किया, जिससे ₹9,577 करोड़ का अतिरिक्त टैक्स जमा हुआ। लेकिन अब विभाग सिर्फ भरोसे पर काम नहीं कर रहा। अब हर रिटर्न, हर डिडक्शन और हर छूट को बारीकी से जांचा जाएगा। फर्जी डिडक्शन पर कार्रवाई और जुर्माने की संभावना अब कहीं अधिक बढ़ गई है।

हर डिजिटल ट्रैक है विभाग की नजर में
आपने कितना UPI किया, कौन-सी गाड़ी खरीदी, विदेश यात्रा की या ऑनलाइन स्टॉक्स में पैसा डाला – हर चीज अब डिपार्टमेंट के AI सिस्टम के रडार पर है। बार-बार AIS देखने से लेकर बड़ी खरीदारी और विदेशी इनकम तक, सबकुछ ट्रैक हो रहा है। और अगर आपने अभी तक रिटर्न नहीं भरा, तो अलर्ट मिलना तय है।

“भरोसा है, लेकिन बहाना नहीं चलेगा”
CBDT चेयरमैन ने एक बयान में कहा, “हमें टैक्सपेयर्स पर भरोसा है। लेकिन फर्जी डिडक्शन अब बर्दाश्त नहीं होगा।” उनका कहना है कि डिपार्टमेंट का मकसद डराना नहीं है, बल्कि टैक्स सिस्टम को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है। लेकिन इसके लिए सभी को सही जानकारी देनी होगी और ईमानदारी से टैक्स भरना होगा।

अब टैक्स फाइल करना सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आपकी डिजिटल छवि का हिस्सा बन चुका है। अगर आप आज नहीं सुधरे, तो कल आपके इनबॉक्स में एक चेतावनी आ सकती है – “आपको सिस्टम ने चिन्हित किया है।” इसलिए समय रहते सही कदम उठाएं, AIS देखें और रिटर्न समय पर फाइल करें। टैक्स देना सिर्फ दायित्व नहीं, देश की तरक्की में आपका योगदान भी है।

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